हरे पहाड़, शांती और सुकून के साथ ऊटी में बिताएँ शानदार छुट्टियाँ!

Tripoto
Photo of हरे पहाड़, शांती और सुकून के साथ ऊटी में बिताएँ शानदार छुट्टियाँ! by Kabira Speaking

आप में से कम ही लोग जानते होंगे की नीलगिरि की रानी 'ऊटी' का नाम 'उदगमंडलम' भी है। यही ऊटी दक्षिण भारत में पहाड़ों पर छुट्टियाँ मनाने की सबसे पहली पसंद है। पश्चिमी घाट पर बसा ये छोटा सा शहर है जाना जाता है दिल छू जाने वाले दृश्यों, चाय और कॉफी के बागानों, नीलगिरि के नीले पहाड़ों, तालाबों और अनोखी घाटियों के लिए।

आप अगर ऊटी में सप्ताह अंत बिताने योजना बना रहे हैं तो यहाँ करने को बहुत सारी चीज़े हैं जो आपके दिन बना देंग। ना सिर्फ भारतीय, पर पूरी दुनिया से सैलानी सालभर यहाँ घूमने आते हैं। ऊटी में समय बिताने के लिए हमने एक सूची तैयार की है जो यहाँ छुट्टियाँ बिताने मेंआपकी मदद करेगी।

कैसे पहुँचें ऊटी?

हवाई मार्ग: ऊटी पहुँचने का सबसे आसान तरीका है कोयंबटूर हवाईअड्डे पहुँचना। आपको सभी बड़े शेहरों से कोयंबटूर के लिए फ्लाइट मिल जाएगी। कोयंबटूर से ऊटी की दूरी सिर्फ 77 कि.मी. है।

रेल मार्ग: आप ट्रेन से मेट्टुपालयम पहुँच सकते हैं जो ऊटी से सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहाँ से ऊटी की दूरी 80 कि.मी. है।

रोड मार्ग: ऊटी सड़कों के ज़रिए सभी पास की जगहों से जुड़ा हुआ है। सरकारी और निजी बस सेवा इस छोटे से शहर के लिए आसानी से मिल जाएँगी। वैसे ज़्यादातर लोग यहाँ ड्राइव करके आना ज्यादा पसंद करते हैं, आखिर रास्ता इतना सुंदर जो है।

ऊटी के दर्शनीय स्थल

Day 1
Photo of डोडाबेट्टा, Tamil Nadu by Kabira Speaking

अपने दिन की शुरुवात करें नीलगिरि पर्वतमाला के सबसे बड़ी छोटी डोड्डाबेट्टा की चढ़ाई करके। डोड्डाबेट्टा समुद्र तल से 8650 फीट की ऊँचाई पर है। ऊटी से 9 कि.मी. की दूरी पर मौजूद ये चोटी नीलगिरि के जंगलों से घिरी हुई है। यहाँ का दिलकश नज़ारा हमेशा के लिए आपकी आँखों में बस जाएगा।

प्रवेश शुल्क: ₹6 प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक

एक्सपर्ट टिप: अपने साथ सनस्क्रीन ले जाना न भूलें। दिन में यहाँ धूप बहुत तेज़ हो सकती हैइसलिए दोपहर से पहले ही यहाँ पहुँच जाएँ।

Photo of भवानी, Tamil Nadu, India by Kabira Speaking

डोडाबेट्टा से आप भवानी झील की तरफ जाएँ। यह काफी शांत जगह है जहाँ पर्यटक कम ही आते हैं। डोड्डाबेट्टा से भवानी लेक जाते समय आप रास्ते में ऐवलंच लेक, एमरल्ड लेक और भवानी मंदिर भी जा सकते हैं। यह पूरा रास्ता ऐसे अद्भुत लुभावने दृश्यों से भरा हुआ है जो आपका दिल जीत लेते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यहाँ के घने जंगल और लहराते पेड़ एक ताज़ा करने वाला अनुभव होता है। ऊटी की सभी झीलों की खूबसूरती निहारना ही यहाँ आए पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण होता है।

बोटानिकल गार्डन, ऊटी

Photo of हरे पहाड़, शांती और सुकून के साथ ऊटी में बिताएँ शानदार छुट्टियाँ! by Kabira Speaking

ऊटी में अगर आपको अपने दिन का पूरा मज़ा लेना है तो शाम के समय बोटानिकल गार्डन ज़रूर जाएँ। ऊटी के बोटानिकल गार्डन में 3000 साल से भी ज्यादा पुराने पेड़ हैं। इस छोटी सी जगह में अद्भुत पेड़, पौधे, कैक्टस, आर्किड और ऐसे कई दूसरे पेड़ हैं जो किसी भी प्रकृति प्रेमी को लुभाएँगे। ऊटी आने वाले पर्यटक हमेशा से ही इन बगीचों में घूमने के लिए उत्साहित रहते हैं। अगर आप मई में यहाँ आ सकें तो आपको बेहद सुंदर दिखने वाली फूलों की प्रदर्शनी दिख सकती है जो ऊटी के सबसे ख़ास आकर्षणों में से एक है।

प्रवेश शुल्क: ₹30 प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक

एक्सपर्ट टिप: अगर आप कैमरा के साथ यहाँ जा रहे हैं तो आपको ₹50 का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। और हाँ, यहाँ फूल बिल्कुन ना तोड़ें।

ऊटी यात्रा: कहाँ खाएँ?

