भारत की सबसे खतरनाक जगहें जहाँ जाने के लिए हिम्मत और मजबूत दिल चाहिए

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Photo of भारत की सबसे खतरनाक जगहें जहाँ जाने के लिए हिम्मत और मजबूत दिल चाहिए by Rishabh Dev

भारत वो एक गहरी गुफा है जिसमें जितने अंदर जाओगे उतना ही नया पाओगे। यहाँ आपको अलग-अलग संस्कृति और कुदरत के अनोखे-अनोखे रूप को देखने को मिलेंगे। यहाँ कुछ जगहें शांति और सुकून देती हैं तो कुछ जगहों पर रोमांच ही रोमांच मिलता है। ये देश केवल खूबसूरत जगहों का घर नहीं है यहाँ कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ जाते हुए आपको डर तो लगेगा लेकिन सबसे ज्यादा एडवेंचर भी यहीं मिलता है। अगर आप कमजोर दिल वाले हैं ये जगहें आपकी बकेट लिस्ट में नहीं होनी चाहिए। एडवेंचर पसंद लोगों के लिए परफेक्ट हैं ये खतरनाक जगहें।

1- फुग्तल मोनेस्ट्री

सिर्फ वो जगहें ही खतरनाक नहीं होती हैं जहां ऊँचे-ऊँचे रोड हों। इनके अलावा कभी-कभी उस जगह तक पहुँचने का रास्ता ही खतरनाक हो जाता है। ऐसी ही एक जगह है जम्मू और कश्मीर की फुग्तल मोनेस्ट्री। ये मोनेस्ट्री एक पहाड़ पर गुफाओं के बीच बनी हुई है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको घोड़े और गधे की सवारी करनी होगी और पैदल भी चलना होगा। उसके बाद पहाड़ की कठिन चढ़ाई को चढ़ना होता है जो बिल्कुल भी आसान नहीं है। स्थानीय लोगों के अलावा को इस चढ़ाई को बहुत कम लोग ही चढ़ पाते हैं। इस कठिन रास्ते से फुग्तल मोनेस्ट्री तक पहुँचने के लिए लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगेगा। अगर आप बहादुर हैं तो इस खूबसूरत जगह तक पहुँचने के लिए इस कठिन रास्ते को पार कर ही लेंगे।

2- बस्तर

बस्तर इस देश की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यहाँ कुदरत के नजारे और आदिवासी संस्कृति को देखा जाना चाहिए। चारों तरफ यहाँ हरियाली ही हरियाली है। इसके बावजूद ये जगह देश की सबसे खतरनाक जगहों में आती है। कभी-कभी जगह को खतरनाक वहाँ के लोग बनाते हैं, बस्तर इसका अच्छा उदाहरण है। बस्तर देश का वो इलाका है जहाँ आज भी नक्सलवाद पल रहा है। इसी वजह से कोई भी बस्तर नहीं आना चाहता है। पूरा बस्तर की नक्सलवाद की चपेट में नहीं है लेकिन अगर आप यहाँ जाते हैं तो पुलिस स्टेशन जाकर सूचना जरूर दें। वे आपको बता देंगे कि कहाँ जाना है औ कहाँ नहीं जाना है? बस्तर खूबसूरत है लेकिन नक्सलवाद की वजह से अनजाना है।

3- द्रास

इस खूबसूरत जगहों को लद्दाख का गेटवे भी कहा जाता है। यहाँ चारों तरफ बर्फ से ढँके पहाड़ हैं। ये जगह जितनी खूबसूरत है उतनी खतरनाक भी। समुद्र तल से 10,597 फीट की ऊँचाई पर स्थित ये जगह देश की सबसे ठंडी जगहों में से एक है। यहाँ का सबसे कम तापमान -45 डिग्री तक होता है और -60 डिग्री तक चला जाता है। जम्मू-कश्मीर के इस छोटे के कस्बे के बारे में लोगों को 1999 के कारगिल वाॅर में पता चला। तब से इस जगह पर भारतीय सैनिक सुरक्षा के लिए रहते हैं। आप बर्फ से ढँकी इस जगह पर जाना खतरे से कम नहीं हैं। इसके बावजूद आप यहाँ जाने की हिम्मत रखते हैं तो किसी बहादुरी से कम नहीं हैं।

4- चंबल की घाटी

भारत की कई खूबसूरत-खूबसूरत घाटी है जहाँ लोग जाने की हसरत रखते हैं। लेकिन एक घाटी ऐसी है जहाँ कोई भी नहीं जाना चाहेगा, चंबल की घाटी। ये जगह कभी डाकूओं का अड्डा कहा जाती थी लेकिन वो डर आज भी बना हुआ है। इस घाटी में मंदिर और गुफाएँ हैं लेकिन यहाँ डाकूओं के डर की वजह से कोई नहीं जाता। बैंडित क्वीन, पान सिंह तोमर, फूलन देवी और मानसिंह जैसे डाकू इस चंबल की घाटी के थे। जिन पर कई मूवीज भी बन चुकी हैं। ये घाटी किसी की एक राज्य का हिस्सा नहीं है। चंबल की घाटी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में आती है। चंबल की घाटी वाइल्डलाइफ और यहाँ के इतिहास की गवाह है। जिसको जानना चाहिए लेकिन डाकूओं का डर आज भी लोगों को यहाँ जाने से रोकता है।

