...और फिर जाना हुआ दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में। यदि आप अपने परिवार के साथ दिल्ली घूमने आये हैं तो रेलवे म्यूजियम का एक चक्कर लगाना तो बनता है। यहाँ ऐतिहासिकता के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्यता भी प्रचुर मात्रा में है। परिवार व दोस्तों के साथ अच्छा वक्त गुजारने को बेहतरीन जगह। सिर्फ 50 रुपये की टिकट लीजिये और एक दिन के लिए रेलों से सुसज्जित ये 10 एकड़ का इलाका आपका। यहाँ दुनिया की सबसे पुरानी स्टीम लोकोमोटिव 'फेरी क्वीन' है, प्रिंस वेल्स के साथ-साथ मैसूर व इंदौर के महाराजों की सैलून वाली बोगी भी। कई बड़े-बड़े इंजन तो हैं ही, साथ ही छोटे-छोटे खिलौनेनुमा रेलवे व्यवस्था इसे बच्चों के लिए भी मनोरंजक बनाती है। रेलवे का पूरा इतिहास है यहाँ।
बाहर रेल इंजनों को देख आपके बचपन की यादें ताजा होंगी ही, वर्तमान में जीते हुए भविष्य की कल्पनाओं की रेल को भी नई रफ्तार मिलेगी। इस क्षेत्र में इंजनों के अलावा एक मुख्य रेल संग्रहालय भी है। रेलवे म्यूजियम के इस भाग में भारतीय रेलवे का सम्पूर्ण इतिहास व भविष्य दर्शाया गया है। डमी आकृतियों के माध्यम से खेल-खेल में आप रेलवे का पूरा इतिहास देख आते हैं। संग्रहालय का ये भाग भी उतना ही दिलचस्प है जितना बाहर बड़ी-बड़ी इंजनों का इतिहास। यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले पास, इंजनों का इतिहास, डब्बों व रेलवे का विकास, सीटों व सुविधाओं में परिवर्तन, भारतीय रेल को मिली भेंट के साथ 'पद्मभूषण' व 'ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर' सम्मान में मिले पदक भी इस संग्रहालय की शोभा बढ़ा रहे। देखने, सीखने, समझने को बहुत कुछ है यहाँ। यदि आप अबतक नहीं गए हैं यहाँ, तो हो आईये। पचास रुपये में एक साथ इतना कुछ मिल पाना लगभग असंभव-सा ही है।
कैसे जाएँ? :-जोर बाग मेट्रो स्टेशन से कैब या ई-रिक्शा लेकर।
एंट्री फीस:- ₹50/-
समय:- सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक