Tonk se jaipur aur jaipur se Kolkata

Tripoto
11th Feb 2023
Photo of Tonk se jaipur aur jaipur se Kolkata by Aman Tasera
Day 1

टोंक से जयपुर और जयपुर से फिर ट्रेन के द्वारा अजमेर सियालदा एक्सप्रेस मे रवीद्र नाथ टैगोर की जन्म भूमि पर जाने का अवसर मिला जो की एक बहुत ही रोमांचकारी अनुभव था, टोंक से जयपुर 100 किलो मीटर की दूरी पर है और फिर कोलकाता जो की ट्रेन से लगभग 30 घंटे का रास्ता है इस यात्रा मे हम कुछ राज्यों के भीतर होकर निकल रहे होते हैं ।

जैसे सबसे पहले हम राजस्थान से निकल कर उतरप्रदेश, बिहार, झारखंड फिर बंगाल की भूमि मे प्रवेश करते हैं इसी बीच मे कुछ ऐतिहासिक स्थल भी आते है जहां हम घूम सकते हैं।

घूमने के लिए सबसे पहले संगम नागरी जहां तीन नदियों का संगम है साथ है वहाँ कुंभ मेले का आयोजन भी होता है प्रयगराज घूमने की बहुत ही सुंदर और ऐतिहासिक जगह है इसके बाद सबसे फेमस जगह जिसका नाम सुनकर आप सभी के चेहरों पर मुस्कान आ जाये, जिसको देखने दुनिया भर से लोग आते हैं आगरा उसके बाद लखनऊ और गया भी आता है जो की अपने आप मे एक ऐतिहासिक जगह है ऐसे करते हुए हम 27 जनवरी दोपहर 2.30 बजे ट्रेन मे बैठ गए और अगले दिन सियालदा 4.30 बजे पहुंचे।

और हमे जाना था सियालदाह से थोड़ा आगे तो इसके लिए सियालदा से लोकल ट्रेन पकडनी पड़ती है नही तो आप बस या कैब करके यात्रा के लिए जा सकते हैं 28 जनवरी की रात को हम अपने दोस्त के घर पर रुके।

Photo of Tonk se jaipur aur jaipur se Kolkata by Aman Tasera
Day 2

29 जनवरी 2023

विश्व कवि नोबल पुरुषकार विजेता रवीद्र नाथ ठाकुर का घर जोरासांकों

अगले दिन हम रवीद्र नाथ के निवास स्थान जो की उनका पुश्तेनी घर है वहाँ सुबह 10 बजे पहुँच गए वहाँ उनके घर जहां वो रहते थे उस जगह को जोरासांकों बोलते हैं ये जगह सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहती है और रविवार को बंद रहता है तो जब भी देखने जाएँ तो इस बात का ख्याल रखे।

इस जगह पर आप जहां कहीं भी रुके हैं वहाँ से ऑटो, बस, मेट्रो,से या यहाँ की फेमस सबसे ज्यादा चलने वाली गाड़ी पीली अम्बेसेडर मे बैठकर उसका आनंद लेते हुए जरूर जाएँ ।

कॉलेज स्ट्रीट – और इंडियन कॉफी हाउस

ये जगह जोरासांकों से 2 किलोमीटर दूरी पर है और इस रास्ते पर कोलकाता का सबसे बड़ा किताबों का बाज़ार है यहा बांगला साहित्य से जुड़ी सारी कितबे देखने को मिलेंगी।

Purana Ghar

Photo of Jorasanko Thakur Bari by Aman Tasera

Jorasaanko home

Photo of Jorasanko Thakur Bari by Aman Tasera

Piche ka darwaja

Photo of Jorasanko Thakur Bari by Aman Tasera

इंडियन कॉफी हाउस

ये भी कोलकाता की सबसे पुरानी जगह मे से एक थी ये होटल अंग्रेज़ो द्वारा बनवाई गई थी यहीं पर रवीद्र नाथ ठाकुर अपने समय मे बैठका किया करते थे। यहाँ चाय कॉफी 30 रूपए से शुरू होती है और यहाँ आपको हर तरह का फास्ट फूड मिल जाएगा वेज और नोंवेज दोनों ही तो जब भी कोलकाता आयें इस जगह की अनुभूति जरूर लेकर जाएँ।

