गर्तांग गली घूमने के बाद हम लोग निकल चुके थे हरसिल वैली के लिए जो कि 16 किलोमीटर दूर है लंका ब्रिज भैरव घाटी के पास से हम थोड़ी ही देर में हरसिल वैली पहुंचने वाले थे हरसिल पहुंचने के पहले ही एक व्यूप्वाइंट आता है वहां से नीचे का काफी खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है व्यू पॉइंट पर 10:15 मिनट रुकने के बाद हम निकल पड़े हरसिल के लिए हरसिल आर्मी का बेसकैंप भी है
हरसिल पहुंचकर हमने हमारी गाड़ी पारकर की गाड़ी से उतरते ही देखा तो सेब के हरे भरे बगीचे नजर आने लगे थे और हरसिल काफी छोटी जगह है यहां पैदल ही आराम से घूम सकते हैं हरसिल के नजदीक ही बागोरी नाम का एक गांव है जहां पर काफी टूरिस्ट घूमने के लिए जाते हैं हम लोग भी बागोरी गांव के तरफ निकल गए जैसे-जैसे आगे बढ़ते जा रहे थे ज्यादा ही सेठ के बगीचे नजर आने लगे थे बागोरी गांव काफी खूबसूरत गांव है जैसे ही बागोरी गांव पहुंचते हैं एक बड़ा सा एंट्री गेट नजर आता है जहां पर गांव के बारे में कुछ जानकारियां भी लिखी हुई है
2017 में भारत सरकार ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बागोरी गांव को प्रथम गंगा गांव घोषित किया था
बागोरी गांव मुख्य रूप से एक जनजाति गांव है जो कि हरसिल वैली में ही पड़ता है यहां के लोगों का मुख्य रूप से रोजगार का साधन एक तो सेब के बगीचे है और भेड़ के बाल से बने हुए हाथ के दस्ताने जुराबे साल दस्ताने आदि बनाकर भेजते हैं हरसिल वैली में लोग काफी अच्छे हैं यहां घूमने जाने वाले हर टूरिस्ट को यह लोग अपने घर पर चाय पीने के लिए बुलाते हैं और कुछ उन से बने हुए सामान खरीदने के लिए बोलते हैं जिनसे इनका गुजारा हो सके
यहां के ज्यादातर लोगों के घर लकड़ी से बने हुए हैं जोकि ठंड के समय में काफी गर्म रहते हैं बागोरी गांव ज्यादा बड़ा नहीं है लगभग 200 मीटर लंबा होगा इस गांव में एक बुद्धिस्ट टेंपल भी है बागोरी गांव हरसिल घूमने के लिए 3 से 4 घंटे का भी है इतने समय में आप बागोरी गांव हरसिल घूम सकते हैं