5- रोहतांग पास

रोहतांग पास जितनी खूबसूरत जगह है उतनी ही खतरनाक जगह है। वजह है खतरनाक रास्ता। रोहतांग पास समुद्र तल से 13,054 फीट की ऊँचाई पर है। इतनी ऊँचाई पर जब एक साथ दो गाड़ी गुजरेंगी यकीन मानिए तब डर के आगे आपकी सांसे रूक जाएँगी। रोहतांग पास कुल्लू को लाहौल-स्पीति से जोड़ती है। इस रोड पर यहाँ गाड़ी चलाना बेहद खतरनाक है। इस रास्ते को और खतरनाक बनाते हैं यहाँ के मोड़ और लैंडस्लाइड का खतरा। बर्फ की वजह से ये रोहतांग पास ज्यादातर समय बंद ही रहता है लेकिन मई से नवंबर तक ये रास्ता खुला रहता है।

6- गुरेज घाटी

हिमालय की गोद में बसी कश्मीर की गुरेज घाटी आँखों के लिए मानो जन्नत से कम नहीं है। हरे भरे घास के मैदानों से सजी इस घाटी को देख कर लगता ही नहीं कि ये भारत की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है। कश्मीर के हालात से तो हर कोई वाकिफ हैं। गुरेज देखने में जितना सुन्दर और शांत है लेकिन वास्तव में पूरी घाटी पर एक कड़ी निगरानी रखी जाती है। जगह-जगह पर सेना के कैंप हैं जो यहाँ के लोगों के लिए और बाॅर्डर की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। इसी वजह से ये घाटी खतरनाक जगहों में शुमार है। श्रीनगर से गुरेज पहुँचने में लगभग 7 घंटे का समय लगता है।

7- कोल्ली हिल

तमिलनाडु के नम्मक्कल मंडल की इस पहाड़ी की अपनी एक अलग कहानी है। लोगों का कहना है बहुत समय पहले पहाड़ के ऊपर एक अजीब छवि देखी गई थी। जिसके बाद से यह जगह खतरनाक जगहों की सूची में शुमार हो गई। लेकिन इसके पीछे का असल कारण कुछ और ही है। कोल्ली पहाड़ के ऊपर तक पहुँचने के लिए जो सड़क जाती है वो पहाड़ों में सबसे खतरनाक कहे जाने वाले कैंची मोड़ से भरी हुई है। यहाँ लगभग 70 ऐसे मोड़ हैं। ये सड़क कलैपानाईकेंपत्ती से शुरू हो कर ऊपर कोल्ली हिल तक जाती है। कुछ दूर तक तो रास्ता सही है जिससे आपको गाड़ी चलने में दिक्कत नहीं आएगी पर इसके बाद रास्ता खराब और गड्ढों से भरा हुआ है। जिसकी वजह से कोल्ली हिल रोड पर बहुत संभल कर चलने की जरूरत है।

8- खारदुंग ला

अगर आप दुनिया की सबसे ऊँची सड़क पर बाइक चलाने का मजा उठना चाहते हैं तो सामान उठाइए और निकल पड़िए खारदुंग ला पास की ओर। खुरदंग ला जितना खूबसूरत है उतना ही खतरनाक भी। यहाँ सावधानी हटी दुर्घटना घटी वाली बात सही बैठती है। इस सड़क की ऊंचाई 5,359 मीटर बताई जाती है लेकिन यहाँ के लोगों का कहना है कि इसकी सही ऊंचाई 5,602 मीटर है। लद्दाख सीमा का ये रास्ता यहाँ की राजधानी लेह के उत्तर दिशा में है जो श्योक और नुब्रा पहाड़ी इलाकों का एंट्री गेट भी है। इसके उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर स्थित है। 1976 में बनाए गये इस पास को 1988 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया। तब से कई गाड़ियों, मोटरसाइकल, पहाड़ी बाइकिंग की रैलियों को यहाँ से गुजरते हुए देखा जा सकता है।

9-किल्लर-किश्तवाड़ रोड

जम्मू के किश्तवाड़ से हिमाचल के किल्लर की रोड ट्रिप कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। यह सड़क इतनी पतली है कि एक बार में केवल एक ही गाड़ी यहाँ से निकल सकती है। सड़क के एक तरफ पहाड़ है तो दूसरे तरफ 1,000 फीट गहरी खाई और नीचे बहती चंद्रभागा नदी है। यहाँ हर समय भूस्खलन का खतरा बना रहता है। किसी-किसी जगह पर तो ये चट्टानें इतनी नीचे हैं कि छोटी कार का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। रोड के किसी भी तरफ कोई रेलिंग नहीं है इसलिए यहाँ सावधानी रखना बहुत जरूरी हो जाता है। सड़क ऊबड़खाबड़ है और बारिश के मौसम में इस पर चलना लगभग नामुमकिन जैसा हो जाता है। इस वजह से ये जगह खतरनाक मानी जाती है।

10- असम रेल रूट

एक रास्ते को खतरनाक कहने के लिए केवल उसकी ऊँचाई ही एक कारण नहीं होती है। कई बार प्रशासन और वहां के लोगों की वजह से भी ऐसा होता है। ऐसी ही कुछ है असम के लमडिंग से हफ्लोंग की रेल यात्रा की कहानी। वजह है इस रास्ते में पड़ने वाले नक्सली इलाके। इस इलाके में कायदे-कानून जैसा कुछ नहीं है। जिसकी वजह से अक्सर यहाँ खतरा बना रहता है। इस वजह से अगर आप अगर इस यात्रा पर जाते हैं तो आप बड़े हिम्मत वाले माने जाएँगे। लेकिन अगर आपको नक्सली मिलते हैं तो उनसे झगड़े न। बहादुरी और बेवकूफी में एक पतली-सी लाइन होती है इसलिए बहादुर बनिए, बेवकूफ नहीं।

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