हर घुमक्कड़ की दिली तमन्ना होती है कि वो विदेश घूमने ज़रूर जाए। जिसमें से बहुत लोग जाते भी हैं। आमतौर पर टूरिस्ट विदेश यात्रा फ्लाइट से जाना ज्यादा बेहतर समझते हैं। जल्दी और आराम से पहुँचाने के मामले में वो बेहतर है भी। लेकिन जो इस आराम वाले सफर को भी चुनौती बना लेते हैं वो होते हैं घुमक्कड़। ट्रैवलर्स और टूरिस्ट में यही तो अंतर होता है। टूरिस्ट उस जगह को देखना चाहता है, जहाँ वो जा रहा है। घुमक्कड़ जहांँ जाते हैं, उस सफर को भी भी नापने का दमखम रखते हैं। आज मैं आपको ऐसे सफर पर ले चलूँगा जिसे हर कोई करना तो दूर सोचता तक नहीं है। तो चलिए इस रोमांच भरे सफर पर।
बाइक से भारत से सिंगापुर की यात्रा वो भी चार देशों से होते हुए। सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन एडवेंचर्स बाइकर्स के लिए ये सफर मज़ेदार और रोमांच से भरपूर रहता है। आप देश के किसी भी कोने में रहते हो, वहाँ से इन देशों की यात्रा पर निकल सकते हो। अगर आप उत्तर भारत में रहते हो तो आपकी बाइक ट्रिप दिल्ली से होकर गुज़रेगी। दिल्ली से आगरा होते हुए लखनऊ, बस्ती, दरभंगा और पश्चिम बंगाल के रास्ते आपकी रोड ट्रिप सिलीगुड़ी पहुँचती है। यहीं से शुरू होता है आपका रोमांचक सफर। सिलीगुड़ी के रास्ते ब्रम्हपुत्र नदी को पार कर आप गुवाहटी पहुँचते हैं। यहाँ से आगे बढ़ने पर 90 कि.मी. बाद आपका अगला पड़ाव होगा, शिलांग। जो बादलों के देश के लिए फेमस मेघालय की राजधानी है।
गुवाहटी से शिलांग का रास्ता बेहद शानदार है और सड़कें चौड़ी हैं। 90 कि.मी. का ये रास्ता कब खत्म हो जाएगा, आपको पता भी नहीं चलेगा। कश्मीर, मसूरी, शिमला जैसे संकरे, खड़े रास्ते और डरा देने वाली खाइयाँ आपको इस रास्ते पर नहीं मिलेगी। हालांकि आगे जाकर शहर के भीतर आपको थोड़ा सावधान रहना होगा। शिलांग के खतरनाक घुमाव और तंग गलियों से गुज़रना एक अलग अनुभव देते हैं। यहाँ कभी आप ऊपर चढ़ रहे होते हो तो कभी नीचे उतर रहे होते हो। ये अलग तरह का अनुभव है जो आपको पसंद आएगा। शिलांग वैसे तो अपने नज़ारों और खूबसूरती के लिए फेमस है। लेकिन ये कम लोगों को पता है कि शिलांग अनन्नास के लिए भी फेमस है, यहाँ अनन्नास खूब होता है। शिलांग में थोड़ी देर आराम करने के बाद आगे का सफर सिल्चर की ओर बढ़ता है जहाँ से आप सीधे पहुँचेगे इम्फाल। इम्फाल, मणिपुर की राजधानी है। यहीं से करीब 109 कि.मी. दूर एक गाँव है, मोरे। मोरे गांव भारत के इस छोर का अंतिम गाँव है। यहीं से शुरू होती है बाइक से विदेश यात्रा।
विदेश का सफर
भारत के अंतिम गाँव से जिस देश में सबसे पहले पहुँचते हैं, वो है म्यांमार। सबसे पहले बाइक से बर्मा पहुँचेगे। यहाँ से आप शहर कैले, बागान से होते हुए म्यांमार की राजधानी नाएप्यीडा पहुँचते हैं। आपको रास्ते में खूब बौद्ध मंदिर मिलेंगे। यही वजह है कि म्यांमार को मंदिरों का देश कहा जाता है। आप यहाँ और खास चीज़ देखेंगे। यहाँ की औरतें अपने चेहरे पर चंदन का लेप लगाए रहती हैं। म्यांमार में बहुत गर्मी पड़ती है इसलिए महिलाएँ अपनी स्किन को बचाने और ठंडक के लिए चंदन के लेप का उपयोग करती हैं। राजधानी नाएप्यीडा से आगे बढेंगे तो आपको फाॅअन शहर मिलेगा। इसके आगे ही मायावाड़ी बाॅर्डर है। मायावाड़ी, म्यांमार का अंतिम कस्बा है। इसके बाद हमारी बाइक दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर गई।
एक पुल का फासला
मायवाड़ी कस्बे के आगे एक पुल है जिसका आधा हिस्सा म्यांमार सीमा में आता है और आधा हिस्सा थाईलैंड में। म्यांमार से आप पहुँचेगे थाईलैंड। थाईलैंड पूरी दुनिया में खूबसूरत जगह के लिए फेमस है। पुल पार करते ही आप थाईलैंड के सबसे पहले शहर में पहुँच जाएँगे। म्यांमार से थाईलैंड जाने पर सबसे पहले आने वाले शहर का नाम है, मेयशाॅर्ट। यहाँ से आप थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुँच सकते हैं। बैंकाॅक, दुनिया में सबसे ज्यादा पर्यटकों वाला शहर है। इस शहर को सबसे अच्छा देखने का समय है, रात। यहाँ की रात बड़ी रंगीन और हसीन होती हैं। बैंकाॅक के बाद आप थाईलैंड के दूसरे सबसे बड़े शहर चिआंग माय पहुँचते हैं। इसके बाद आपकी बाइक एक बार फिर से एक देश के अंतिम छोर पर पहुँच जाएगी और दूसरे देश में घुसने को तैयार रहेगी।
