चल दिये गाँव

Tripoto
26th Nov 2020
Photo of चल दिये गाँव by Deepak Shukla
Day 1

एक अर्से बाद समय मिला घर जाने का , यूँ नहीं की घर से लगाव नहीं है बल्कि वजह ये है कि शहरों से ज्यादा प्यार हो चुका है । मुझे हमेशा लगता था कि मेरे गाँव में वो बात ही नहीं है जिसको मैं एक तरह से आप लोगों के सामने ला पाऊँ , पर इस बार नजरिया कुछ और ही था । अगले दिन सुबह 9 बजे निकला ये मुसाफिर रेलगाड़ी से अपने घर के लिए निकला पता नहीं क्या था जहन में की सर्दी के हिसाब से कपड़े लेकर नहीं निकला । रास्ते में जब सर्दी लगी तब समझ आया कि गलती तो हो चुकी है सहाब  पर अब क्या ही कर सकते हैं तो बस चलते रहे- चलते रहे ।1 दिन बाद जब अपने गांव पहुंचे तो सूरज उग ही रहा था और मैं उस पल की खूबसूरती को मेहसूस करते हुए धीरे - धीरे आगे बढ़ते जा रहा था । और तभी मुझे लगा कि नहीं , मैं बिना इस पल को अपने कैमरा में लिए आगे नहीं जा सकता और चला भी गया तो बाद में पछतावा करने का जिम्मेदार भी मैं खुद ही होने वाला हूं । शायद इतना उलझाव इसलिए क्युकी मैंने कभी अपने गाँव को इतने खूबसूरत नजरिए से कभी देखा ही नहीं हमेशा बाहर की दुनिया की खूबसूरती और चका- चांद के सपने देखता रहा । पर अब मुझे समझ आया कि खूबसूरत कोई चीज इंसान या जगह नहीं होती , खूबसूरती तो आपका खुद का नाजरिया बनाता है । आपका नजरिया अच्छा है तो वो सब अच्छा है जो भी आप देखते हो और वहीं मैंने ये तस्वीर अपने मोबाइल में कैद करली ..

Photo of प्रयागराज by Deepak Shukla

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