रोमांच का अड्डा है हिमाचल प्रदेश! आपको जोश से भर देंगी ये जगह

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Photo of रोमांच का अड्डा है हिमाचल प्रदेश! आपको जोश से भर देंगी ये जगह by Musafir Rishabh

पहाड़ की सुंदरता हर किसी को पसंद होती है। उस पहाड़ के बीच अठखेलियाँ खाती बहती नदी का अंदाज निराला होता है। वो मैदानों में बहनी वाली नदियों की तरह सहज और सामान्य नहीं होती है। जब नदी का वेग पहाड़ों से टकराता है तो वो एक अलग ही रोमांच होता है। किसी को उस नदी के किनारे बैठना पसंद है तो कोई उस नदी के बीच अठखेलियाँ खाना चाहता है। इसलिए पहाड़ों के बीच बहुत कुछ एडवेंचर करने को है। इसमें हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग नौजवानों के बीच बहुत लोकप्रिय है। पहाड़ों में सबसे ज्यादा जहाँ लोग जाते हैं वो जगह है, हिमाचल प्रदेश। अपनी सुंदरता और बर्फ के लिए मशहूर हिमाचल में आप एडवेंचर का भी मज़ ले सकते हैं।

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गर्मियों में पसीने, चिलचिलाती धूप और सूखते गले से लोग अक्सर परेशान रहते हैं। तब सब कहते हैं ये गर्मियाँ आती ही क्यों हैं? लेकिन गर्मियाँ आनी चाहिए ताकि हम पहाड़ों में कुछ एडवेंजर्स कर सकें। ये एक्टिीविटी करने में मज़ा भी आता और साहसी भी बनाता है। हिमाचल में बहुत सारी जगहें हैं जहाँ ये एडवेंजर्स होते है। इसलिए हम आपको बता रहे हैं हिमाचल की उन जगहों के बारे में जो अपने क्रेजी एडवेंजर के लिए जानी जाती हैं।

1. बीर बिलिंग- पैराग्लाइडिंग

ज़मीन से अचानक कुछ मिनटों के लिए हवा में उड़ना एक अलग ही अनुभव होता है। उस समय आप वैसा ही कुछ अनुभव करते हो जैसे उड़ते समय कोई पंछी, बस ऐसा ही कुछ है पैराग्लाइडिंग। आज के यंगस्टर्स इसके के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं और इसके लिए सही जगह है बीर-बिलिंग। बीर बिलिंग दुनिया की सबसे बेस्ट पैराग्लाइडिंग साइट में से एक है। बीर बिलिंग हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित है। कांगड़ा पूरी दुनिया में खूबसूरत चाय के बागानों के लिए फेमस है।

धौलाधार रेंज की पर्वत श्रृंखलाओं पर 2,290 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है बिलिंग। चारों तरफ ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हैं और यहीं तिब्बती कॉलोनी के पास 1,400 मीटर की उँचाई पर स्थित है छोटा-सा गाँव बीर (बीड़)। बिलिंग से आप हवा में उड़ते हैं और लगभग 25-30 मिनट आसमां का रोमांच लेते हैं और फिर बीर के घास के मैदानों में नीचे उतरते हैं। अगर आप पैराग्लाइडिंग पहले कर चुके हैं तो आपका रोमांच चरम पर होगा। जो पहली बार करेगा उसके मन में डर रहेगा लेकिन यहाँ आपकी मदद के लिए प्रशिक्षक हैं, जो आपके साथ पैराग्लाइडिंग में रहते हैं जिससे आप डरें भी कम और अच्छी तरह से एंजॉय भी कर सकें। अगर आप पैराग्लाइडिंग करने की सोच रहे हैं तो हिमाचल में इससे अच्छी जगह दूसरी नहीं होगी। बीर बिलिंग से सबसे निकट दो कस्बे हैं एक बैजनाथ जो 14 कि.मी. दूर है और पालमपुर जो 29 कि.मी. की दूरी पर है।

