बाईक से ओमकारेश्वर यात्रा का आनंददायक अनुभव

Tripoto
11th Oct 2020

(ओमकारेश्वर बाईक टूर एक आनंदायक अनुभव)
मै कोई एक्सपर्ट बाईक राईडर नही केवल शौक  बाईक  से छोटे छोटे  टूर कर लेता हु. मेरे पास एक पल्सर 135 सी सी तथा एक एक्टिव्हा है.मेरी कई दिनो से ओमकारेश्वर जाने की तथा नर्मदा स्नान करने की प्रबल  ईच्छा थी पर कई बार चाह करभी संभव नही हुआ परिवार के साथ किसी काम से परतवाडा जाना हुआ रात मे छोटे साले साहब से चर्चा कर मैने ओमकारेश्वर बाईक से जाने का प्लॉन बनाया तथा दिनांक 10 अक्टूबर को बाईक से परतवाडा से ओमकारेश्वर जाने का निर्णय लिया साथ मे छोटे सालेसाहब मनिषा मिश्रा साथ  थे बाईक बडे साले साहब की थी होन्डा युनिकॉन  थी पर गाडी का  बुरा हाल था न तो कई दिनो से बाईक की ढंग से सर्व्हिर्सिंग हुयी थी पिछे एक इंडिगेटर थी तुटा था स्पिड मिटरभी बंद था फिरभी हिम्मत कर लंगडे घोडे पर दांव लगा लिया क्योकि रात मे निर्णय लिया सुबह निकलना है इसलिये बाईक दुरूस्त करने का समय भी नही था.गुगल मॉप पर सर्च करने पर परतवाडा से ओमकारेश्वर बाईक टूर की दूरु 255कि.मी तथा समय 5घंटे 35 मिनीट बता रहा था पर यह सफर लगभग 9 घंटे का रहा .दिनांक 11अक्टूबर को सुबह 6 बजे  बाईक मे 10 लिटर पेट्रोल भर कर निकला परतवाडा से निकलते ही धारणी का घाट शुरु हो गया यह लगभग 100कि.मी का घाट है जो मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के एरिया से गुजरता है निर्सग  का मजा लेते बाईक चलाने लगी पर दुभाग्य से आज एक भी वन्य प्राणी नजर नही आया क्योकि अच्छी बारीश के कारण जंगल हरा भरा है पर जंगल का भी अपना अलग मजा तथा नशा  है. धारनी का घाट पास करने मै  चार घंटे लग गये  10 बज गये क्योकि बारीश के कारण संपूर्ण घाट  मे रास्ते की हालत बुरी है अमरावती जिले के जिला मुख्यालय से लगभग 170 कि.मी दूर महाराष्ट्र  के अंतीम गांव मे  देडतलाई 10 मिनीट मे नाश्ता कर खंडवा की ओर निकल पडे धारनी से खंडवा खडवा तक रास्ता ठिक है पर खंडवा पहुंतेही सडक पर लगे खंडवा नगरपरिषद के  स्वागतव्दार पर श्री  दादाजी धुनीवाले की खंडवा नगरी मे आपका स्वागत है का बोर्ड नजर आया इसलिये दादाजी के समाधी मंदिर के दर्शन का निर्णय लिया ओर मंदिर पहुंच गये दर्शन करने के बाद मुझे किताब खरीदने का शौक है दादाजी धुनीवाले की   कुछ धार्मिक किताबे खरीदी दुकानदार अग्रवाल पुछताछ करने लगा कहा से आये हो मैने जबाव दिया की नागपूर से तो वह बंदा मुंह की तरफ देखने लगा ओर पुछा  इस बाईक से मैने का हा.... तो उसने बताया की खंडवा से इंदौर तक सडक की हालत बुहुत जादा बुरी है नजर हटी की दुर्घटना घटी संभल कर जाना खैर ओरभी सर्तक हो गया. सही मे सह सडक बहुत जादा खराब है रोड ईतना खराब है की बड्डे बड्डे खड्डो मे रोड खोजना पडता है.भाजपा के शासनकाल मे इंदौर हायवे का बुरा हाल है सडक पर बडे वहनो का भारी यातायात है गड्डे बचाने के लिये सामने चल रहा वाहन तथा सामने से आरहा वाहन नागिन की तरह डोलता है खैर भगवान शिवशंकर की कुपा से दोपहर 4 बजे ओमकारेश्वर पहुंच गया.