ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया!

Tripoto
Photo of ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया! by Saransh Ramavat

क्या आपके साथ ऐसा हुआ है की आप ट्रिप पर निकले हो किसी जगह पर जाने के लिए और किसी और जगह पहुँच गए हों ? सोचिए की आपने अपने दोस्तों के साथ एक ट्रिप प्लान किया और आप उस शहर की जगह किसी और शहर पहुँच गए हो । आपका तो पता नहीं पर हमारे साथ ऐसा हुआ है जब हम निकले तो थे पुष्कर के लिए लेकिन जयपुर पहुँच गए । यकीन नहीं होता तो चलिए बताता हुँ उस ट्रिप के बारे में जिसे याद करके आज भी हम लोग अपनी हसी नहीं रोक पाते।

तो बात ये थी कि हम लोगों ने ट्रिप प्लान किया कि पुष्कर चलते हैं, दो दिन वही रुकेंगे और अच्छे से पुष्कर को एक्सप्लोर करेंगे । हमने जब अपने ट्रिप पर चलने वाले लोगो की फ़ाइनल लिस्ट बनायी तो पता चला की इसमे या तो हमारे दोस्त थे या वो लोग थे जो हमारी ट्रिप्स पर आते रहते थे ।

हम लोगों ने सारी तैयारी की, और निकल पड़े अपने कैमरा और अपना बैग उठा कर मीटिंग पॉइंट की तरफ, जहाँ हमारे सभी साथी आने वाले थे । सबसे पहले पहुँचने वाले लोगों में हर्षिता और मैं थे, धीरे-धीरे करके सारे लोग आ गए पर हमारी बस अभी तक नहीं आयी थी जिसे हमने दो दिन के लिए बुक किया हुआ था । हम लोगों ने बस वाले को फोन लगाना शुरू किया पर वो फोन ही उठाने का नाम नहीं ले रहा था, करीब आधे घंटे बाद उसने फोन उठाया और कहा की निकल गया हूँ ऑफिस से और जाम मे फंसा हुआ हूँ, बस 15 मिनिट मे पहुँच जाऊँगा । और देखते ही देखते उसके 15 मिनिट 2 घंटे मे बदल गए और आने पर वह तरह-तरह के बहाने बनाने लगा । पर अब लेट तो हो ही गए थे तो सबको जल्दी से बैठाया बस में और निकल पड़े अपने सफर पर। रात के 12 बज गए थे हमें कोटा से निकलते निकलते । देखते ही देखते हमें कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला ।

Day 1
Photo of जयपुर, Rajasthan, India by Saransh Ramavat

पर हमें क्या पता था की जब हम सुबह उठेंगे तो बस के बाहर देखते ही हमारी सारी नींद उड़ जाएगी । सुबह-सुबह हर्षिता ने मुझे झंझोड़कर उठाया कि सारांश जल्दी उठ हम तो जयपुर पहुँच गए है!

जैसे ही मैंने बाहर देखा मेरी पूरी नींद हवा हो गयी, क्योंकि मेरा जयपुर आना-जाना लगा रहता था तो मैंने एक सेकंड में ही पहचान लिया की सच में ही हम जयपुर पहुँचने वाले है और दुर्गापुरा क्रॉस कर रहे है । मैंने बस के ड्राइवर को बोला बस रोकने के लिए और उसे नीचे ले जाकर पूछा की यह आप कहाँ ले आए हमें, हम सबको पुष्कर जाना था ना की जयपुर । तो उसने कहाँ की मुझे तो हमारे ऑफिस से जयपुर का ही बोला है, और इतने में सभी लोगों को पता चल गया की कुछ गड़बड़ हुई है तो वो भी सब नीचे आ गए थे पर क्या गड़बड़ हुई है यह जानकार उनके भी होश उड़ गए ।

हुआ यूँ कि जब हमने बस की बुकिंग की थी उसी समय किसी और ग्रुप ने जयपुर की बूकिंग के लिए पूछताछ की थी पर ऑफिस मैनेजर से गलती हुई और उसने ड्राइवर को हमारी डेस्टिनेशन पुष्कर की जगह जयपुर बता दी ।

सुबह 6 बजे जयपुर शहर के बाहर खड़े हम सोच रहे थे कि अब क्या करा जाए। क्योंकि ट्रिप पर सब दोस्त ही थे तो सबसे सलाह करके यह एक बात तय हुई कि चलो यहाँ से पुष्कर निकल जाते है बस 150 कि.मी. ही तो है । तो हम लोगों ने तय किया कि पहले चाय पी लेते है फिर पुष्कर के लिए निकलेंगे ।

श्रेय - टेस्टऑफसिटी

Photo of ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया! by Saransh Ramavat

पता नहीं क्या हुआ चाय पीते समय किसी ने बोला की अब जयपुर आए हैं तो एक दिन यहीं रुक लेते है और पुष्कर कल सुबह निकल जाएँगे । उसने शायद यह बात मज़ाक में की हो पर हम में से आधे से ज्यादा लोग इस बात को सिरियस ले चुके थे और फिर शुरू हुआ मानने-मनाने का दौर । करीब आधे घंटे की बातचीत के बाद यह फ़ाइनल हुआ की हम लोग एक दिन जयपुर रुक रहे हैं और जो खर्चा होगा उसे बराबर बाँट लेंगे । हम जल्दी से बस में बैठे और शुरू हुए अपने अपने काम बांटने में , किसी ने हॉस्टल बुक किया, किसी ने खाने की जगह गूगल की और मैंने सबके लिए झालना वाइल्डलाइफ सफारी की बुकिंग की ।

