बाली इंडोनेशिया का एक टापू है जिसका नाम दुनिया की खूबसूरत जगहों में लिया जाता है| सितम्बर 2022 को मुझे भी फैमिली के साथ बाली घूमने का मौका मिला | अगर आप भी बाली इंडोनेशिया जाने का पलान कर रहे हैं तो बाली में इन पांच खूबसूरत जगहों पर जाना मत भूलना|
1. पुरा उलून दानू ब्रतन मंदिर
बेदुगुल बाली इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में बाली यात्रा पर तीसरे दिन हम बेदुगुल के ईतिहासिक मंदिर को देखने के लिए गए| बेदुगुल में पुरा उलून दानू ब्रतन नाम का खूबसूरत मंदिर बना हुआ है| यह खूबसूरत मंदिर ब्रतन नाम की झील किनारे बना हुआ है जिसकी खूबसूरती लाजवाब है | इस पवित्र झील और मंदिर की पूरे बाली में बहुत मान्यता है| हमारे होटल रामा बीच रीसोट जो साऊथ बाली में कूटा शहर में था से बेदुगुल की दूरी तकरीबन 60 किमी की थी | हम अपने होटल से 11 बजे के आसपास निकले थे बाहर मौसम पूरा साफ था धूप निकली हुई थी| हम भारत से छतरी को साथ लेकर गए थे कयोंकि बाली में बारिश का कोई भरोसा नहीं है कब आ जाए | खिली हुई धूप को देखकर हम छतरी साथ नहीं लेकर गए| होटल से लेकर बेदुगुल तक का सफर बहुत सुहाना था | रास्ते में कूटा शहर को पार करके बाली के गाँव वाले हरे भरे क्षेत्र को देखकर मन आनंदित हो रहा था| गाड़ी में बैठे ही बाहर काले बादल दिखाई दे रहे थे हमें अंदाजा लग गया था आज बहुत भयंकर बारिश आने वाली है और हम छतरी भी होटल में ही भूल गए थे| खैर कुछ ही देर में बहुत जोरदार बारिश शुरू हो गई | बारिश में ही हम गाड़ी से बेदुगुल की ओर बढ़ते चले गए| बाली का हरा भरा रास्ता मन मोह रहा था| अब थोड़ी चढ़ाई शुरू हो गई थी पहाड़ों वाली फीलिंग भी आने लगी थी| रास्ते में स्ट्राबेरी के फार्म हाउस दिखाई दे रहे थे| हमें ड्राइवर ने बताया बेदुगुल के आसपास स्ट्राबेरी बहुत होती है | भारत में महाराष्ट्र के महाबलेश्वर को भारत की स्ट्राबेरी कैपीटल कहा जाता है| तेज बारिश होने की वजह से हम स्ट्राबेरी फार्म हाउस देखने के लिए नहीं रुके | अब हमें एक बहुत विशाल झील दिखाई देने लगी | कुछ ही देर में हम बेदुगुल शहर में पहुँच गए जो बिलकुल नैनीताल की तरह लग रहा था कयोंकि बेदुगुल भी झील 🚣किनारे पर बसा हुआ है| बारिश अभी भी बहुत तेज़ हो रही थी| ड्राइवर ने गाड़ी पार्क की| तेज़ बारिश हो रही थी तो पहले मैं गाड़ी से बाहर निकला| मैंने कुछ स्त्रियों को काफी सारी छतरी हाथों में लिए देखा | मैंने छतरी🌂 लेने के लिए पूछा तो 10,000 इंडोनेशियाई रुपये में एक छतरी किराये के लिए बताया| मैंने उनको 20,000 इंडोनेशियाई रुपये देकर दो छतरी किराये पर ले ली | अब मैंने छतरी खोलकर अपनी छोटी बेटी नव किरन और अपनी वाईफ को गाड़ी से बाहर निकाला| एक छतरी में मैं और दूसरी छतरी में