बचपन में गर्मियों की छुट्टियों में सभी घूमने जाते थे, हैं और रहेंगे। पर जब आदमी काम करने लग जाए तो गर्मियों की छुट्टियाँ तो कहानी बनकर रह जाती है। मुझे काम के सिलसिले में गर्मी में जयपुर जाने का मौका मिला। अब जून के महीने में जयपुर जैसे अग्नि परीक्षा। थोड़ी गर्मी और बढ़ाने के लिए मैंने अपने बॉयफ्रेंड को साथ ले जाने का सोचा और यकीन मानिए यह बहुत ही समझदारी का काम था। क्योंकि जब आप अपने पार्टनर के साथ होते हो तो गर्मी सर्दी मायने नहीं रखती, बस आप दोनों एक दूसरे को खुश रखने की कोशिश करते हो। एक फायदा गर्मी में जयपुर जैसी गर्म जगह जाने का। पाँच सितारा होटल में डील बहुत ही अच्छी मिल जाती है। मुझे ₹2500 प्रति दिन के हिसाब से रैडिसन मिल गया जो अविश्वसनीय था। अब बस थोड़ा बहुत काम निपटाना था और फिर मस्ती।
दिल्ली से जयपुर लगभग 250 कि.मी. दूर है। 5 से 7 घंटे लगते हैं इस रास्ते को तय करने में और NH8 हाइवे सीधा आपको पहुँचा देता है जयपुर। मज़े की बात यह है कि यह छोटी सी ट्रिप खाते पीते कब खत्म हो जाती है पता ही नहीं चलता। हम दोनों एक दूसरे में ऐसे खोए हुए थे कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि काम के सिलसिले से किया हुआ ट्रैवल भी इतना मज़ेदार हो सकता है। रास्ते में गाड़ी कि खिड़की से बाहर निकलना, ज़ोर ज़ोर से गाना, चिप्स और पेप्सी, ऐसा लग रहा था गर्मियों कि छुट्टियाँ वापिस आगयी है। हम सुबह 6 बजे निकले और लगभग 12:30 बजे करीब हम रैडिसन के अंदर थे। जल्दी से फ्रेश होकर हम निकल पड़े। पहले मुझे एक मीटिंग निपटानी थी जो लगभग 4 बजे तक ख़्त्म हुई। वहीं से हम हवा महल देखने निकल गए।
यह जयपुर का सबसे बड़ा आकर्षण है। पाँच मंज़िला यह इमारत बनी है गुलाबी बलुआ पत्थर से। जयपुर को इसीलिए भी गुलाबी शहर के नाम से जाना जाता है। यह महल इसीलिए बनाया गया क्योंकि औरतों को खिड़कियों से बाहर कि चहल पहल का नज़ारा मिल पाए । हमने खूब मज़े किए वहाँ और ढेर सारी सेल्फीज़ भी खींची। ढलती हुई शाम में महल और प्यारा लग रहा था। देखते ही देखते शाम हो गई और हम एक खूबसूरत से पब में जाकर बैठ गए जहाँ लाइव म्यूज़िक के साथ हमने एक रोमांटिक डिनर किया। रात काफी हो चुकी थी और सुबह अम्बेर फोर्ट जाने का प्लान भी था इसलिए जल्दी सो गए।
सुबह रैडिसन कि बदौलत एक भारी भरकम ब्रेकफास्ट किया जिसने शिद्दत से पेट और नियत दोनों को भर दिया। मन तो था फिर से सो जाएँ पर अम्बेर फोर्ट देखने की एक्ससाइटमेंट भी काफी थी। अम्बेर फोर्ट जयपुर से 15 कि.मी. दूर पड़ता है। हम गाड़ी में बैठ कर करीबन 45 मिनट में वहाँ पहुँच गए।
राजा मानसिंह द्वारा बनवाया गया यह किला जयपुर की शान है। किला एक पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ के बाघ, किले देखते ही आप सीधा राजा महाराजाओं के ज़माने में पहुँच जाते हो। माओटा झील का काफी सुन्दर नज़ारा मिलता है और मैं ज़रूर सलह दूँगी आपको हाथी की सवारी करने की। आपको भी पता लगे कि राजा महाराजा किले में जब घुसते थे हाथी पर बैठकर तो क्या मज़ा आता था।
फोर्ट ेसे निकलकर हमने स्थानीय बाज़ार में काफी सारी शॉपिंग करी। जोहरी बाजार और बापू बाजार काफी बड़े, खूबसूरत और जानी मानी जगह है जयपुर की। यहाँ से चूड़ियाँ, जयपुरी कंबल, सलवार सूट इत्यादि आपको सब कुछ मिल जाएगा। हम दोनों ने तो काफी ज़्यादा मज़े किए जयपुर में। गर्मी ज़रूर थी पर ज़्यादा पानी और अच्छे काले चश्मों ने हमें बचा कर रखा था। आप भी ज़्यादा मत सोचिए गर्मी के बारे में। अगर अपने पार्टनर के साथ कुछ पल सुकून के बिताना चाहते हैं तो आज ही जयपुर जाइए। वहँ जाकर खुद को महाराजा और महारानी समझने में कोई टैक्स नहीं लगेगा। बस हमारे इतिहास का मज़ा लीजिए।
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