जाने के लिए सही समयः मॉनसून से पहले,अप्रैल से मई में और सितंबर से अक्टूबर।

2. कुल्लू-मनाली- रिवर राफ्टिंग और बहुत कुछ

अगर आप सच में घुमक्कड़ हैं तो आप चाहेंगे कि आपका हर दिन चुनौती से भरा हो। अगर आपको चुनौतियों से जूझना पसंद है तो आपको कुल्लू-मनाली चले आना चाहिए। यहाँ ब्यास नदी के सफेद पानी में रिवर राफ्टिंग का रोमांच, रस्सियों पर नदी पार करने का रिस्क, उसके बाद हनुमान टिब्बा के पास हेली स्कीइंग के लिए खतरनाक पहाड़ और घाटियों के बीच ट्रेकिंग। ये सारे अनुभव आपको कुल्लू-मनाली में मिल जाएँगे। आपको यहाँ समझ में आएगा कि चुनौती क्या होती हैं और उनको पार कैसे किया जाता है?

वैसे तो कुल्लू-मनाली हिमाचल की इतनी खूबसूरत जगह है कि आप यहाँ घूमना ज्यादा पसंद करेंगे। इसकी खूबसूरती को निहारने साल भर सैलानी आते ही रहते हैं। जिनको पता नहीं उनको बता दूँ कि कुल्लू-मनाली एक नहीं बल्कि दो अलग-अलग जगहों के नाम है। दोनो ही जगह बहुत खूबसूरत है यहाँ ब्यास नदी की कलकल है, बर्फ से ढंके पहाड़ हैं और चारों तरफ फैली हरी घास है। यहीं पर ही अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स (एबीवीआईएम) का मुख्यालय है। जो देश का सबसे बड़ा टेनिंग सेंटर है। पर्वतारोही, टैकर, स्कीइंग और कई अन्य एंडवेंचर के लिए यहाँ रजिस्टेशन कराते हैं। कुल्लू में आएँ तो इन सभी एडवेंचर गतिविधियों का हिस्सा जरूर बनें।

जाने के लिए सही समयः आप यहाँ पूरे साल में कभी भी आ सकते हैं। गर्मियों के अंत में अप्रैल से जून, मॉनसून में जुलाई से सितंबर और सर्दियों में नवंबर से फरवरी तक।

3. लाहौल स्पीति- ट्रेकिंग

जांस्कर की पहाड़ियों, किन्नौर और तिब्बती पठार से घिरा हुआ है हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीति। लाहौल स्पीति का इलाका बीहड़ इलाके, सर्द मौसम, नदियों और खूबसूरत झीलों के लिए जाना जाता है। दुनिया में शायद ही ऐसी कोई जगह हो जहाँ इतनी खूबसूरती के बीच ट्रेकिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी रोमांचक गतविधियाँ होती हों। इन सबको करने की गुंजाइश देता है , लाहौल स्पीति। इसके अलावा लाहौल स्पीति ट्रेकर्स के लिए भी बहुत फेमस है। जो ट्रेकिंग की शुरूआत करना चाहते हैं या कम ऊँचाई वाले ट्रेक करना चाहते हैं, लाहौल स्पीति में छोटे-छोटे ऐसे कई ट्रेक हैं।

ट्रैवलर्स के लिए सबसे ज्यादा पार किया जाने वाला रूट भी लाहौल से गुज़रता है, जो मनाली से जांस्कर तक का है। रास्ते में रूकने के लिए कई गाँवों में कैंप भी लगाये गए हैं। पास में ही चन्द्र ताल नदी है, जो यहाँ रिवर राफ्टिंग के लिए बहुत फेमस है। जंगलों के बीच से गुज़रने वाली नदी में रिवर राफ्टिंग करके आप खुश हो जाएँगे। नदी के बहाव जैसे-जैसे तेज होगा, आपका उत्साह भी बढ़ता जाएगा। इसके अलावा माउंटेन साइकिलिंग, जीप सफारी भी कर सकते हैं। आपको यहाँ साइट पर मदद के लिए कई गाइड और इंस्ट्रक्टर से मिल जाएँगे जिनकी आप चाहें तो मदद ले सकते हैं। आप बिना मदद के भी एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं।