मेरी वाईफ और बेटी बेदुगुल मंदिर के टिकट कांऊटर की तरफ बढ़ने लगे| ड्राइवर भी अपनी छतरी लेकर हमारे साथ चलने लगा और उसने मेरी और वाईफ के लिए 50,000 इंडोनेशियाई रुपये के हिसाब से दो टिकट लेकर हमें खरीद कर दे दी | दोस्तों बेदुगुल मंदिर देखने के लिए आपको 50,000 इंडोनेशियाई रुपये कीमत देनी होगी| मैंने यह पैकेज Tripoto पर True Deal कंपनी से लिया है और यह टिकट उसी पैकेज में शामिल थी | टिकट के साथ हमें पानी की दो छोटी छोटी बोतलें भी दी गई| टिकट चैक करवाने के बाद हमने मंदिर के क्षेत्र में प्रवेश किया| मंदिर के बाहर बहुत खूबसूरत गार्डन बना हुआ है| जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे आप जंनत भी आ गए हो | बारिश थोड़ी कम हो गई थी| हमने इस गार्डन को पार करके मंदिर के पास वाले क्षेत्र में प्रवेश किया| आप बेदुगुल मंदिर के अंदर नहीं जा सकते लेकिन बाहर से इनकी खूबसूरत कलाकारी को निहार सकते हो| सामने खूबसूरत झील और उसके किनारे पर एक ऊंचा पगौड़ा की तरह बना मंदिर बहुत दिलकश लग रहा था| मौसम भी बहुत सुहाना था | मंदिर के साथ झील और उसके पीछे दिखाई देते पहाड़ इस जगह की खूबसूरती को और चार चांद लगा रहे थे| मंदिर देखने आए एक शख्स को मैंने हमारी फैमिली की तसवीर लेने के लिए कहा जिसे उसने हंसते हुए सवीकार कर लिया| हमने यहाँ बहुत सारी तसवीरें खींच ली | उस दिन मैंने बाली से खरीदी हुई एक खूबसूरत टी शर्ट पहनी हुई थी जिसके ऊपर बेदुगुल मंदिर का प्रिंट छपा हुआ था| इसी वजह से मैंने आज इस टी शर्ट को पहना था | रंग बिरंगी टी शर्ट पहन कर रंग बिरंगी छतरी पकड़ कर बेदुगुल में जिंदगी बहुत रंग बिरंगी लग रही थी| बेदुगुल का पुरा उलन दानू ब्रटन मंदिर दानू नामक एक देवी को समर्पित है| इंडोनेशिया के किसान इस देवी की पूजा करते हैं| अक्सर यह मंदिर पैकेज में शामिल नहीं होता | यहाँ आपको इंडोनेशियाई लोकल आपको जयादा मिलेंगे|
कैसे पहुंचे - बेदुगुल मंदिर बाली एयरपोर्ट से 63 किमी डेनपासर शहर से 48 किमी दूर है| यहाँ आप टैक्सी करके या बाईक किराये पर लेकर पहुंच सकते हैं | बेदुगुल के आसपास आपको रहने के लिए अच्छे होटल मिल जाऐगे|
2. उलुवातु मंदिर
उलुवातु मंदिर को देखने के लिए बहुत सारे टूरिस्ट आते हैं| कोई भी टूरिस्ट जो बाली इंडोनेशिया घूमने आता है उसकी लिस्ट में उलुवातु मंदिर जरूर होता है| उलुवातु मंदिर में प्रवेश के लिए आपको 30,000 इंडोनेशियाई रुपया की टिकट लेनी पड़ेगी जो भारतीय करंसी में तकरीबन 142 रुपये के आसपास बनती है| उलुवातु मंदिर बाहर से देखने से हिमाचल प्रदेश के दूर दराज ईलाके में बने लोकल देवी देवता के मंदिर जैसा लगता है| बाली इंडोनेशिया में उलुवातु मंदिर बहुत ही पवित्र जगह है| |उलुवातु मंदिर बाली इंडोनेशिया