सपना जहाँ हकीकत में दस्तक दे

Tripoto
20th Jun 2019
Day 1

दुनिया के हर हिस्से में कूच किस्से बनते है। मंजिल कि भूक और रास्ते में लगने वाली भूक सिर्फ एक राही जानता है। और ऐसे हाल में गरमा गरम मैगी मिल जाए तो वढीया है। ये कूच किस्सा ऐसा है के हम अभि पिछले जनवरी में सिक्कीम के लिए रवाना हुए थे। तो गंगटोक से लाचुंग जाते वक्त रास्ते में एक अंकल और आँटी का मैगी का छोटा ठेला था। गरम मैगी ने थंडी कि कडकडाहट मिटाई। मैगी खतम होते हि हमारी बातें शुरु हुई। वो अंकल ने अपने सिक्किमी लहेजे में कूच ऐसे पुछा के 'तोम लोग कहोसे आए हो ?' तो हमने भी केह दिया मुंबई से आए है। अंकल सिक्कीम कि तारीफों के पूल बांधने लगे के कैसे ये थंडी हवा और बर्फ से ढके पहाड किसिका भी मन बेहेल देते है। तो हम तो मुंबईकर ठेहरे हम क्यू पिछे रेहते, हमने भी मुंबई कि कहानियों में कोई कसर ना छोडी। फिर अलविदा लेते वक्त हमने हिंदुस्थानी धर्म निभाया और कहा आवो कभी मुंबई, स्वागत करेंगे आपका। अंकल ने कूच ऐसा कहा के मुंबई आना तो एक सपने जैसा है, हर कोई हिरो नही बनना चाहता।

शायद कूछ दिन पहले सिक्कीम जाना हमारे लिए भी एक सपने जैसे हि था।

Photo of Lachung, Sikkim, India by Vaishnavi Deshmukh
Photo of Lachung, Sikkim, India by Vaishnavi Deshmukh

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