इडुक्की: नदियों, पहाड़ियों और बागानों से घिरी ये जगह आपका इंतज़ार कर रही है!

Tripoto

यह एशिया का पहला आर्च डैम जो कि कुरावन और कुराती पहाड़ियों के पार बना हुआ है। जलाशय दो तरफ से इडुक्की डैम और चेरुथोनी डैम से घिरा हुआ है। ₹30 की एंट्री टिकट लेकर आप चेरुथोनी बैराज पर चल सकते हैं और इस बैराज पर चलने के दौरान यहाँ से दिखने वाले मनोरम दृश्य आपको हैरान कर देंगे। वहीं हिल व्यू पार्क से जलाशय का नज़ारा बहुत ही सुकूनभरा है।

राजक्कड़: राजक्कड़ जो कि इडुक्की जिले के कई हिल स्टेशनों में से एक है। अगर आप छुट्टियाँ मनाने के लिए यहाँ जाते हैं तो आपको हैंगिंग ब्रिज, किफायती और आरामदायक होमस्टे, सनसेट व्यू प्वाइंट और डैम आदि देखने का मौका मिलेगा।

Photo of राजक्कड़ एस्टेट, Tamil Nadu, India by Rupesh Kumar Jha
Photo of राजक्कड़ एस्टेट, Tamil Nadu, India by Rupesh Kumar Jha
Photo of राजक्कड़ एस्टेट, Tamil Nadu, India by Rupesh Kumar Jha

मट्टुप्पेट्टी: मुन्नार एक दर्शनीय पिकनिक स्पॉट, जो कि शहर से करीब 13 कि.मी. दूर स्थित है। यहाँ एक झील, एक डैम और एक पशुशाला भी है। मट्टुप्पेट्टी की यात्रा के दौरान आपको रास्ते में कई सारी आकर्षक चीज़ों को देखने का आनंद मिलेगा, जैसे कुंडला चाय बागान और कुंडला झील। यहाँ आप नाव की यात्रा भी कर सकते हैं। जबकि कुंडला को ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए भी जाना जाता है।

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Photo of मत्तुपेत्टी डैम, Munnar - Top Station Highway, Mattupetty, Kerala, India by Rupesh Kumar Jha
Photo of मत्तुपेत्टी डैम, Munnar - Top Station Highway, Mattupetty, Kerala, India by Rupesh Kumar Jha
Photo of मत्तुपेत्टी डैम, Munnar - Top Station Highway, Mattupetty, Kerala, India by Rupesh Kumar Jha
Photo of इडुक्कीमण्डलम्, Kerala, India by Rupesh Kumar Jha

लॉन्ग वीकेंड, लॉन्ग वीकेंड!!! लेकिन घूमने निकलें कहाँ, ये फैसला करना किसी भी घुमक्कड़ के लिए बहुत ही मुश्किल होता है। बहुत रिसर्च के बाद मैं केरल राज्य के इडुक्की नाम के एक हिल स्टेशन के पास पहुँचा। घनी आबादी वाले इलाके में स्थित यह घाटी इलायची की पहाड़ियों से सजी हुई है।

इडुक्की केरल का दूसरा सबसे बड़ा जिला है जो कई जंगलों, झरनों, बांधों, वाइल्डलाइफ सेंक्चुरीज, हिल स्टेशन और स्पाइस गार्डेंस के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की ऊँची पर्वतमाला और घाटियाँ तीन प्रमुख नदियों यानी पेरियार, थलयार और थोडुपुझायार से घिरी हैं। इडुक्की में कई सारे हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन हैं जहाँ से राज्य की बिजली का 66 फीसद हिस्सा पूरा होता है।

यह जिला मुन्नार, पोनमुडी, थेकड्डी समेत कई अन्य प्रसिद्ध हिल स्टेशनों से ड्राइविंग लोकेशन पर मौजूद है। आपके पास अगर एक हफ्ते का समय हो तो आप इन जगहों की भी यात्रा कर सकते हैं।

