देश तेजी से बदल रहा है । आप लोगो ने भी ये चीज महसूस की होगी। की पिछले कुछ सालों में अपने देश में कुछ सबसे बड़ी मूर्तियां, सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ियां, द्रुत गति से चलने के लिए राजमार्गो ( हाईवे ) इत्यादि का निर्माण तेजी से हुआ हैं । कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। अभी इसी कड़ी में एक नाम हैं।
सिटी ऑफ जॉय के नाम से मशहूर शहर कोलकाता में नवनिर्मित धन धान्य ऑडिटोरियम का । इस खूबसूरत इमारत के चर्चे देश दुनिया भर में हो रहे हैं। एक बार तो आपको लगेगा की ये इमारत अपने देश भारत में ही है । या कही और । वैसे तो कोलकाता शहर किसी परिचय का मोहताज नही है। इस शहर का अपना ही नाम है ,पहचान है इज्जत है , शोहरत है , विरासत है । लेकिन अब इसकी पहचान में इजाफा करने के लिए एक और इमारत का नाम जुड़ गया है ।
पहले आप इसकी एक झलक देखिए । आप इसकी खूबसूरती के कायल न हुए तो । तब कहिएगा ।
तो जनाबे आली। आपकी पेश ए खिदमत ।
इस बेजोड़ इमारत को बनने में लगभग 6 सालो का वक्त लगा है। ये एक सभागार (ऑडिटोरियम ) है। जिसे शंख की आकृति में बनाया गया है । वैसे भी हमारे धर्म में शंख का विशेष महत्व है । शंख को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है। और जहा विष्णु होते है। वहा श्री लक्ष्मी का भी
वास माना गया है। जिन लोगो ने अभी इसे देखा है । वो लोग इस इमारत के शान में कशीदे पढ़ रहे हैं। ये इमारत काफी भव्य भी है। इसके अंदर 3 अलग अलग सभागार है ।
सबसे बड़े वाले में लगभग दो से ढाई हजार लोग एक साथ बैठ सकते है। मध्यम आकार वाले में लगभग छ सौ से सात सौ लोग एक साथ बैठकर चल रहे कार्यक्रम का आनंद उठा सकते है। इन दोनो सभागारों के अलावा एक और जगह है। जहा नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति दी जाती है। इन सबके अलावा भी लगभग 3 सौ गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है।
इसकी तारीफ और खूबसूरती की अब क्या ही कहूं ।
पहले दुनिया के अलग अलग कोनो में जब ऐसे इमारत को देखता था की हमारे देश में ऐसी इमारतें क्यों नहीं बनती ।
अभी हाल ही में एक बड़ी खूबसूरत इमारत दुबई में बनी थी
जो काफी सुर्खियों में रही आप लोगो ने भी इसे जरूर देखा होगा ।
मैं इस उपरोक्त इमारत की बात कर रहा था । अब इसी इमारत को टक्कर देती एक इमारत हमारे अपने कोलकाता में भी है । जब ऐसा कुछ अच्छा होते हुए अपने देश में देखता हु तो सीना चौड़ा हो जाता है।
इसकी खूबसूरती के अलावा भी बहुत कुछ और भी इसमें है। इसमें खान पान के लिए रेस्टोरेंट, मीडिया बंधुओ के लिए अलग जगह , बैठने उठने के लिए अलग विशेष प्रबंध किए गए है। प्राचीन काल से ही हमारे देश भारत में वास्तु कला , स्थापत्य कला को विशेष महत्व दिया गया है।
इस देश ने दुनिया को नई राह दिखाई हैं। हम विश्व गुरु थे ।
अब फिर से वक्त ने करवट ली है। अपना देश भारत दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है । जब जब देश में कुछ अनोखा, विशेष, विशिष्ट,कुछ बनता है तो इसकी धनक और गूंज पूरी दुनिया में होती हैं।
संक्षिप्त विवरण – जब कभी भी आपका जाना कोलकाता हो तो इस इमारत को भी देखने के लिए जरूर प्रयास करे ।
धन धान्य ऑडिटोरियम अलीपोर कोलकाता । पश्चिम बंगाल ( भारत )