वैभव और अध्यात्म से ओतप्रोत है उत्तराखंड का यह अद्भुत मंदिर।

Tripoto
24th Feb 2021
Photo of वैभव और अध्यात्म से ओतप्रोत है उत्तराखंड का यह अद्भुत मंदिर। by Prince Verma

देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म और धार्मिक स्थलों का केंद्र है। जहां के मंदिरों में वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। हिन्दू धर्म में वैष्णव और शैव परंपरा के अलावा शाक्त परंपरा का भी विशेष स्थान है। जिसमे स्त्री की दैवीय स्वरूप को शक्ति मानकर पूजा अर्चना की जाती है। आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे है यह है टिहरी जनपद में स्थित सुरकंडा देवी का अद्भुत मंदिर। यह वैभवशाली मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक है और जौनुपर के सुरकुट पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है। 

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केदारखंड व स्कंद पुराण के अनुसार राजा इंद्र ने यहां मां की आराधना कर अपना खोया हुआ साम्राज्य प्राप्त किया था।यह स्‍थान समुद्रतल से करीब 3 हजार मीटर ऊंचाई पर है इस कारण यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री अर्थात चारों धामों की पहाड़ियां नजर आती हैं। इसी परिसर में भगवान शिव एवं हनुमानजी को समर्पित मंदिर भी है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि व गंगा दशहरे के अवसर पर इस मंदिर में देवी के दर्शन से मनोकामना पूर्ण होती है।

Photo of Surkanda Devi Temple by Prince Verma
Photo of Surkanda Devi Temple by Prince Verma

सुरकंडा माता मंदिर की एक खास विशेषता यह बताई जाती है कि श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दी जाने वाली रौंसली की पत्तियां औषधीय गुणों भी भरपूर होती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इन पत्तियों से घर में सुख समृद्धि आती है। क्षेत्र में इसे देववृक्ष का दर्जा हासिल है। इसीलिए इस पेड़ की लकड़ी को इमारती या दूसरे व्यावसायिक उपयोग में नहीं लाया जाता।

Photo of वैभव और अध्यात्म से ओतप्रोत है उत्तराखंड का यह अद्भुत मंदिर। by Prince Verma
Photo of वैभव और अध्यात्म से ओतप्रोत है उत्तराखंड का यह अद्भुत मंदिर। by Prince Verma
Photo of वैभव और अध्यात्म से ओतप्रोत है उत्तराखंड का यह अद्भुत मंदिर। by Prince Verma

ये मंदिर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल धनोल्टी के बिल्कुल समीप है, तो यहां रूकने के लिए हर तरह के विकल्प मौजूद है। और मंदिर की चढ़ाई का रास्ता मुख्य सड़क से ही शुरू होता है। अगर आपको 2 किमी के ट्रैक से कोई समस्या नहीं है तो यहां पहुंचना आसान है।

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