के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है| यह मंदिर बाली के दक्षिण पश्चिम दिशा में समुद्र के किनारे पर 70 फीट ऊंची चट्टान के ऊपर बना हुआ है| बाली की लोकल भाषा में वातु का अर्थ होता है- चट्टान और उलु का अर्थ होता है- किनारा| उलुवातु का अर्थ है चट्टान के किनारे पर बना हुआ मंदिर | आपको उलुवातु मंदिर कंपलैकस में बहुत सारे बंदर भी देखने के लिए मिलेगें| यहाँ के बंदर बहुत शरारती है जो आते जाते टूरिस्ट का सामान छीन लेते हैं| इनसे थोड़ा सावधान रहना चाहिए|
3. तनाह लोत मंदिर बाली इंडोनेशिया
इंडोनेशिया का टापू बाली जहाँ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरे विश्व में विख्यात है | वहीं इस खूबसूरत टापू पर आपको शानदार मंदिर भी देखने के लिए मिलेगें| ऐसा ही शानदार मंदिर है तनाह लोत मंदिर जो वैसट बाली जोन में है| तनाह लोत मंदिर समुद्र के तट के पास एक ऊंची चट्टान पर बना हुआ है| तनाह लोत बाली का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है | हमारे बाली इंडोनेशिया टूर पैकेज में भी तनाह लोत मंदिर की यात्रा शामिल थी | सुबह दस बजे रामा बीच रीसोट जहाँ हम ठहरे थे से हमें हमारे कार ड्राइवर ने हमें कार में बैठाया| फिर हम तनाह लोत मंदिर की ओर चल पड़े| कूटा शहर को पार करते हुए आगे गाँव को देखते हुए एक जगह पर हम एक छोटी सी सड़क की ओर मुड़ जाते हैं | यहीं सड़क आगे तनाह लोत मंदिर की ओर जाती है | तकरीबन एक घंटे बाद हम तनाह लोत मंदिर के पास पार्किंग में पहुँच जाते हैं | ड्राइवर गाड़ी को वृक्ष के नीचे लगा देता है कयोंकि तेज़ धूप की वजह से गर्मी बहुत थी | पार्किंग के बाद टिकट कांऊटर से टिकट लेकर ड्राइवर ने हमें दे दी | इस मंदिर की टिकट भी पैकेज में शामिल थी| यहाँ पर एक गेट के सामने ड्राइवर हमारी फैमिली की फोटो खींच ली जो उसने कंपनी वालों को भेजनी थी ताकि वह बता सके कि इनको तनाह लोत मंदिर दिखा दिया है | थोड़ी देर आगे चलकर जब हम देखते हैं तो सामने का दृश्य आपका मन मोह लेता है | नीले रंग का समुद्र लहरों के साथ दिलकश दृश्य पेश करता है | आप ऊंचाई पर होकर इस शानदार दृश्य को देखते हैं| मैंने यहाँ कुछ यादगार तस्वीरें अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर ली और आगे मंदिर की ओर बढ़ गया | कुछ सीढ़ियों से उतरते हुए हम समुद्र के पास एक समतल जगह पर आ जाते हैं जहाँ सामने एक चट्टान पर तनाह लोत मंदिर दिखाई देता है | यह मंदिर दूर से देखने पर भी बहुत आकर्षिक लगता है| थोड़ी दूर पैदल चल कर हम मंदिर के पास पहुंच जाते हैं| वहाँ एक छोटी सी लाईन लगी होती है| हम भी जाकर उसी लाईन में लग जाते हैं | वहाँ पुजारी आपको पवित्र जल देता है जो तनाह लोत मंदिर की चट्टान से निकलता है | मैं भी वहाँ 5000 इंडोनेशियाई रुपये का माथा टेक देता हूँ| पुजारी एक फूल भी मेरे और श्रीमती के कान पर लगा देता है| फिर हम मंदिर की ओर बनी हुई सीढ़ियों पर चढ़ते हैं लेकिन थोड़ी दूरी पर एक जगह पर रास्ता बंद किया गया है| आप वहाँ से आगे नहीं जा सकते| तनाह लोत मंदिर जो चट्टान के ऊपर बना हुआ है में आप दर्शन करने के लिए अंदर नहीं जा सकते शायद वहाँ के लोकल लोगों को ही यह अनुमति हो | मंदिर की ओर चढ़ती हुई सीढ़ियों से समुद्र का लहरों के साथ खूबसूरत नजारा दिखाई देता है| कुछ पल के लिए हमने समुद्र की खूबसूरती का आनंद लिया | फिर हम वापस आने लगे तो एक फोटोग्राफर फोटो खिंचवाने के लिए कहने लगा | 40,000 इंडोनेशियाई रुपये में फ्रेम में एक फोटो जो वह अपने कैमरे से खींचेंगा और बाकी फोटोज पैंन ड्राइव से आपके मोबाइल में भेज देगा | हमने फैमिली के साथ तनाह लोत मंदिर के सामने और समुद्र की लहरों के साथ कुछ खूबसूरत तस्वीरें खिचवा ली | 10 मिंट में उसने हमे तनाह लोत मंदिर के सामने फैमिली की तसवीर तनाह लोत लिखे हुए खूबसूरत फ्रेम के साथ हमें दे दी | फिर हम वापस आ गए रास्ते में दूर से एक ओर मंदिर दिखाई देता था और नीचे नीले रंग का समुद्र भी | हमने वहाँ जाकर इस जगह की खूबसूरती का आनंद लिया और वापस पार्किंग में आ जाते हैं| फिर हम अगली मंजिल की ओर बढ़ जाते हैं |
तनाह लोत मंदिर बाली इंडोनेशिया का सबसे पवित्र जगहों में से एक है| हर साल यहाँ लाखों टूरिस्ट इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं| यह मंदिर बाली इंडोनेशिया की पहचान है| तनाह लोत मंदिर के ईतिहास के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण इंडोनेशिया के ईसट जावा से आए एक पुजारी नीरथ ने सौलवहीं सदी में करवाया था| यह मंदिर समुद्र के देवते वरुण को समर्पित है| इस मंदिर की चट्टान के नीचे सांप रहते हैं जो इस मंदिर की रक्षा करता है| ऐसा कहा जाता है| तनाह लोत का होता है- समुद्र में भूमि कयोंकि यह मंदिर समुद्र के अंदर बनी हुई भूमि पर एक चट्टान पर बना हुआ है| यह भी कहा जाता है उस पुजारी को इस पवित्र जगह पर ही ज्ञान प्राप्त हुआ था| आप जब भी बाली इंडोनेशिया जाए तो इस पवित्र मंदिर को देखने जरूर जाना |
कैसे पहुंचे - तनाह लोत मंदिर बाली के कूटा शहर से 23 किमी और बाली एयरपोर्ट से 27 किमी दूर है| आप यहाँ टैक्सी से या बाईक किराये पर लेकर आ सकते हैं| मंदिर के आसपास रहने के लिए अच्छे होटल और खानपान की अच्छी सुविधा है|
4. बाली इंडोनेशिया की मशहूर लुवाक कॉफी