ओमकारेश्वर मे श्रीगजानन महाराज संस्थान के भक्त निवास मे पहु़चा पर वह कोरोना के कारण बंद था वहा से आगे निकलते समय ही बाईक के सामने का टायर पंचर हो गया भगवान को फिर एक बार हाथ जोडकर अराधना की क्योकि सौभाग्य से रास्ते मे टायर पंचर नही हुआ.पंचर दुरूस्ती वाले ने टायर खोलते ही कहा भाई ट्युब ही बदलना पडेगा ट्युब बदल लिया मंदिर के समिप होटल शिवा मे 400 रूपये मे एक डबल बेड का रूम लेकर फ्रेश हुआ क्योकि धुल,मिट्टी पसीने से बुरा हाल था तथा फिर 5 बजे मंदिर मे दर्शना को निकला लगभग दो घंटे मे भगवान ओमकारेश्वर तथा भगवान मामलेश्वर के ज्योतीर्लिंग के दर्शन कर एक होटल मे भोजन किया वापस होटल पहुंचा लगतार बाईक पर बैठने से सारा शरिर थकावट से तुट रहा था  छोटे साले साहब मनिष रुम मे लगे टिव्ही पर आयपिएल का मैच देख रहा थे मेरी सोने की ईच्छा थी तबही अचानक हमारे लोकमत के वरिष्ठ संपादक जितेंद्र ढवलेजी का फोन आया की कोंढाली के पास बिजली गिरने से तीन महिलाओं की मृत्यु की जानकारी मिली है न्युज भेजो तुरंत काम से  लग गया मै घटनास्थल से 400 कि.मी दूर था .कोंढाली थानेदार श्याम गव्हाने जी को मोबाईल पर फोन लगाया तब बताया घटना तो हुयी है पर  तीन महिलाओं मृत्यु की खबर की पुष्टी नही की क्योकि जब तक डॉक्टर मृत घोषित नही करते तब तक पुलीस जानकारी नही देती पत्रकार मित्रो को भी कॉल  किया पर उनके पास भी पुरी जानकारी नही थी आखीर कॉग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना गांवडे जी को फोन किया वह शिवा गांव के मुल निवासी है उन्होने बिजली गिरने से तीन मृत तथा दो घायल महिलाओं के नाम तथा घटना की विस्तृत जानकारी नाना गांवडेजी ने दी समाचार कंपोज किया  प्रेस को भेज दिया फिर मृतक महिलाओं की फोटो के लिये संपर्क करने लगा मोबाईल पर तीनो महिलाओं के मृतदेह की फोटो तो आयी थी पर लाश की फोटो अखबार मे छपती नही आखीर रात 11 बजे पत्रकार मित्र तथा व्यवसाईक फोटोग्राफर गजेद्र डोंगरे  ने तीनो महिलाओं के पासपोर्ट फोटो भेजे यह बहुत कठिण काम है की संकट तथा शोकाकुल परिवार से फोटो मांगना काफी दुखदायक तथा कठिण काम है पर वह गजेद्र ने कर लिया रात मे सोने मे एक बज गया सुबह 4 बजे हमेशा की तरह निंद खुल गयी इंतजार था लोकमत ई एडिशन मोबाईल पर आने का सुबह 5  बजे लोकमत देखने मिला लोकमत नागपूर के प्रथम पुष्ठ पर घटना का समाचार छपा खैर क्योकि न्युज भेजने के बाद जब तक वह अखबार मे छपी अपनी खबर देख न ले तब तक एक अजीब बैचैनी लगी रहती है.सुबह 7 बजे गोमुख घाट पर नर्मदा स्नान किया तथा नर्मदा नदी पर ओमकारेश्वर मे बने विशाल बांध तथा जलविद्युत केंद्र देखने के बाद फिर वापसी के सफर पर सुबह 8 बजे परतवाड़ा की ओर निकल पडा रास्ते मे खडवां मे एक रिश्तेदार के घर पहुंच कर आधा घंटा रुका चाय नाश्ता किया तथा फिर बाईक पर सवार हो गया परतवाडा पहुचते पहुचते शाम के 6 बज गये पर ओमकारेश्वर बाईक टूर का अनुभव बढीया तथा आनंदायक  रहा आगे भविष्य मे  बाईक से नर्मदा परिक्रमा करने की ईच्छा है जो लगभग 4 हजार किलोमीटर की है मॉ नर्मदा तथा भगवान शिव की कुपा तथा आर्शिवाद रहा तो यह यात्रा भी अवश्य करूना फिलहाल नर्मदे हर हर....

Photo of बाईक से ओमकारेश्वर यात्रा का आनंददायक अनुभव by Brijesh Tiwari
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