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कैसे पहुँचें

इडुक्की से बैंगलोर की दूरी महज 530 कि.मी. है और इसका सबसे निकटतम हवाई अड्डा कोच्चि है जो कि 100 कि.मी. की दूरी पर है। वहीं कोट्टायम से 114 कि.मी. दूर स्थित चंगनाचेरी नज़दीकी रेलवे स्टेशन है और आप यहाँ से एक बस लेकर इडुक्की तक जा सकते हैं। इडुक्की के लिए कोई डायरेक्ट बस सेवा नहीं है।

इसलिए आपको पहले किसी सरकारी या निजी बसों से शहर तक जाना होगा और फिर वहाँ से मुन्नार के लिए नियमित बसें मिल जाएँगी। बता दें कि शुरुआती किराया करीब ₹900 है। आप चाहें तो निजी वाहन से या फिर किराए पर टैक्सी लेकर भी यात्रा सकते हैं।

परिवहन

एक बार इडुक्की पहुँचने के बाद आप स्थानीय बसों से यात्रा कर सकते हैं। यहाँ ट्रांसपोर्ट का सबसे आसान माध्यम टैक्सी या जीप है। चाहें तो आप इसे रोज़ाना के लिए भी एक निश्चित किराए पर ले सकते हैं।

कहाँ ठहरें

ठहरने के लिए ज़िले के अलग अलग हिस्सों में आपके बजट में यानी मिड रेंज होटल के काफी ऑपशंस मिल जाएँगे। यहाँँ बढ़िया होटल का शुरुआती किराया प्रति रात के हिसाब से ₹900 है। आप अगर शानदार छुट्टी मनाने के लिए पहुँचे हैं तो आपके लिए यहाँ 5 स्टार रिजॉर्ट का भी बेहतर विकल्प है। इडुक्की इतनी खूबसूरत जगह है कि आप कहीं भी रहेंगे तो यहाँ की घाटी, चाय के बागान के साथ असीमित पहाड़ियों का अद्भूत नज़ारा आपको आकर्षित करते रहेंगे।

खाने के लिए यहाँ जाएँ

कहीं भी घूमने जाने के दौरान वहाँ के स्थानीय व्यंजन को चखना मत भूलें। यहाँ शाकाहारी और मांसाहारी दोनों की किस्म के भोजन के काफी ऑपशंस हैं। खासकर मांस खाने वालों के लिए यहाँ विकल्प की कई कमी नहीं है। यहाँ केरला पैरोट्टा, बीफ करी, चिकन बिरयानी और मटन फ्राई जैसे स्वादिष्ट व्यंजन आज़मा सकते हैं। थट्टुकाडा या चाय की छोटी-छोटी दुकानों में आमतौर पर कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है। लेकिन यहाँ की चीजें खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं। यही वजह है कि आपकी और खाने की इच्छा बढ़ेगी।

ज़रूरी बातें

सड़क मार्ग द्वारा बैंगलोर से दूरी – 530 कि.मी.

बैंगलोर से एसी वॉल्वो में किराया – ₹1200

कार द्वारा यात्रा खर्च – ₹6000

घूमने के लिए सबसे अच्छा समय – अक्टूबर से शुरुआती मई तक, जबकि पीक सीजन अप्रैल और मई

खाने पर खर्च – प्रति दिन ₹600

ट्रांसपोर्ट – निजी वाहन या किराये वाली कैब

रहने पर खर्च – एक कमरे का प्रति दिन ₹900

घूमने की जगहें – इडुक्की आर्च डैम, चेरुथोनी डैम, हिल व्यू पार्क, राजक्कड, पोनमुडी, मुन्नार, मट्टुप्पेट्टी डैम, इको प्वाइंट, कुंडला डैम लेक आदि है।

Photo of इडुक्की: नदियों, पहाड़ियों और बागानों से घिरी ये जगह आपका इंतज़ार कर रही है! by Rupesh Kumar Jha
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मेरी कहानी

अगर आपके पास अपनी गाड़ी रही तो ज्यादा प्लान करने की ज़रूरत नहीं होती! योजना के अनुसार मेरी यात्रा की शुरुआत तीन दिनों के लिए हुई थी, जिसमें मैं भागदौड़ वाले शहर से दूर शांति की तलाश में था।