विविधता से भरा देश
थाईलैंड के बाद जो देश आता है वो है मलेशिया। थाईलैंड के सदाओ बाॅर्डर को पार करने के बाद मलेशिया में एंट्री करते हैं। थाईलैंड से मलेशिया में घुसते ही सबसे पहले एक कस्बा आता है, बुकेट कायु हिताम। इस कस्बे की आबादी बहुत कम है। सड़क किनारे छोटी-छोटी कई दुकानें भी हैं। बुकेट कायु हिताम कस्बा काला जंगल के लिए फेमस है। यहाँ से मलेशिया की राजधानी कुआला लंपुर जाने के लिए बढ़िया उत्तरी-दक्षिणी एक्सप्रेस बना हुआ है। आप इस जगह पर आकर सोचेंगे कि आराम कर लिया जाए। लेकिन आप यहाँ आराम नहीं कर पाएँगे क्योंकि यहाँ कोई होटल नहीं है। तब आप थोड़ी देर रूककर अपनी यात्रा को जारी रख सकते हैं। मलेशिया, भारत की ही तरह विविधताओं से भरा देश है। यहाँ आप प्रकृति की खूबसूरती को देख भी पाओगे और अनुभव भी करोगे।
आप जब बाइक से मलेशिया पहुँचे तो यहाँ ज़रूर रूकें। आपको इस देश को करीब से देखना चाहिए। यहाँ आपको आधुनिकता से भरे शहर भी मिलेंगे और लोगों की सिपंल लाइफ भी देखने को मिलेगी। मलेशिया की राजधानी पहुचने से पहले आपको इस सफर में कई खूबसूरत शहर मिलेंगे। जिसमें से एक फेमस सिटी है, गैंटिंक हाईलैंड। यहाँ हिंदुओं की पवित्र जगह बाटु केव है। जिसे आज भी तमिल समुदाय के लोग चला रहे हैं। अपने सफर में आपको आगे बढ़ने पर एक 24 कि.मी. का लंबा पुल मिलेगा। जो आप को पेनांग आइलैंड पहुँचा देगा। पेनांग आईलैंड से आगे बढ़ने पर आपको मिलेगा ईपोह शहर जहां से 280 कि.मी. दूर है राजधानी कुआलालंपुर। यहाँ पहुँचकर आपका मलेशिया यात्रा पूरी हुई। अब एक नये देश की ओर कूच करना था।
मलेशिया की राजधानी पहुँचने के बाद बाइक को घुमा लीजिए सिंगापुर की ओर। जब आप फ्लाइट से सिंगापुर जाते हैं तो बहुत कुछ मिस कर देते हो। रोड से जब आप सिंगापुर जाओगे तो पूरा रास्ता हरा-भरा मिलेगा। ये रास्ता आपका मन मोह लेगा। सड़क का सफर ही तो है जब आप इस देश की संस्कृति को करीब से देख पाओगे। सिंगापुर वो जगह है जहाँ लोग बार-बार आने की तमन्ना रखते हैं। सिंगापुर ने अपने आपको बहुत कम समय में विकसित किया है। पूरी दुनिया में विकास के लिए इस देश की मिसाल दी जाती है। पर्यटन के क्षेत्र में सिंगापुर बहुत आगे बढ़ चुका है। सिंगापुर दिन में जितना खूबसूरत लगता है, रात में उतना ही चमकने लगता है। सिंगापुर की नाइट लाइफ देखने लायक है। लाखों लेज़र लाइटों से यहाँ की रात रोशनी से जगमग हो जाती है।
इन देशों को देखते हुए आप और भी देशों को देखने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन इन देशों की यात्रा एक साथ करना बहुत बड़ी बात है। आप अगर चाहें तो वापस लौटते समय नेपाल जा सकते हैं। जिसे दुनिया की छत कहा जाता है। भारत के बहुत सारे ट्रैवलर्स नेपाल से गए भी हैं और कुछ जाते-रहते हैं। नेपाल, भारत के लिए अच्छा टूरिस्ट प्लेस है। ये सब आसान लग रहा होगा लेकिन इतना आसान नहीं है। इन चार देशों की यात्रा पर जाने से पहले अपने आपको परख लेना चाहिए कि आप वहाँ तक बाइक चला पाएँगे या नहीं।
सबसे ज़रूरी बात
बाइक से म्यांमार, मलेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर तो बाद में पहुँचेंगे। लेकिन वहाँ जाने से पहले ये चीज़ें करना बहुत ज़रूरी है। अगर आप मोटरसाइकिल से इन देशों की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो सबसे पहले इन देशों के वीज़ा लेने होंगे। इन देशों में मोटरसाइकिल ले जाने की भी अनुमति लेनी होगी। इन देशों में जाने के लिए एक परमिट भी लेना होता है। जिसका नाम है, रोड लैंड परमिट। अगर ये सब नहीं है तो आप सोच वल्र्ड टूर की रहे होंगे और लौट मणिुपर से आएँगे। इसके अलावा अपनी बाइक को सुधारना भी आना चाहिए। जाने कब और कहाँ पंचर हो जाए। इसलिए एक बाइकर को ये सब तो आना ही चाहिए। अगर आपको ये सब आता है तो आपको बाइक से इन देशों में जाने से कोई नहीं रोक सकता।