जाने के लिए सही समयः लाहौल स्पीति जाने के लिए सबसे सही समय है, जून से अक्टूबर।

4. सांगला घाटी- ट्रेकिंग

फेमस और जानी-पहचानी जगह पर तो सभी जाते हैं लेकिन घुमक्कड़ नई जगहों पर जाना पसंद करते हैं। ऐसे ही घुमक्कड़ और सैलानियों के लिए जन्नत है सांगला घाटी। सांगला, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में है, जो तिब्बती बाॅर्डर से सिर्फ 30 कि.मी.दूर है। हिमाचल की सबसे अद्भुत घाटियों में से एक है सांगला घाटी। इस घाटी में बसपा नदी बहती है जिसके आसपास हरे-भरे फूल हैं, जो आप पर आकर्षण की छाप छोड़ जाते हैं।

जो लोग खतरनाक पहाड़ों पर ट्रैक करने की चाहत रखते हैं उनके लिए सांगली घाटी सही विकल्प है। इसके अलावा यहाँ के जंगलों में घूम सकते हैं, कैंपिंग कर सकते हैं और आसपास के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकते हैं। रोमांच की चाहत रखने वालों के लिए यहाँ के सबसे बढ़िया ट्रेक पर आप चल सकते हैं। उन ट्रैक में संगा, कमरु, रक्छम, चितकुल ट्रेक, किन्नौर-कैलाश ट्रेक, डोरिया, झुपिका, हर की दून ट्रेक शामिल हैं। इन कठिन और ऊबड़-खाबड़ ट्रेक के अलावा आप आसान ट्रैक भी चुन सकते हैं, जहाँ आप प्रकृति की सैर कर सकें।

जाने के लिए सही समयः मॉनसून से पहले अप्रैल से जुलाई और बाद में सितंबर से नवंबर।

महाराणा प्रताप सागर- कनोइंग

पोंग डैम के लिए फेमस महाराणा प्रताप सागर हिमाचल के कांगड़ा जिले में ब्यास नदी पर स्थित है। 2 कि.मी. लंबा ये डैम भारत का सबसे उँचा अर्थफिल बांध है। देश-विदेश से यहाँ टूरिस्ट आते हैं और पानी में अलग-अलग प्रकार की गतिविधयाँ करते हैं। हाल ही में यहाँ वाॅटर स्पोर्टस सेंटर की स्थापना की गई, जिसमें जिसमें कैनोइंग, नाव चलाना, स्विमिंग, के संबंध पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। यहाँ आप तीन स्तरीय पाठ्यक्रमों के लिए खुद को पंजीकृत भी करा सकते हैं, सामान्य, मध्यवर्ती और सबसे बढ़िया। यहाँ कोई भी आसानी से इन एडवेंचर्स और मनोरंजक गतिविधियों का आनंद ले सकता है। इसके अलावा यहाँ आप बर्ड वॉचिंग के लिए भी कुछ समय निकाल सकते हैं, जो रोमांचक तो नहीं लेकिन थोड़ा सुकून ज़ुरूर देता है। यहाँ आप उन दुर्लभ पक्षियों को देख जो दुनिया में कम ही पाए जाते हैं। यहाँ से सबसे पास प्रमुख शहर है पठानकोट, जो यहाँ से 65 कि.मी. दूर है और धर्मशाला 112 कि.मी. दूर है।

जाने के लिए सही समयः वैसे तो आप यहाँ कभी भी आ सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा समय है नवंबर से मार्च।

इन एडवेंजर के बीच आप बहुत कुछ देख पाते हैं, नदी का बहता प्रवाह, शांत और स्थिर पहाड़ और हमारा चंचल मन। तो आप कब निकल रहे हैं अपने अगले रोमांच पर?

आपके लिए रोमांच की पंसदीदा जगह कौन-सी है? अपने अनुभव और सफरनामें यहाँ बाँटें।