Day 1

हमने सुबह ही बैंगलोर से इस यात्रा की शुरुआत की थी और सलेम – डोंडीगल – राजक्कड रूट को फॉलो किया था। हम गाड़ी चालकर 12 घंटे में पोनमुडी पहुँच गए, जहाँ हमने प्रति रात के हिसाब से ₹2500 किराए में एक होमस्टे बुक किया था। आराम करने के लिए यह जगह बहुत ही अच्छी थी। अच्छे भोजन के लिए निकटतम शहर करीब 5 कि.मी. दूर है। जहाँ जाकर भरपेट ‘एली फीस’ और ‘चिकन फ्राई’ खाने के बाद सीधे होमस्टे में आकर सो गए।

Day 2

हमने जो होमस्टे किराये पर लिया था उसमें खाना बनाने की भी व्यवस्था थी। नाश्ते में हमने ब्रेड, बटर, जैम और मैगी लिया था। प्लान के अनुसार इस दिन हमें इडुक्की की यात्रा कर खूबसूरत नज़ारों को देखना था। घूमने के दौरान आप इंटरनेट से भी दूरस्थ स्थानों और ड्राइविंग के दिशाओं की जानकारी ले सकते हैं।

हमें लोकप्रिय इडुक्की आर्च डैम पर जाना था लेकिन गूगल मैप्स हमें ड्राइव पर ले जाने को तैयार था। बहुत सारे लोगों को यह मालूम ही नहीं है कि इडुक्की डैम और चेरुथनी बैराज बहुत ही प्रसिद्ध रेज़रवॉयर हैं। चेरुथनी बैराज का प्रवेश शुल्क मात्र ₹30 है लेकिन हमें इडुक्की बांध का रास्ता ही नहीं मिला।

वहाँ से करीब 5 कि.मी. दूर स्थित हिल व्यू पार्क जहाँ से सूर्यास्त का मनोरम नज़ारा देखने को मिलता है। यहँ आप चाहें तो शाम के वक्त 2 घंटे खेल कर भी बिता सकते हैं। साथ ही आप यहाँ मसाला चाय की चुस्की का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

Day 3

तीसरा यानी इस दिन हमारी यात्रा का अंतिम दिन था। इसलिए हमने यात्रा की शुरुआत सुबह जल्दी ही कर ली थी। हम पोनमुडी से 26 कि.मी. दूर मुन्नार की ओर निकले। यहाँ के दृश्यों का ज़िक्र करने के लिए शायद मेरे शब्द कम पड़ जाएँगे। मैं हमेशा सोचता था कि लोग चाय बागान को कितनी बार देखेंगे।

क्या इसे देखकर लोग थक नहीं जाते होंगे? लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि मैंने गलत सोचा था। इस यात्रा के दौरान हर मोड़ पर ही मुझे कुछ नया और कुछ शानदार चीज़ें देखने को मिली। उस वक्त गर्मी बहुत ज्यादा थी लेकिन हम अपने आरामदायक एसी कमरे से बाहर निकले। और आधे दिन के लिए हम फोटो क्लिक करने के लिए मुन्नार के आसपास के इलाके में निकल गए।

बैंगलोर वापस जाने के लिए हमने नक्शे में आसाना रूट तलाशना शुरू किया। लेकिन समझ लें कि हम जंगल और जंगली हाथियों के बीच ही फंसे थे। मुन्नार के ट्रैफिक में 2 घंटे तक फंसने के बाद पता चला कि हम जिस रास्ते से जाने की योजना बना रहे थे, वहाँ सिर्फ जीप सफारी वाहनों को ही अनुमति मिली थी।

निश्चित रूप में मैंने इस लंबे वीकेंड पर मैंने अपने ड्राइविंग स्किल्स में भी सुधार किया। आप भी यहाँ आकर अपनी कुछ यादों को सहेज सकते हैं।

क्या आपने ऐसी जगहों की यात्रा की है? आप अपनी यात्रा अनुभव को ट्रिपोटो पर साझा कर सकते हैं।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

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