Day 1
मध्यप्रदेश के ख़ज़ानों में बेशकीमती मोती की तरह चमकता प्राचीन शहर मांडू। इसके साथ ही साथ राजा-रानी के प्रेम का साक्षात् साक्षी, सुल्तानों के समय में शादियाबाद के नाम से जाना जाता था, जिसका मतलब है 'खुशियों का शहर'। वास्तव में यह नाम इस जगह को सार्थक करता है। मध्य प्रदेश के हर भरे घने जंगल, नर्मदा का सुरम्य तट, यह सब मिलकर मांडू को मालवा का स्वर्ग बनाते हैं।
महान कवि अबुल फज़ल को मांडू का मायाजाल भ्रमित करता था। मांडू के लिए उनहोंने कहा है कि यह पर्स पत्थर की देन है। मुख्य रूप से यहाँ चार वंशों ने राज कर अपनी नींव मज़बूत की है, परमार काल, सुल्तान काल, मुग़ल काल और पवार काल। मांडू को मुख्य तौर पर परिवार शासकों ने बसाया था, जिनमें से हर्ष, मुंज, सिंधु और राजा भोज इस वंश के महत्वपूर्ण शासक रहें हैं।