राजस्थान का भी है एक अपना खजुराहो! इन मंदिरों की एक झलक ही आपके होश उड़ा देगी

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भारत एक ऐसा अद्भुत देश है जहाँ की संस्कृति के आदर्श को "सत्यम शिवम् सुंदरम" से समझा जा सकता है। जीवन को समझने वाले इन तीन शब्दों में सुंदरम शब्द को भी शामिल किया गया है। भारत में सौन्दर्य को बेहद अच्छे तरीके से परिभाषित किया जाता रहा है अब चाहे यहाँ दिखने वाली प्रकृति की खूबसूरती की बात करें या फिर अद्भुत शिल्पकला के बेहद सुन्दर अनगिनत नमूनों की, हमारे देश में सुंदरता हर जगह आपको देखने को मिल ही जाएगी। भारत में ऐसे अनेक बेहद प्राचीन और अत्यंत खूबसूरत मंदिर मौजूद हैं जिनकी एक झलक ही आपको इनकी शिल्पकला का दीवाना बना देगी और इसीलिए इन्हें देखने दुनिया भर से लोग भारत आते रहते हैं। आज हम इस लेख में राजस्थान में स्थित ऐसे ही अद्भुत शिल्पकला वाले मंदिरों के एक छोटे से शहर के बारे में बताने वाले हैं जिसे 'राजस्थान का खजुराहो' भी कहा जाता है। तो चलिए शुरू करते हैं...

ओसियां: राजस्थान का खजुराहो

राजस्थान में सूर्यनगरी जोधपुर पर्यटन की दुनिया में बेहद लोकप्रिय है ये बात हम सभी जानते हैं। दुनियाभर से आम पर्यटकों का तो यहाँ आना लगा ही रहता है साथ ही कई सेलिब्रिटीज की भी यह पसंदीदा जगह है। लेकिन जोधपुर से सिर्फ 65 किलोमीटर दूर रेगिस्तान से घिरा एक छोटा सा शहर जो प्राचीन भारतीय शिल्पकला की भव्यता को बड़े अच्छे से समेटे हुए है उसके बारे में अभी तक बेहद कम लोगों को ही पता है। ओसियां में मौजूद 8वीं सदी से 11वीं सदी के बीच बने इन अद्भुत हिन्दू और जैन मंदिरों में आप देश के इतिहास की झलक बेहद अच्छे से देख सकते हैं। मंदिरों पर की गयी नक्काशी इतनी बारीकी और सुन्दर तरीके से की गयी है की बस एक झलक ही आपके होश उड़ा देगी।

इसके अलावा ओसियां को मिनी सैम (सैम सैंड डून्स) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ आपको रेगिस्तान की सैर के साथ रेत के टीलों पर कई सारी रोमांचक एक्टिविटीज करने को भी मिल जाएँगी। एक ओर प्राचीन खूबसूरत मंदिरों से सजा ओसियां दूसरी ओर सोने से चमकते रेत के टीलों से घिरा है और इसीलिए यह राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत के पर्यटन क्षेत्र में वास्तव में एक छिपा हुआ नगीना है।

ओसियां का इतिहास

इस प्राचीन अद्भुत नगरी जिसे राजस्थान का भुवनेश्वर भी कहा जाता है, के इतिहास के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि इस नगर को पहले के समय में अंकेश, उरकेश, नवनेरी, मेलपुरपत्तन जैसे नामों से भी जाना जाता था। इसके अलावा कई विद्वानों के अनुसार ओसवाल वैश्यों का उत्पत्ति स्थान होने के कारण ही यह स्थान ओसियां के नाम से जाना जाने लगा। ऐसा बताया जाता है कि ओसियां से वैश्यों का जो कुल यहाँ से बाहर निकला वे लोग ही ओसवाल कहलाये गए और इसीलिए ओसवालों की कुल देवी सच्चियाय माता का मंदिर भी यहां ओसियां में ही स्थित है।

इतिहास के जानकारों के अनुसार यहाँ आज जितने मंदिर हैं सिर्फ वे ही नहीं बल्कि पहले कुल 108 अद्भुत मंदिरों से ओसियां शहर सजा हुआ था और इसके साथ ही यह शहर एक संपन्न शहर भी हुआ करता था। इसके अलावा ओसियां से जुडी एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यहाँ मौजूद हरिहर मंदिर राजस्थान में अद्यावधिज्ञात पंचायतन शैली का सर्वप्रथम मंदिर है।

