Beautiful Bundi.

Tripoto
12th Aug 2018
Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal
Day 1

पिछले कुछ समय से मन कर रहा था कि किसी ऐसी जगह जाया जाए जो कुछ हटकर हो। राजस्थान के कुछ कम प्रसिद्व पर्यटन स्थलों में से एक बूंदी पर जब मन जमा तो तुरंत अपने एक मित्र नीरज को फ़ोन पर अपने मन की बात बता दी। नीरज भी अपनी तरह घुमक्कड़ी का शौकीन है। उसके हाँ कहते ही हमने तैयारी शुरू कर दी। तय हुआ कि कम-से-कम दो दिन का कार्यक्रम बनाएंगे। क्या करें...सर्विस-क्लास लोगों की अपनी मजबूरियाँ हैं। तुरंत आने-जाने का रेलवे आरक्षण करा लिया और हाथों-हाथ एक दिन के लिए कसेरा गेस्ट हाउस नामक होटल भी बुक करा लिया। तय दिन और समय पर दोनों हज़रत निज़ामुद्दीन स्टेशन पहुँच गए और ट्रेन का इंतज़ार करने लगे। हमारी ट्रेन देहरादून से आ रही थी (29020 देहरादून एक्सप्रेस) और लगभग 2 घंटे की देरी से चल रही थी। आखिरकार 11:30 पर ट्रेन आ गयी और दोनों दोस्त अपने-2 बैग लेकर सवार हो गए। बर्थ पर लेटते ही नींद के आगोश ने आ घेरा और जब सुबह होश सम्हाला तो ट्रेन को कोटा स्टेशन पर खड़ा पाया। मन-ही-मन बहुत खुश थे कि मंज़िल बस अब करीब ही है। लगभग आधे घंटे बाद बहु-प्रतीक्षित बूंदी स्टेशन आ ही गया। छोटा मगर आकर्षक स्टेशन। बाहर निकलते ही ऑटो वालों ने घेर लिया। google map पर चैक किया तो पता चला होटल 8 km दूर है। ऑटो वाले 100 से कम पर चलने को तैयार नहीं थे, एक ऑटो वाला, यह सोचकर, कि पर्यटक हैं, दिन भर के लिए सवारी मिल सकती है, 80 रुपये पर राज़ी हो गया।
खैर, होटल पहुँचे, तैयार हुए और घूमने निकल गए। छोटी- छोटी गलियाँ, हर नुक्कड़ पर एक मंदिर, हर दीवार पर लिखी ज्ञानप्रद पंक्तियाँ, झीलें....पहली नज़र में ही बूंदी ने मन मोह लिया। शहर सेलगभग चार km दूर रामेश्वरम नामक मंदिर स्थित है। मंदिर-दर्शन के बाद हमने गरमा-गरम कचौरी और चाय का सेवन किया। ऐसी कचौरी दिल्ली में मिलनी मुश्किल है। उसके बाद हमने प्रस्थान किया जैत सागर लेक स्थित सुख महल का जिसकी खूबसूरती का वर्णन शब्दों द्वारा बयान करना संभव नहीं है। यहाँ एक छोटा सा म्यूजियम भी है। पता चला कि The Jungle Book के प्रसिद्ध रचयिता रुडयार्ड किपलिंग सुख महल में निवास करते थे और पुस्तकें लिखते थे। तत्पश्चात हम पहुँचे 84 खंबो की छतरी पर। यहाँ एक विशाल शिवलिंग स्थित है तथा खम्बों पर हुई नक्काशी बेजोड़ है। अब तक हमें भूख ने आ घेरा था। पेट-पूजा कर हम अब चले रानी जी की बावड़ी की ओर। अंदर प्रवेश करते ही हमारी आँखें फटी-कि-फटी रह गयी। अतुलनीय अवर्णित खूबसूरती। बावड़ी के बाद हम पहुँचे बूंदी के प्रसिद्ध किले पर। प्रवेश-द्वार शानदार था। एक बात जो हमें खलि वो यह कि किले का रख-रखाव ठीक नहीं है। ऊपर चित्रशाला थी जहाँ दीवारों पर भित्ति-चित्र बने हुए थे। किले से पूरा बूंदी शहर शानदार प्रतीत हो रहा था। शाम हो चुकी थी और हम होटल वापिस आ चुके थे। अगले दिन सुबह कोटा जाने का प्रोग्राम था जिसका वर्णन फिर कभी...। हमारी बूंदी यात्रा पूरी हो चुकी थी और हम अपनी आंखों में बूंदी की खूबसूरती को समाये पुनः निद्रा के आगोश में जा रहे थे।

किले का प्रवेश द्वार

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

रामेश्वरम

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

डभाई कुंड

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

किले से बूंदी का विहंगम दृश्य

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

रानी जी की बावड़ी

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

नीरज भाई

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

किले के ऊपरी छोर पर

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

नवल सागर लेक

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

बावड़ी

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

रामेश्वरम

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

84 खम्बों की छतरी

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

सुख महल के बाहर

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal

84 खम्बों की छतरी

Photo of Beautiful Bundi. by Mohit Aggarwal