जब भी हम अपने देश से बाहर विदेश में घुमक्कड़ी करने जाते हैं तो हम बहुत कुछ नया देखने और सीखने के लिए मिलता है| विदेशी धरती पर खानपान, भाषा, कल्चर पेड़ पौधों जीव जंतुओं से लेकर लोग और मौसम हरेक चीज में नयापन या बदलाव देखने के लिए मिलेगा| घुमक्कड़ को ऐसी नयी जगहों पर जाना और फिर वहाँ की संस्कृति और कल्चर को समझना चाहिए| सितंबर 2022 में मुझे भी इंडोनेशिया के बाली टापू पर जाने का मौका मिला| बाली टापू पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट डेसटीनेशन के रूप में मशहूर है| बाली टापू घूमते समय मुझे इंडोनेशिया की मशहूर लुवाक कॉफी को टेस्ट करने और इसके बारे में जानने का मौका मिला| एक घुमक्कड़ होने के नाते मुझे लगा इस कॉफी को टेस्ट करना और इसके बारे में जरूर लिखना चाहिए| इंडोनेशिया में हम पांच दिन रुके थे घूमने के लिए चौथे दिन घूमते समय हमारी कार के ड्राइवर ने गाड़ी एक जगह पार्क करते हुए कहा आप कॉफी के बागान में जाए | कॉफी को टेस्ट करने और कॉफी के बारे में जानने के लिए| मैं अपनी वाईफ और दो साल की बेटी के साथ गाड़ी से उतरा तो कॉफी बागान के गेट पर एक व्यक्ति ने हमें नमस्कार किया| एक बात तो बाली इंडोनेशिया के लोग टूरिस्ट को बहुत प्रेम से नमस्ते कहते हैं अगर आप इंडियन टूरिस्ट हो तो | नमस्ते कह कर उस खूबसूरत बाग में प्रवेश कर गए| बाग पूरा हरा भरा था बीच में ईटों से बना हुआ एक छोटा सा रास्ता था जिस पर हम चल रहे थे| चलते चलते ही मैंने उस वयक्ति से कॉफी के बारे में बातें करनी शुरू कर दी | मैंने उसे कहा भाई मुझे कॉफी का पेड़ तो दिखाओ तो उसने मुझे कॉफी का पेड़ दिखाया और मेरी तसवीर भी खींची उस पेड़ के साथ| बातें करते करते हम उस जगह पर पहुँच गए जहाँ बैठने के लिए बैंच लगे हुए थे | हरे भरे जंगल में वह जगह बहुत खूबसूरत लग रही थी| उन बैंच के ऊपर दो अंग्रेज बैठे हुए थे जो अलग अलग तरह की कॉफी को टेस्ट कर रहे थे| उस वयक्ति ने हमें भी बैठने के लिए कहा| हम बैठ गए और फिर उसने हमें एक बोर्ड दिखाया जिस पर लुवाक कॉफी का कप 55,000 इंडोनेशियाई रुपये का लिखा हुआ था| अगर आप इस कॉफी के कप को आर्डर करते हैं तो साथ में आपको बहुत सारी अलग अलग तरह की कॉफी और चाय को टेस्ट करने का मौका भी मिलेगा| थोड़ा सोच कर मैंने एक कप लुवाक कॉफी का आर्डर कर दिया जब इतनी दूर इंडोनेशिया घूमने आए हैं तो एक कप कॉफी का तो बनता ही है| लुवाक कॉफी इंडोनेशिया की सबसे मशहूर और महंगी कॉफी है |
हमने लुवाक कॉफी का एक कप आर्डर कर दिया| कुछ देर बाद लुवाक कॉफी का एक कप और साथ में लकड़ी की पलेट में टेस्ट करने के लिए 14 अलग अलग गिलास कॉफी और ग्रीन चाय के आ गए| फिर गाईड ने हमें लुवाक कॉफी के बारे में बताया यह कैसे बनती है| लुवाक कॉफी सिवेट नाम जानवर के मल के उपयोग से तैयार की जाती है| सिवेट नाम का जानवर दिखने में बिल्ली जैसा है बस उसकी पूंछ थोड़ी लंबी है| उस बागान में मैंने सिवेट जानवर को भी एक पिंजरे में देखा जिसका