मध्यप्रदेश के जिला उज्जैन में मौजूद कालो के काल महाकाल के मंदिर परिसर का विस्तार किया गया है जिसे महाकाल लोक नाम दिया गया है। महाकाल के दीवाने तो सभी है लेकिन बहुत ही काम लोग उज्जैन जा पाते है । जो लोग इस समय महाकाल जाने का प्लान बना रहे है। उनके लिए एक और खुसखबरी है कि अब महाकाल के दरबार मे जाने वालों को मंदिर के भव्य रूप के दर्शन होंगे क्यों कि अब मंदिर का विस्तार कर के महाकाल कॉलिडोर का निर्माण कर दिया गया है। अब पूरे मंदिर को घूमने में लोगो को कम से कम 6 से 7 घंटे का समय लगेंगा पहले जहा पूरे मंदिर परिसर को घूमने में सिर्फ 30 मिनट ही लगते थे। महाकालेश्वर 12 ज्यूतिर्लिंग में से 1 ज्यूतिर्लिंग भी है। उज्जैन के महकरेश्वर मंदिर में मौजूद ज्यूतिर्लिंग को भारत का मद्य बिंदु भी माना जाता है। सावन के महीने में तो लाखों की संख्या में लोग भगवान महाकाल के दर्शन करने आते है।
क्या है खास :-
भस्म आरती- यह पूरे विश्व का एक मात्रा ऐसा मंदिर है। जहाँ पर भगवान शिव की प्रातः कालीन आरती भस्म से होती है। जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। इस आरती में शामिल होने के लिए सभी लोगो को एक ही प्रकार के कपड़े पहनने पड़ते है। इस आरती में शामिल होने के लिए धोती और बनियान पहन के ही जा सकते है। इस आरती में शामिल होने के लिए अग्रिम बुकिंग करवानी पड़ती है। जिसे आप ऑनलाइन बुक कर सकते है। या फिर मंदिर परिसर के कार्यालय के काउंटर से भी बुकोंग करवा सकते है। जिसके लिए आपको 100 रुपये प्रति व्यक्ति फीस देना होता है।
लगता है कुम्भ मेला - भारत के सबसे बड़ा मेला कहा जाने वाला कुम्भ के 4 जगह में से एक है ये एक जगह भारत मे 4 जगह कुम्भ मेला का आयोजन होता है जिसमे से एक जगह ये उज्जैन भी शामिल है यहॉ पर हर 12 साल में पूर्ण कुम्भ और हर 6 साल में अर्ध कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।
उज्जैन के राजा -उज्जैन का एक ही राजा है और वह है महाकाल बाबा। विक्रमादित्य के शासन के बाद से यहां कोई भी राजा रात में नहीं रुक सकता। जिसने भी यह दुस्साहस किया है, वह संकटों से घिरकर मारा गया। यदि आप मंत्री या राजा हैं तो यहां रात ना रुकें। वर्तमान में भी कोई भी राजा, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आदि यहां रात नहीं रुक सकता।
महाकाल कॉलिडोर-900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल लोक कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है. उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र का पुनर्विकास करने की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गयाकॉरिडोर के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कॉरिडोर के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं, जो प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाते हैं और रास्ते भर मनमोहक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है।
उज्जैन में और क्या क्या देखे :-
अगर आप लोग उज्जैन आये तो महाकाल मंदिर के अलावा उसके आस पास और भी बहुत से मंदिर घूमने जा सकते है
भारत माता मंदिर महाकालेश्वर मंदिर बिल्कुल ही समीप बना हुआ है भारत माता मंदिर जो कि बहुत ही खूबसूरत है बिल्कुल अपने भारत देश जैसा
इसके अलावा आप हरसिद्धि माता मंदिर , खड़े गणेश जी , जंतर मंतर , राम मंदिर घाट, चिंतामन गणेश मंदिर ,सनी मंदिर और इन सबके अलावा आप
उज्जैन का प्रसिद्ध मंदिर काल भैरव घूमने अवश्य जाए क्यों कि इस मंदिर में मौजूद भगवान शंकर के रौद्र रूप काल भैरव के दरसन होते है और यह पर होने वाले चमत्कार किसी से छुपा नही है।जिसे आप भी अपनी आंखों के सामने होते हुए देख सकते है। इस मंदिर में प्रसाद में प्रसाद के रूप में मदिरा चढ़या जाता है। क्यों कि यहाँ पर मौजूद काल भैरव की मूर्ति मदिरा का सेवन करती है। पूरा दिन भक्त मदिरा चढ़ाते है। मंदिर परिसर में मौजूद पुजारी भक्त द्वारा लाई गई मदिरा को भक्तो के सामने ही मदिरा को एक प्लेट में निकाल कर के जैसे ही काल भैरव की मूर्ति के मुख में लगाते है वो मदिरा गायब हो जाती है। पूरा दिन हजारो लीटर मदिरा भक्तो द्वारा चढ़ाई जाती है। मंदिर के बह्यर आप को बहुत सी दुकान दिखेंगी जिनपर प्रसाद के रूप में सिर्फ मदिरा बिकती है।
कैसे जाए कहा रुके ;- उज्जैन आने के लिए आप ट्रैन और सड़क मार्ग से तथा हवाई मार्ग से भी आ सकते है। सड़क मार्ग से आने के लिए देश के विभिन्न शहरो से उज्जैन शहर जुड़ा हुआ है । ट्रैन से आने के लिये यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन उज्जैन जक्शन है। जहाँ से मंदिर की दूरी मात्रा 2 km है। हवाई जहाज से आने के लिए यहाँ का नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर में है जहाँ से उज्जैन की दूरी 70km है। जो कि आपको सड़क मार्ग से पूरी करनी होगी। जिसके लिए आप प्राइवेट टैक्सी कर के अ सकते है। या फिर बस से भी आ सकते है। उज्जैन में ठहरने के लिए मंदिर के आस पास बहुत से होटल मौजूद हैं। जिनका किराया 500 रुपये से सुरु होता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार होटल बुक कर सकते हैं। उज्जैन में खाने की बात करे तो यहाँ का पोहा और जलेबी सुबह नाश्ते में जरूर ट्राय करे।