करनाटक के बिदर शहर में गुरु नानक देव जी का ईतिहासिक गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब

Tripoto
12th Feb 2017
Day 1

दोस्तों गुरू नानक देव जी जन कल्याण करने के लिए चार उदासियों पर गए, जो चार अलग अलग दिशाओं में की हुई यात्रा हैं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम। गुरू जी ने दुनिया में सबसे जयादा पैदल यात्रा की हैं।
दोस्तों बिदर शहर करनाटक के बिल्कुल उत्तर में हैं, जो एक जिला भी हैं, गुरू नानक देव जी दक्षिण यात्रा में जब थे तब बिदर शहर के बाहर रूक गए, जहां यह ईतिहासिक गुरूद्वारा नानक झीरा साहिब  बना हुआ हैं, बिदर शहर इसलामिक संस्कृति का केन्द्र था, जब बिदर के मुसलिम फकीरों को गुरू जी के बिदर पहुंचने की खबर मिली तो वह गुरु जी से मिलने के लिए आए, उन्होंने गुरू जी के बारे में पहले भी सुन रखा था, शहर के लोग भी गुरू नानक देव जी के दर्शन करने आए। बिदर के ईलाके में पानी की बहुत कमी है, बिदर की जमीन पथरीली हैं, खुशक जलवायु हैं, कुएं खोदने पर भी पानी नहीं आता था, अगर पानी मिलता भी तो पीनेलायक नहीं होता। मुस्लिम फकीरों ने और लोगों ने गुरू जी से इस समस्या को बताया, मेरे सतगुरू गुरु नानक देव जी आए ही जन कल्याण के लिए थे, दुनिया को तारने के लिए, बिदर वासियों की समस्या हल करने के लिए गुरु नानक देव जी ने अपने पवित्र पैर के अंगूठे को पहाड़ी के साथ छुया और थोड़े से मलबे को हटाया तो वहां मीठे पानी का चशमा फूट गया, कंनड भाषा में चशमे को झीरा कहा जाता हैं, इसीलिए गुरूद्वारा को नानक झीरा साहिब कहते है, अब उस झीरे के पास अमृत कुंड बना हुआ हैं, जहां मीठा पानी मिलता हैं, धन हैं गुरू नानक। आज यहां शानदार गुरूद्वारा बना हुआ हैं, रहने के लिए सुंदर कमरे, लंगर चलते हैं, नांदेड़ महाराष्ट्र से भी बिदर चार घंटे का सफर हैं, हैदराबाद शहर 110 किमी दूर हैं लेकिन राजधानी बंगलौर 700 किमी दूर हैं। आप जब भी करनाटक जायो इस ईतिहासिक जगह पर माथा टेकने जरूर जाना।

गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब बिदर करनाटक

Photo of Gurudwara Nanak Jhira Sahib by Dr. Yadwinder Singh

गुरुद्वारा साहिब का प्रवेश द्वार

Photo of Gurudwara Nanak Jhira Sahib by Dr. Yadwinder Singh

गुरू घर के अंदर गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश

Photo of Gurudwara Nanak Jhira Sahib by Dr. Yadwinder Singh

अमृत कुंड जिसे नानक झीरा भी कहा जाता हैं।

Photo of Gurudwara Nanak Jhira Sahib by Dr. Yadwinder Singh