उपयोग लुवाक कॉफी में होता है| सिवेट जानवर कॉफी की चैरी को खाता है | कॉफी के बीज भी यह जानवर खा जाता है लेकिन सिवेट इन बीजों को पचा नहीं पाता| कॉफी के बीज सिवेट की पॉटी (मल) में ऐसे ही आ जाते हैं| इन कॉफी के बीजों को साफ करके चूल्हे की आग पर भून कर फिर उसे पीसकर उसके पाऊडर को छानकर लुवाक कॉफी तैयार की जाती है| ऐसा माना जाता है सिवेट कॉफी के बीज को पचाता तो नहीं है लेकिन उसकी अंतड़ियों से निकले रसायन से कॉफी के बीजों की गुणवत्ता काफी बढ़ जाती है| इसीलिए लुवाक कॉफी इंडोनेशिया की सबसे महंगी कॉफी है| मैंने भी लुवाक कॉफी के कप का टेस्ट किया| इसके बाद मैंने अलग अलग कॉफी और ग्रीन टी को भी टेस्ट किया| यह काम मुझे काफी रोमांचक लगा | फिर हमने वहाँ बनी एक दुकान पर कुछ कॉफी के पैकेट खरीदें और वापस अपनी गाड़ी में बैठ कर अगली मंजिल की ओर बढ़ गए|
5. तेगेनुंगन वाटरफॉल बाली इंडोनेशिया
बाली यात्रा के दौरान एक दिन हम बाली के खूबसूरत तेगेनुंगन वाटरफॉल को देखने के लिए गए| यह जगह बहुत खूबसूरत है कुदरती नजारों से भरपूर है| हम सुबह ब्रेकफास्ट करके होटल से तकरीबन 10 बजे निकले थे | हमारी कार का ड्राइवर 10 बजे आ गया था| हमारे होटल से इस जगह की दूरी 32 किलोमीटर थी | उस दिन हमने किंतामनी जाना था रास्ते में तेगेनुंगन झरने को देखकर | हमारी गाड़ी एक हाईवे पर चल रही थी आखिरी कुछ किलोमीटर के लिए हमारी गाड़ी एक छोटी सी सड़क पर मुड़ गई थी| रास्ते में छोटे छोटे खेत और हरियाली मन मोह रही थी| ऐसे ही खूबसूरत रास्ते पर चलते हुए हमारी गाड़ी तेगेनुंगन वाटरफॉल के पास वाले गाँव की पार्किंग में पहुँच जाती है| गाड़ी को पार्क करके ड्राइवर ने हमें तेगेनुंगन वाटरफॉल की दो टिकट खरीद के दी | यह टिकट बाली टूर पैकेज में शामिल थी इसलिए इसकी टिकट ड्राइवर ने खरीद कर हमें दी| इस वाटरफॉल को देखने की टिकट शायद एक लाख इंडोनेशियाई रुपये थी | टिकट लेकर उसको चैक करवाने के बाद हम तेगेनुंगन के बाजार में घूमने लगे| बाजार के रास्ते के दोनों साईड में टूरिस्ट को लुभाने के लिए खूबसूरत सामान मिल रहा था| धूप भी काफी तेज थी और गर्मी भी लग रही थी हमने 40,000 इंडोनेशियाई रुपये में ठंडा नारीयल पानी पिया जो काफी सवादिस्स्ट था | गांव के बाजार में तरह तरह की चीजों को निहारते हुए हम उस जगह पर पहुँच गए जहाँ से तेगेनुंगन वाटरफॉल के लिए सीढियाँ उतरती है | यहीं सीढियाँ नीचे उतर कर तेगेनुंगन वाटरफॉल की तरफ जाती है| यह सीढियाँ पत्थर की बनी हुई है काफी चौड़ी और ऊंची है | मैंने अपनी दो साल की बेटी नव किरन को अपनी गोदी में उठा लिया कयोंकि सीढियों से अगर वह खुद चलती तो गिर कर चोट लग सकती थी| हम धीरे धीरे सीढियाँ उतरने लगे| कभी अपनी बेटी को मैं उठाता कभी मेरी श्रीमती ऐसे करते हुए हम काफी सीढियाँ नीचे उतर आए | सीढियों के साथ रास्ते में थोड़ी थोड़ी दूर कुछ वियु पुवाईट बनाए गए है जहाँ रुक कर टूरिस्ट अपनी फैमिली के साथ कुछ यादगार फोटो खिंचवाने के बाद आगे बढ़ जाते हैं|