Photo of Indian Coffee House by Aman Tasera

Aria

Photo of Indian Coffee House by Aman Tasera

Entry gate

Photo of Indian Coffee House by Aman Tasera

Book market

Photo of Indian Coffee House by Aman Tasera
Photo of Indian Coffee House by Aman Tasera
Day 3

30 जनवरी

आज हमको घूमना था यहाँ कि सबसे फेमस जगह जहां पर दूर दूर से लोग दर्शन करने आते हैं बंगाल मे सबसे ज्यादा पूजने वाली देवी काली माँ का मंदिर जिसको दक्षिणेश्वर नाम से जाना जाता है यहाँ इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए गूगल कर लीजिएगा, इस मंदिर के लिए भी साधनो की कमी नही है आप जैसे भी आना चाहे आ सकते हैं बस, कार, ऑटो और मेट्रो से भी यहाँ दो समय पर मंदिर खुलता है

6 am–12:30 pm, 3–8:30 pm

दक्षिणेश्वर काली मन्दिर(बांग्ला: দক্ষিণেশ্বর কালীবাড়ি; उच्चारण:दॊख्खिनॆश्शॉर कालिबाड़ी), उत्तर कोलकाता में, बैरकपुर में, विवेकानन्द सेतु के कोलकाता छोर के निकट, हुगली नदी के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक हिन्दू मन्दिर है। इस मंदिर की मुख्य देवी, भवतारिणी है, जो हिन्दू देवी काली माता ही है। यह कलकत्ता के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, और कई मायनों में, कालीघाट मन्दिर के बाद, सबसे प्रसिद्ध काली मंदिर है। इसे वर्ष १८५४ में जान बाजार की रानी रासमणि ने बनवाया था।

यह मन्दिर, प्रख्यात दार्शनिक एवं धर्मगुरु, स्वामी रामकृष्ण परमहंस की कर्मभूमि रही है, जोकि बंगाली अथवा हिन्दू नवजागरण के प्रमुख सूत्रधारों में से एक, दार्शनिक, धर्मगुरु, तथा रामकृष्ण मिशन के संस्थापक, स्वामी विवेकानंद के गुरु थे। वर्ष १८५७-६८ के बीच, स्वामी रामकृष्ण इस मंदिर के प्रधान पुरोहित रहे। तत्पश्चात उन्होंने इस मन्दिर को ही अपना साधनास्थली बना लिया। कई मायनों में, इस मन्दिर की प्रतिष्ठा और ख्याति का प्रमुख कारण है, स्वामी रामकृष्ण परमहंस से इसका जुड़ाव। मंदिर के मुख्य प्रांगण के उत्तर पश्चिमी कोने में रामकृष्ण परमहंस का कक्ष आज भी उनकी ऐतिहासिक स्मृतिक के रूप में संरक्षित करके रखा गया है, जिसमें श्रद्धालु व अन्य आगन्तुक प्रवेश कर सकते हैं।

ये जानकारी गूगल से ली गई है

यहाँ ध्यान दे किन यहाँ आपको किसी भी प्रकार का समान अंडर नही ले जाने दिया जाता है, बस मंदिर मे आप प्रशाद ही लेकर जा सकते हैं

अगर यहाँ से जल्दी फ्री हो गए तो आपको नदी पार करते हुए बौट का आनंद लेते हुए जाना होगा जो की बहुत ही सुंदर अनुभव ह नाव मे बैठने का सिर्फ 10 रुपए का टिकट लगता है

Entey gate

Photo of Dakshineswar Kali Temple by Aman Tasera
Photo of Dakshineswar Kali Temple by Aman Tasera

बेलुर मठ – जो की रामकृष्ण हंस विवेकानन्द जी के गुरु थे एक बहुत ही बड़ा मठ बना हुआ है जो की अध्यात्म के लिए बहुत ही शांत जगह है ये बहुत सुंदर है क्योंकि ये नदी के किनारे पर बसा हुआ है। आप जब भी आयें इसकी आरती मे जरूर बैठे मन को बहुत ही शांति मिलती है ये आरती शाम 5 बजे होती है बहुत ही सुखद अहसांस होता है

Photo of Belur Math by Aman Tasera
Photo of Belur Math by Aman Tasera
Photo of Belur Math by Aman Tasera
Photo of Belur Math by Aman Tasera