चलो, कविताओं के रास्ते भारत के सफर पर चलते हैं!

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भारत की हर जगह का सफर करने के लिए तो काफी वक्त चाहिए।  मैं तो घुमक्कड़ हुँ , उसके लिए भी वक्त निकालुंंगा ही, लेकिन आपके लिए एक शॉर्टकट लेकर आया हुँ, अपनी कविताएँ। आपको भारत के उन जाने-माने, छोटे- बड़े शहरों की सैर आपको अपनी कविताओं के ज़रिए करावाता हुँ। तो चलिए, शुरू करते हैं ये सफर!

"भारत, एक देश"

भारत देश दुनिया का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा नहीं है बल्कि सोच, धारणाओं, भावनाओं, धर्मों, भाषाओं और इतिहास से परिपूर्ण एक देश है, जिसे किसी एक सांचे में ढालना, न्याय करना नहीं होगा। हमें ये बात समझनी चाहिए की सांस्कृतिक और आधुनिक। ये दोनों भारत एक ही देश में ही बसते हैं और इसी का हिस्सा हैं। तौर तरीक़े बदल ज़रूर गए हैं, क्योंकि वो समय की चाह और ज़रूरतों की मांग थी। आज़ादी के बाद भारत का पुनर्जन्म जब हुआ तब इस शिशु सामान देश की भावनाएंँ, ज़रूरते बदल गईं। हम आज खु़द को आधुनिक मानते हैं। मगर हम सब को गर्व उसी इतिहास पर होता है, जो हम थे। हम वैसी ही कहानियों और पुराणों पर गर्व महसूस करते हैं क्योंकि वो हमें बाकी देशों से अलग बनाती हैं। मेरा ये भारत का दौरा आप सब को उसी ख़ासियत इतिहास को कम शब्दों में बताने का है, जिसे हम धीरे-धीरे भूल रहे हैं ।

1. मुंबई, सपनों का शहर, बॉलीवुड का नगर और देश की आर्थिक राजधानी।

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2. कोलकाता, यहाँ लगती है रोशोगुल्ले खाने की होड़ इसीलिये कहलाता है स्वाद का शहर।

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3. हिन्दी और पंजाबी में दिल्ली और उर्दू के दीवानों के लिए देहली, अब कहलाती है हिन्दुस्तान की राजधानी।

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4. अपने शेर से मुख में 1600 कि.मी. की पश्चिमी तटीय रेखा समाए है गुजरात

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5. केरल रखता है मालाबार की सबसे विशाल तटीय रेखा।

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6. बनारस, जहाँ बनता है रस। महक मिलेगी यहाँ अस्सी की, बम भोले की है ये काशी।

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7. मिठास है यहाँ की ज़बान में। मुस्कुराइए, क्योंकि आप लखनऊ में है।

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8. दक्षिण पश्चिमी तट पर छोटा-सा राज्य, जहाँ ज़िन्दा हो उठते हैं दीवाने, बन जाते हैं मस्ताने, आवारा बेफ़िकरों का घर है गोआ।

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