आज हमारा पन्ना में आखिरी दिन था और हम इसे यादगार बनाना चाहते थे। इसलिए हमारे गाइड ने हमें बृहस्पति कुंड जाने की सलाह दी।
सुबह 9 बजे हमने अपना होटल छोड़ा और लगभग 1 घंटे का सफर तय करके साढ़े दस बजे बृहस्पति कुंड पहुंचे।
सबसे अच्छी बात है कि यहां पर कोई टिकट नहीं लगता। वहां पर एक बृहस्पति कुंड आश्रम है जहां से थोड़ा नीचे उतरकर एक संकरे रास्ते से होते हुए फिर वहां से सीढ़ियों से नीचे उतर कर लगभग 1 किलोमीटर पथरीले रास्ते से होते हुए हम झरने के पास पहुंचे।
वहां ऊपर से गिरता हुआ झरना और उससे उड़ती हुई मिस्ट एक अलग ही माहौल बना रही थी। मिस्ट ऐसी थी कि आप थोड़े देर खड़े रहें तो भीग जायेंगे।
फिर हम नहाने के लिए झील में उतरे और आधे घंटे तक नहाते और तैरते रहें।
इसे देखकर न्याग्रा फॉल की याद ताजा हो गई।। कुछ देर वहां बैठने के बाद हम ऊपर आ गए और आश्रम में कपड़े बदले।
इसी बीच आश्रम के महंत आए और उन्होंने हमारे और बच्चो को चावल की खीर खिलाई। कुछ देर उनके सानिध्य में रहने के बाद हमने उनसे वहां से निकलने की अनुमति मांगी।
यह अनुभव बहुत ही शानदार और यादगार रहा।।