फोटो खिंचवाने के बाद हम दुबारा फिर सीढियाँ उतरने लगे| एक जगह वियु पुवाईट पर पंछी के घोंसले की तरह एक झरोखा बना हुआ था| हमने हमारी बेटी ने श्री मती के साथ और मेरे साथ यहाँ पर कुछ यादगार तस्वीरें खिंचवाई| अब हम दूर से खूबसूरत वाटरफॉल और हरे भरे पहाड़ दिखाई देने लग गए थे| जल्दी ही हम नीचे उतर आए | वहाँ सामने नजारा कुछ ऐसा था | सामने पहाड़ और नीचे एक नदी बह रही थी बिलकुल हिमाचल प्रदेश वाली फीलिंग आ रही थी बाली इंडोनेशिया में| यहाँ पर एक बैठने के लिए कुछ कुर्सी लगीं हुई थी और उसके ऊपर ओपन छत थी | हमने यहाँ बैठ कर कुछ विश्राम किया| मेरी बेटी रो रही थी | जहाँ हमने उसे शीशी में दूध पिलाया | होटल से ही उसके लिए हम गर्म दूध की शीशी लेकर आए थे| कुछ देर बाद हम नदी के साथ बने रास्ते पर चलने लगे| यहाँ एक पुराना मंदिर बना हुआ है जिसके अंदर जाना मना था| मंदिर के पास ही ठंडे पानी का पवित्र चश्मा बना हुआ है| इस पवित्र जल से हमने अपने हाथ मूंह धो लिया| मेरी बेटी इस जल से खेलने लगी | फिर हम वाटरफॉल की तरफ बढ़ने लगे| अब हमें सामने दूर ऊंची पहाड़ी से खूबसूरत वाटरफॉल दिखाई दे रहा था| पानी का बहाव काफी तेज था | हम तेगेनुंगन वाटरफॉल के पास पहुंच गए थे| गिरते हुए झरने की गर्जना काफी दूर तक दिखाई दे रही थी| हम भी काफी देर तक कुदरत के इस खूबसूरत करिश्मे को निहारते रहे| वहाँ कुछ लोग झरने के नीचे बने हुए तालाब में नहा भी रहे थे| वाटरफॉल के बिलकुल नीचे जहाँ पानी गिरता था उसके पास रस्से से एक सीमा बनाई हुई थी जिसका मतलब था इस क्षेत्र में आना मना है कयोंकि वहाँ पानी गहरा हो सकता है| हम तकरीबन आधे घंटे तक इस शानदार तेगेनुंगन वाटरफॉल पर रुके | फैमिली के साथ कुछ तस्वीरें खींच ली और वीडियो भी बनाई| फिर हम वापस चल पड़े | अब हमें ऊंची सीढियों पर ऊपर चढ़ना था| हम धीरे धीरे बेटी को गोद में उठाकर सीढियों को चढ़ रहे थे| थोड़ा रुकते हुए नजारों को देखते हुए हम वापस कार पार्किंग में पहुँच गए| ड्राइवर गाड़ी में हमारा इंतजार कर रहा था| कुछ ही देर बाद हम गाड़ी में बैठ कर अगली मंजिल की ओर बढ़ गए|
कैसे पहुंचे- तेगेनुंगन वाटरफॉल बाली इंडोनेशिया का एक खूबसूरत और मशहूर टूरिस्ट सपाट है| बाली के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से इसकी दूरी 33 किमी है| आप यहाँ टैक्सी करके या बाईक किराए पर लेकर भी आ सकते हैं| यहाँ खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट और रहने के लिए होटल आदि भी मिल जाऐगे|