ओसियां के अद्भुत मंदिर

जैसा कि हमने आपको बताया कि ओसियां में कभी कुल 108 बेहद सुन्दर मंदिर हुआ करते थे जिनमें से कई मंदिरों के अवशेष आप आज भी यहाँ देख सकते हैं। उन्ही में से 18 मंदिर इतिहास की झलक दिखाने के लिए आज भी ओसियां भी मौजूद हैं। इन्ही मंदिरों में से एक मुख्य मंदिर सच्चियाय माता मंदिर है जो देखने में तो बेहद आकर्षक शिल्पकला से सजा है ही इसके साथ ही यह मंदिर बेहद प्राचीन और लाखों लोगों की आस्था का एक बड़ा केंद्र भी है।

इसके अलावा भी अन्य मुख्य मंदिर जहाँ आपको अपनी ओसियां की यात्रा के दौरान जरूर जाना चाहिए वो हैं सूर्य मंदिर, हरिहर मंदिर, जैन मंदिर और इसके अलावा भी पास में कुछ छोटे लेकिन बेहद सुन्दर मंदिर। इन सभी मंदिरों में जो सुंदरता आपको देखने को मिलेगी यकीन मानिये बस एक झलक में आपको इनकी शिल्पकला का मुरीद बना देगी।

ओसियां में अन्य पर्यटन गतिविधियां

ओसियां में वैसे तो खास तौर पर इन प्राचीन मंदिरों को देखने ही देश विदेश से पर्यटक यहाँ आते हैं लेकिन इन मंदिरों के अलावा भी पर्यटन के लिहाज़ से ओसियां में अपार संभावनाएं हैं। जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि ओसियां चारों ओर से सुनहरे रेत के टीलों से घिरा है। इसीलिए यहाँ आप रेगिस्तान में ऊँट की सवारी का भी बेहद शानदार अनुभव ले सकते हैं। इन टीलों पर तेज दौड़ते ऊँट पर की गयी सवारी का रोमांचक अनुभव आप जिंदगी भर नहीं भूलने वाले इसका विश्वास हम आपको दिला सकते हैं।

इसके अलावा रेगिस्तान में आप जीप सफारी भी कर सकते हैं जो भी अपने आप में एक शानदार अनुभव होता है और साथ ही रेगिस्तान में कैंपिंग करने के लिए और एकदम शांति में रेगिस्तान में कुछ रातें बिताने के लिए भी ओसियां एक शानदार जगह है। ओसियां में आपको राजस्थान की संस्कृति भी काफी अच्छे से देखने को मिलेंगी जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देगी।

ओसियां कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग से

ओसियां अगर आप हवाई मार्ग से पहुंचना चाहते हैं तो जोधपुर एयरपोर्ट यहाँ से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। जोधपुर एयरपोर्ट देश के कई बड़े शहरों जैसे जयपुर, दिल्ली, मुंबई से अच्छे से जुड़ा है तो यहाँ आप आसानी से पहुंचकर फिर टैक्सी वगैरह की सहायता से करीब 65 किलोमीटर दूर आसानी से पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग से

ओसियां में खुद का रेलवे स्टेशन मौजूद है जो आपको राजस्थान के अन्य शहरों के साथ देश के भी कई शहरों से जुड़ा हुआ है। अगर आपके शहर से ओसियां के लिए ट्रेन न भी मिले तो आप पहले जोधपुर ट्रेन के माध्यम से पहुँच सकते हैं और फिर वहां से करीब 60 किलोमीटर दूर ओसियां पहुँचने के लिए बस या फिर टैक्सी या फिर किसी अन्य ट्रेन के माध्यम से आसानी से ओसियां पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा

सड़क मार्ग से भी आप आसानी से ओसियां पहुँच सकते हैं। राजस्थान के कई शहर जैसे जयपुर, बीकानेर,जोधपुर वगैरह से आप ओसियां तक बस से आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा अगर आप खुद के वाहन से ओसियां जाना चाहते हैं तो भी इस शहर को जोड़ने वाली सड़क काफी अच्छी स्थिति में है जिससे आप अपने वाहन से भी आसानी से ओसियां पहुँच सकते हैं। जयपुर से ओसियां सिर्फ 350 किलोमीटर है और वहीं दिल्ली से इसकी दूरी करीब 550 किलोमीटर है।

जोधपुर से ओसियां

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तो अगर आप राजस्थान में है या फिर राजस्थान यात्रा का प्लान कर रहे हैं तो ओसियां जैसी प्राचीन और खूबसूरत नगरी को देखना बिलकुल भी मिस न करें। इससे जुडी जो भी जानकारियां हमारे पास थीं हमने इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा तो प्लीज इसे लाइक जरूर करें और ऐसी ही और जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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