धरती पर स्वर्ग है उत्तराखंड का रुद्रनाथ हिल स्टेशन

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Photo of धरती पर स्वर्ग है उत्तराखंड का रुद्रनाथ हिल स्टेशन by Musafir Rishabh

उत्तराखंड वादियों की सुंदरता, शानदार घास के मैदान और तीर्थयात्रा के लिए जाना जाता है। खूबसूरती की वजह से ही यहाँ लाखों लोग घूमने आते हैं। कई लोग ट्रेकिंग करते हैं और कई हिल स्टेशनों की सुंदरता में समय बिताना पसंद करते हैं। यहाँ खूबसूरती की भरमार है और छोटे-छोटे हिल स्टेशन उस खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं। उसी खूबसूरती का एक नगीना है रुद्रनाथ हिल स्टेशन। रूद्रनाथ का प्राकृतिक सौंदर्य इतना लाजवाब है कि उसे प्रकृति का गहना कहना चाहिए।

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रुद्रनाथ पर्यटकों के लिए एक शानदार हिल स्टेशन है और ये एक उत्तराखंड के चमोली जिले का एक गाँव है। समुद्र तल से करीब 2,286 मीटर की ऊँचाई पर स्थित रुद्रनाथ का वातावरण काफी शात और शीतलता से भरा हुआ है। रूद्रनाथ पंचकेदार का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है और रूद्रनाथ तीसरा केदार भी है। रूद्रनाथ के अलावा पंचकेदार में केदारनाथ, तुंगनाथ, मध्यमेश्वर और कल्पेश्वर शामिल हैं।

रूद्रनाथ हिल स्टेशन में चौतरफा प्रकृति अपनी छंटा बिखेरती है। बर्फ के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हैं जो बर्फ की चादर ओढ़े हुए हैं। यहाँ खड़े होकर बादल इतने पास दिखते हैं कि ऐसा लगता कि हम बादलों की दुनिया में हैं। कभी हम बादलों के बीच होते हैं तो कभी बादल हमारे बीच। रुद्रनाथ ट्रेकिंग के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। ट्रेक के दौरान रास्ते में नदियाँ, झरने मिलते हैं जिन्हें देखकर मन गदगद हो उठता है। रुद्रनाथ में देखने लायक कुछ बेहतरीन जगहें भी हैं।

रूद्रनाथ मंदिर

रुद्रनाथ मंदिर, जो कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये रौद्र रूपी भगवान शिव का मंदिर है जो समुद्र तल से करीब 2,286 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस मंदिर के बारे में एक पौराणिक कहानी भी है। कहा जाता है कि पांडव ने कौरवों को मारा था और वे इसके लिए खुद को दोषी मानते थे। उस दोष की क्षमा वे भगवान शिव से चाहते थे और भगवान शिव पांडवों के सामने आना नहीं चाहते थे।

तब भगवान शिव ने नंदी का स्वरूप धारण किया और कहीं छिप गए। भगवान शिव का शरीर चारों भागों में बंट गया और उन्हीं स्थानों को पंचकेदार कहा जाता है। जिस स्थान पर भगवान शिव का सिर पाया गया, वहाँ रुद्रनाथ मंदिर का निर्माण किया गया। तीर्थयात्री सागर गाँव और जोशीमठ से ट्रेकिंग के जरिए भी रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। रुद्रनाथ मंदिर से हाथी पर्वत, नंदा देवी और त्रिशूल पर्वत के शिखरों को देख सकते हैं। यहाँ की इन्द्राधनुषी छटा आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। इसके अलावा पास में ही सूर्य कुण्ड, चन्द्र कुण्ड, तार कुण्ड और मान कुण्ड भी हैं।

पनार बुग्याल

पहाड़ों में हरी-भरे घास के मैदान को देखकर मन खिल उठता है। रुद्रनाथ में इतना ही सुंदर है पनार बुग्याल। पनार बुग्याल में सिर्फ हरी-भरी घास ही सुंदरता नहीं बढ़ाती है, यहाँ सुगन्धित फूलों का खजाना भी है, जिसे देखकर ही आप मुस्कुरा उठेंगे। पनार बुग्याल में फूलों की असंख्य प्रजातियाँ हैं।

कल्पवृक्ष

कल्पवृक्ष बहुत ही प्राचीन वृक्ष है। ऐसे वृक्ष शहर में कम ही होते हैं और यहाँ इनकी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इनमे देवताओं का वास होता है। रुद्रनाथ में जोशीमठ के निकट तो कल्पवृक्ष की एक लंबी श्रृंखला है। चारों तरफ कल्पवृक्ष ही कल्पवृक्ष हैं। मान्यता है कि यहाँ कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर आदि शंकराचार्य ने घोर तपस्या की थी। कहा जाता है कि यहाँ के कल्पवृक्ष 1200 साल पुराने हैं।

नरसिंह मंदिर

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नरसिंह मंदिर रुद्रनाथ का बहुत मशहूर मंदिर है, तीर्थयात्री यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि भगवान नरसिंह की मूर्ति दिनों-दिन सिकुड़ती जा रही है। जिस दिन प्रतिमा सिकुड़कर पूरी तरह से लुप्त हो जाएगी उस दिन भूस्खलन जैसी आपदाएँ आनी शुरू हो जाएँगी।

जोशीमठ

रुद्रनाथ के पास में ही जोशीमठ है। जोशीमठ से ही रुद्रनाथ और चोपता के लिए पर्यटक जाते हैं। जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। बर्फ से ढके पहाड़ से घिरा जोशीमठ वाकई बेहद खूबसूरत जगह है। जोशीमठ की स्थापना आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में की थी। जोशीमठ देश के चार मुख्य मठों में से एक है। इस जगह को प्राचीन समय में कार्तिकेयपुरा के नाम से जाना जाता था। जोशीमठ तीर्थयात्रियों के लिए बेहद खास हैं क्योंकि यहाँ खूब सारे मंदिर हैं। अगर आप घुमक्कड़ हैं और खूबसूरत और प्रकृति की छटा को देखने चाहते हैं तो आपको जोशीमठ जरूर आना चाहिए।

कैसे पहुँचे?

रुद्रनाथ पहुँचने के लिए ट्रांसपोर्ट के सभी साधनों का उपयोग कर सकते हैं। फ्लाइट से आने के लिए सबसे निकटतम एयरपोर्ट जाॅली ग्रांट देहरादून एयरपोर्ट है। जाॅली ग्रांट एयरपोर्ट से रुद्रनाथ हिल स्टेशन की दूरी 258 कि.मी. की दूरी पर है। वहाँ से आप सरकारी बस या गाड़ी बुक कर सकते हैं। रुद्रनाथ से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से रुद्रनाथ की दूरी करीब 241 कि.मी. है।

रूद्रनाथ मसूरी, नैनीताल की तरह भीड़-भड़क्के वाली जगह नहीं है। यहाँ आप सुहाने मौसम का आनंद ले सकते हैं, बर्फबारी का मज़ा ले सकते हैं और खूबसूरत बुग्याल में टहल सकते हैं, इसके अलावा ट्रेक भी किया जा सकता है। कुल मिलाकर रूद्रनाथ प्राकृतिक सौंदर्य का एक नगीना है, जिसकी खूबसूरती का आनंद ज़रूर उठाना चाहिए।

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