दशहरा मनाने के लिए भारत की ये 6 जगहें हैं सबसे खास!

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भारत त्यौहारों का देश है। इस पर हम में से कईयों ने अपने स्कूल के समय में निबंध लिखे होंगे। दशहरे पर भी निबंध लिखा होगा। किस तरह अयोध्या के श्री राम ने लंकापति रावण के अहंकार को तबाह कर दिया था।

भारत में 96 करोड़ से ज़्यादा लोग हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं। ऐसे में दशहरे का त्यौहार खूब धूम-धाम से मनाना वाजिब है। लगभग हर शहर, तहसील, गाँव में दशहरे के दिन मेले भरते हैं। तो आज हम आपको लिए चलते हैं भारत की कुछ ऐसी ख़ास जगहों पर जहाँ दशहरा बड़े ज़ोर-शोर से मनाया जाता है।

1. कोलकाता, पश्चिम बंगाल

दशहरे का त्यौहार कलकत्ता में 10 दिन तक मनाया जाता है। शुरूआती 9 दिन माँ शक्ति के 9 रूपों की पूजा की जाती है और दसवें दिन दुर्गा विसर्जन किया जाता है। दसवें दिन ही दशहरा मनाया जाता है।

सडकों पर खूब बड़े-बड़े पंडाल सजाये जाते हैं, जहाँ माँ दुर्गा की मूर्तियाँ स्थापित की जाती है, खाने-पीने के स्टॉल लगती हैं, नाचने के पंडाल लगते हैं , ढोल-नगाड़े बजाए जाते हैं और पूरा शहर रंगीन रौशनी में नहाया सा लगता है।

2. अहमदाबाद, गुजरात

गुजरात से ही दो लोकप्रिय नृत्य शैलियाँ जैसे डांडिया और गरबा निकले हैं। दशहरे से पहले 9 दिन की नवरात्री में यहाँ डांडिया-रास और गरबा नृत्य के पांडाल लगते हैं। ये नाच इतना शालीन और मनोरम होता है कि देखते-ही-देखते नवरात्री की शामों को ये लगभग पूरे देश में ही आयोजित किया जाता है। लड़के-लड़कियाँ रंग-बिरंगे कपड़े पहने हाथों से तालिया बजाकर गरबा रास खेलते हैं।

3. मैसूर, कर्नाटक

मैसूर में दशहरे को नदहब्बा के नाम से मनाते हैं। नदहब्बा यानी दशहरे को मैसूर के शाही किले को एक लाख बल्ब से सजाया जाता है। यहाँ जम्बो सवारी भी काफी लोकप्रिय है। जम्बो सवारी में हाथी को सजा कर पीठ पर माँ दुर्गा की मूर्ती को प्रतिष्ठित किया जाता है।

4. कोटा, राजस्थान

राजस्थान के कोटा शहर में दशहरे का त्यौहार देखने आस-पास के गाँव के लोग ही नहीं, बल्कि कई विदेशी सैलानी भी आते हैं। कारण है यहाँ बनाया जाने वाला 100 फ़ीट ऊँचा रावण का पुतला, जिसे ऊपर से रंगों से सजाते हैं और अंदर पटाखे भरे जाते हैं। पुतले की नाभि में जलता तीर फ़ेंक कर बुराई पर अच्छी की जीत दिखाई जाती है।

5. कुल्लू, हिमाचल प्रदेश

कुल्लू में रघुनाथ जी का मंदिर है, जहाँ दशहरे के दिन मेला भरता है। आस-पास के गाँवों से खूब जनता इस मेले में उमड़ती है। कुल्लू के ढालपुर मैदान में करीब 200 देवी-देवताओं की मूर्तियां लायी जाती हैं, जिसमें मनाली की हिडिम्बा माँ की मूर्ती भी होती है। यहाँ रावण का पुतला नहीं जलाते, बल्कि व्यास नदी के किनारे पुरानी घास और तिनकों के ढेर को आग दिखाई जाती है।

6. दिल्ली

नवरात्री के दिनों में दिल्ली में करीब 1000 जगहों पर रामलीला दिखाई जाती है, और करीब 250 से ज़्यादा दुर्गा पूजा के पंडाल सजते हैं। रामलीला में स्टेज पर कलाकार खूब चमकीले कपड़े पहन कर और भारी मेकअप लगा कर गाने-बजाने के साथ राम के जीवन की कहानियाँ सुनाते हैं।

भारत के त्यौहार ही भारत की संस्कृति हैं। तो हम आपसे यही गुज़ारिश करेंगे कि अगर आप भारत में रहते हैं तो यहाँ की संस्कृति को जाने, समझे। और उसके लिए ज़रूरी है कि आप यहाँ के त्यौहारों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें। ऊपर बताई हुई जगहों में से कोई भी जगह चुन लें और दशहरे के त्यौहार का मज़ा लें।

आप इस दशहरे को इस शहर में देखने वाले हैं, हमें कॉमेंट्स में बताएँ और अपना अनुभव Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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