Photo of ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया! by Saransh Ramavat

हमारे पास समय कम था और दिन में हमें सफारी पर जाना था तो हम गलता जी, सिटी पैलेस, जंतर मंतर और गोविंद देव जी का मंदिर ही देख पाए और निकल पड़े आज के मुख्य आकर्षण झालना सफारी के लिए । हमने सुना था कि यहाँ पर लेपर्ड्स बहुत अच्छी मात्रा में है और यहाँ उनकी बहुत अच्छी साइटिंग होती है । कुछ एक घंटे की मशक्कत के बाद हमे तेंदुए दिखाई दिए, जिसे देखते ही हर व्यक्ति रोमांच से भर उठा, तेंदुए के साथ साथ हमे लोमड़ी, हायना, और कई अलग-अलग बर्ड्स भी दिखे।

Photo of ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया! by Saransh Ramavat

झालाना से निकलने के बाद हम लोग गए विंडव्यू कैफे में जहाँ से रात के समय हवामहल का बहुत ही प्यारा नजारा दिखता है । वहाँ हम लोगों ने खाना खाया और चल पड़े अपने हॉस्टल की तरफ। सुबह हमे जल्दी उठना था क्योंकि हमें सुबह नाहरगढ़ से सनराइस जो देखना था ।

अगर आप जयपुर घूमने आए हैं और आपने नाहरगढ़ से उगते हुए सूरज को नहीं देखा तो ऐसा मान लीजिये की आपका जयपुर ट्रिप अधूरा रह गया । हम लोग किले की दीवार पर चड़ कर बैठ गए और सूरज के निकलने का इंतज़ार करने लगे और जब सनराइस हुआ तो एकदम से शांति सी छा गयी सब लोग सनराइस देखते समय अलग ही दुनिया में खो गए ।

Day 2

सनराइस के बाद हमारा प्लान पुष्कर के लिए निकलने का था तो हम सीधे निकले ब्रम्हा जी के शहर पुष्कर की तरफ । कुछ 3 घंटे मे हम लोग पुष्कर पहुँचे और हॉस्टल में चेक-इन करते ही सब सो गए। जब हम उठे तो 2 बजे थे तो हम तैयार होकर निकले ब्रम्हा जी के दर्शन करने ।

Photo of पुष्कर, Rajasthan, India by Saransh Ramavat

रास्ते में सजा पुष्कर का बाज़ार देखते ही बनता है , रंग-बिरंगी दुकानें, अलग अलग देशों से आए हुए लोग, और तरह-तरह के खाने की चीज़े बेचते लोग, आप मानिए इतना सब होते हुए भी पुष्कर में एक अलग ही शांति है । दर्शन करके कुछ समय हमने घाट पर बिताया और निकल पड़े अपने हॉस्टल की तरफ । जहाँ कुछ ही देर मे हमे ऊँट-गाड़ी लेने आने वाली थी क्योंकि हमने रेगिस्तान से सनसेट देखने का प्लान बनाया था । कहते है की वहाँ से पुष्कर का सनसेट सबसे शानदार दिखता है और जब हमने अपनी आँखो से देखा तो हमें तुरंत इस बात पर विश्वास हो गया । वहाँ से फ्री होने के बाद हम लोग हॉस्टल आए और खाना खाकर और बॉनफायर करके सो गए ।

Photo of ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया! by Saransh Ramavat
Photo of ट्रैवल में ट्विस्ट: जब ड्राइवर की एक गलती ने हमें पुष्कर की जगह जयपुर पहुँचा दिया! by Saransh Ramavat

अगली सुबह हम लोग जल्दी उठे और पहुँचे गायित्री माता मंदिर, जिसके लिए एक छोटा सा ट्रेक करना होता है और वहाँ से पहाड़ों के बीच से उगते हुए सूरज को देखना अपने आप में एक शानदार चीज़ है । हमने वहाँ ढेरों बातें की, मस्तियाँ की, अपनी अपनी कहानियाँ सुनायी और सनराइस देखने के बाद निकल पड़े सावित्री माता मंदिर के लिए जहाँ हमे रोप-वे से जाना था । रोपवे से पहाड़ी के ऊपर बने हुए मंदिर तक जाने मे एक अलग ही मजा और रोमांच था वहाँ हमने दर्शन किए ढेरो फोटोस ली और निकल पड़े कोटा के लिए ।

रास्ते में जब हम सब एक ढाबे पर रुके और खाना खा रहे थे तो यही सोच रहे थे कि यह रास्ते भी हमें कहाँ कहाँ ले जाते है, हमें जाना था पुष्कर पर हम जयपुर पहुँच गए और वहाँ पर बहुत एंजॉय भी किया । शायद इसीलिए कहते है कि ट्रौवलिंग आपको स्टोरीटैलर बना देती है क्योंकि अब हमारे पास एक शानदार कहानी थी उस ट्रिप की जो की हमारी योजना के हिसाब से नहीं हुआ पर आज भी हमारे सबसे बेस्ट ट्रिप्स मे से एक है ।

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