करी एंड राइस रेस्तरां

Photo of हरे पहाड़, शांती और सुकून के साथ ऊटी में बिताएँ शानदार छुट्टियाँ! by Kabira Speaking

फर्नहिल्स पैलेस होटल में बना ये रेस्तरां पुरे ऊटी में मशहूर है। यहाँ के एंग्लो इंडियन ज़ायके के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। यहाँ के शाही पकवान सीधे वाडियार घराने की रसोई से आते हैं जिन्होंने की 1399 से 1950 तक मैसूर पर राज किया।

पता: फरनहिल पोस्ट नीलगिरीज़, ऊटी

नहार चंदन वेजिटेरियन रेस्तरां

श्रेय: नहार होटल

Photo of हरे पहाड़, शांती और सुकून के साथ ऊटी में बिताएँ शानदार छुट्टियाँ! by Kabira Speaking

ऊटी में असली दक्षिण भारतीय खाना चखना है तो नहार चन्दन रेस्तरां में ज़रूर जाएँ। अपने दिन की शुरुवात आप यहाँ के इडली, साम्बर और गरमा-गरम कॉफी से करें, आपका दिन ही बन जाएगा।

पता: 84/B7, उप्पेर बाजार रोड, ऊटी

अर्ल्स सीक्रेट

अगर आप इटैलियन खाने के शौक़ीन हैं तो ऊटी के अर्ल्स सीक्रेट में ज़रूर जाएँ। यह रेस्तरां किंग्स क्लिफ होटल में बना हुआ है। यहाँ आपको कई तरह का पास्ता, स्टेक, ब्राउनी और पाई चखने को मिलती हैं। इस रेस्टोरेंट की सबसे ख़ास बात यह है की यह एक 100 साल पुराने ब्रिटिश राज के ज़माने की इमारत में है इसलिए यहाँ पर समय बिताना आपको गुज़रे ज़माने की याद दिला देगा।

पता: हेवलॉक रोड, पुलिस क्वार्टर्स, पुडुमुण्ड, ऊटी

कोकोपॉड्स चॉकलेट

हम में से बहुत सारे ऐसे चॉकलेट प्रेमी हैं जो हर जगह जाकर नई तरह की चॉकलेट्स ढूँढ़ते हैं। ऊटी के कोकोपॉड्स में आपकी यह ख्वाहिश पूरी होगी। यहाँ मिलने वाली प्लेन डार्क चॉकलेट और चॉकलेट आइसक्रीम काफी मशहूर है। ऊटी आए हैं तो यहाँ से अपने दोस्त और परिजनों के लिए चॉकलेट ज़रूर ले जाएँ।

पता: वेस्बुरी रोड, ऊटी

ऊटी यात्रा: कहाँ ठहरें

5 सितारा होटल: ताज सेवॉय होटल, अकॉर्ड हाइलैंड ऊटी, स्टर्लिंग ऊटी फर्नहिल

4 सितारा होटल: विंका वेस्ट डाउन्स हेरिटेज रिसोर्ट, लेपर्ड रॉक विल्डरनेस रिसोर्ट, डेस्टिनी फार्म स्टे

बजट होटल: शरलॉक, व्योमिंग हेरिटेज, होटल लाइटहाउस

हॉस्टल और होमस्टे: ज़ॉस्टल ऊटी, रिफ्लेक्शंस गेस्टहाउस, बिलबेरी कॉटेज एट स्टंपफील्ड्स

ऊटी की सैर: और क्या देखें?

Photo of कुनूर, Tamil Nadu, India by Kabira Speaking

कुनूर ऊटी से बस 20 कि.मी. की दूरी पर है और अगर आपके पास समय हो तो यहाँ ज़रूर जाएँ। यह ऊटी के मुकाबले काफी छोटी और शांत जगह है। पर्यटकों के लिए यहाँ बहुत सारे हेरिटेज होटल और गेस्टहाउस भी हैं जो यहाँ की यात्रा को आसान बनाते हैं। चहलकदमी के लिए यहाँ के चाय के बागानों में घूम सकते हैं। नीलगिरि के दृश्य कुनूर से भी सुंदर दिखते हैं। इस छोटी सी जगह के दो हिस्से हैं: अपर कुनूर और लोअर कुनूर। लोअर कूनूर में जहाँ भीड़-भाड़ और पर्यटकों के लिए दुकानें आदि हैं वहीं अपर कूनूर में आपको शांत वादियाँ और नज़ारे मिलेंगे.

Photo of हरे पहाड़, शांती और सुकून के साथ ऊटी में बिताएँ शानदार छुट्टियाँ! by Kabira Speaking

अपनी यात्रा पर आप कोडैकानल भी जा सकते हैं। ऊटी से 250 कि.मी. और कुनूर से 230 कि.मी. की दूरी पर बसा कोडैकानल तमिल नाडु का एक छोटा-सा पहाड़ी कस्बा है। इसे कई बार दक्षिण भारतीय पहाड़ों की राजकुमारी भी कहा जाता है। यहाँ ऊटी जैसे ही पहाड़ आपको मिलेंगे पर ज्यादा शांती के बीच।

यहाँ सितारे के आकार का तालाब भी है जो की कोडाइकनाल की शान है। यहाँ अक्सर प्रेमी जोड़ी और शादीशुदा लोग हनीमून के लिए आते हैं। रोमांच में रूचि रखने वाले लोगों के लिए भी यहाँ के वॉटरफॉल और नज़ारे अहम आकर्षण हैं।

अगर आप भी ऊटी घूमकर आएँ हैं तो अपना अनुभव बाँटिए और Tripoto पर लिखिए

ये आर्टिकल अनुवादित है। ओरिजनल आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Further Reads