अगर आप उन यात्रियों में से हैं जिनको भीड़ भाड़ से दूर प्रकृति को उसके असली रंग में देखना पसंद है तो रामेश्वरम आपके लिए ही है. मंदिरों का ये शहर भारत के दक्षिणी कोने में बसा हुआ है. सभ्यता से दूर इस शहर की शान्ति ही इसकी खासियत है. बड़े शहरों की हवा इस जगह को अभी तक नहीं लगी है और यही बात यहाँ आने वाले सैलानोयों को आकर्षित करती है. यहाँ स्तिथ मंदिरों के कारण यहाँ का कण-कण पवित्र माना जाता है. इसको दक्षिण भारत का बनारस भी कहा जाता है और तीर्थयात्री यहाँ पूरे साल ही आते हैं.
छुट्टियों के लिए अगर आप रामेश्वरम आ रहे हैं तो मैं आपको ट्रैन से आने की सलाह दूँगी. यहाँ आने वाली ट्रैन विश्व प्रसिद्ध पम्बन ब्रिज से होते हुए आती है. यह अपने आप में एक अनोखा अनुभव है. समंदर की लहरों के ऊपर सफर करने का यह अनुभव आपको और कहाँ मिलेगा? मुझसे पूछें तो ऐसा रेल का सफर आपको पूरे भारत में नहीं मिलेगा.
एक बार आप रामेश्वरम स्तिथ रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं तो शहर में घूमना ज्यादा मुश्किल नहीं है. पूरे शहर में आपके मार्गदर्शन के लिए साइनबोर्ड्स लगे हुए हैं जो आपको आसानी से मंदिर तक पंहुचा देंगे. रामेश्वरम का सबसे प्रसिद्ध और बड़ा मंदिर है रामनाथस्वामी मंदिर जो की अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. रामेश्वरम घूमने के लिए 2 दिन और 1 रात का समय काफी है. इतने समय में आप मंदिर और इस छोटे से शहर को पूरी तरह देख सकते हैं. इसके बाद आपको समय मिले तो आप धनुष्कोडी भी जा सकते हैं.
धनुष्कोडी अपने आप में एक अनोखी जगह है और ऐसा परिदृश्य आपको भारत में ढूढ़ने से भी नहीं मिलेगा. यहाँ के समुद्री तट पर आपको सूखे पेड़ों का एक जंगल मिलेगा जहाँ मोर, जंगली मुर्गियां, बाज़ और चील सभी प्रकार के पशु पक्षी मिलेंगे. जब आप धनुष्कोडी के तट पर पहुंचेंगे तो यहाँ एक लम्बा रेतीला तट है जहाँ से आपको यहाँ के सबसे सुन्दर नज़ारे देखने को मिलेंगे. इस रेतीली पट्टी पर एक तरफ आपको समंदर की लहरों में उछलता हुआ रेतीला पानी मिलेगा और वहीँ दूसरी तरफ शान्त नीला समंदर. इस अनोखे नज़ारे को देखने लोग यहाँ दूर दूर से आते हैं. आसमान में उड़ाते हुए पक्षी और शांत नज़ारे आपको ऐसा अनुभव कराएँगे जैसे की आप सभ्यता से बहुत दूर चले आये हो. धनुष्कोडी में स्तिथ सुनामी के बाद के शेष खडहर भी लोग अक्सर देखने आते हैं. यह समुद्री तट से थोड़ी ही दूरी पर है और आप यहाँ आसानी से चल कर जा सकते हैं.
अगर आप सोचते हैं की दक्षिण भारत आपके लिए नहीं है तो फिर सोचिये. भारत के इस कोने में वह अद्भुत अनुभव आपका इंतज़ार कर रहे हैं जो आपको कहीं और नहीं मिलेंगे.
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