कॉलेज की बात ही कुछ और है। दुनिया के सारे बढ़िया अनुभव एक तरफ और कॉलेज का अनुभव दूसरी तरफ। कॉलेज खट्टी मीठी यादों की ऐसी कॉकटेल है जिसे जो भी पीता है वो ज़िन्दगी भर इसके नशे में झूमता है। पिछली बार इसी नशे का एक किस्सा सुनाया था जब हम रात को कैंटीन में बातें करते करते सुबह जैसलमेर के लिए निकल गए थे। ऐसा ही कुछ हुआ था उसके एक महीने बाद जब हमारे लेक्चर कैंसिल होगये थे किसी वजह से। हम सोच ही रहे थे कि सब अपने घर निकल जाएँ पर किसी ने अचानक बोला कि उदयपुर यहाँ से सिर्फ 4 घंटा दूर है। और बात तो सच थी, हम अहमदाबाद में पढ़ रहे थे और वहां से उदयपुर सिर्फ 250 किलोमीटर की दूरी पर था जो हाइवे के हिसाब से बहुत ही मामूली दूरी है। तो फिर क्या था मैग्गी खाते खाते हमने अगले दिन सुबह 6 बजे की बस बुक करली। किसी तरह आँखें मलते मलते हम उठे और 5 बजे हॉस्टल से ऑटो लेकर हमने बस पकड़ी। एक ही झपकी में हम उदयपुर पहुँच गए। यकीन मानियेगा नींद भी बढ़िया थी और सुबह उठते ही अपनी मंज़िल पर पहुँचने का मज़ा ही कुछ और है।
यह बात करीबन दो साल पुरानी है पर अब भी वो उदयपुर की ठंडी धूप वाली सुबह अच्छे से याद है। हम बस से उतरकर सीधा ज़ॉस्टल पहुंचे, जिसके बारे में आप जानते ही हैं कि ज़ॉस्टल इंडिया का जाना माना हॉस्टल ब्रांड है। अपना सामान बेड पर फेंक कर हम निकल गए घूमने के लिए। क्योंकि सब लड़कियाँ गयी थी इसीलिए नहाने धोने के प्रोग्राम के बाद ही सब घूमने निकले। चलिए अब आपको मैं अपने साथ उदयपुर की सैर कराती हूँ:
1. सिटी पैलेस
अगर आपको इतिहास में ज़रा सी भी दिलचस्पी है तो यह किला आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। पहले तो यहाँ जाने के लिए आपको फेरी लेनी पड़ती है, जो आपको किले तक लेकर जाएगी। इस फेरी पर बैठकर ठंडी हवा के झौंके आपका मूड पहले ही बढ़िया कर देते हैं। यह किला महाराणा उदय सिंह सिसोदिया ने 1553 में बनवाना शुरू किया था जिसे पूरा होने में करीबन 400 साल लग गए। पिचोला झील के पूर्वी तट पर स्थित यह किला मेवाड़ की शान है। राजस्थान और मुग़लई आर्किटेक्चर का अच्छा कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा यहाँ। इतना विशाल और फैला हुआ है यह किला कि पूरा दिन भी शायद काफी ना पड़े यहाँ के हर कोने को एक बार फुर्सत देखने के लिए। यहाँ पर अपना काम ख़त्म करने के बाद हम निकले फ़तेह सागर झील की तरफ।
2. फ़तेह सागर झील
इस झील को उदयपुर का दिल भी कहा जाता है। और यह उदयपुर की सबसे 'हैप्पनिंग' जगह भी है जहाँ सुबह से रात तक हलचल और लोगों का आना जाना चलता रहता है। यही वजह है यहाँ आपको स्नैक्स, जूस, चाय के बहुत से स्टाल मिलेंगे सो स्वादिष्ट चीज़ों से आपका उदयपुर में स्वाफत करते हैं। कुल्हड़ वाली चाय मुझे आज भी याद है। और जो चीज़ याद है वो है स्पीड बोट। यहाँ दो ऑप्शन मिलेंगे - या तो आप फेरी ले सकते है 50 से 100 रूपए के हिसाब से या 5 लोग मिलकर 200 रूपए आदमी के हिसाब से आप अपनी स्पीड बोट ले सकते हैं जो आपको झील का एक पूरा चक्कर कटवायेगी। भाईसाब क्या थ्रिल था, मतलब 200 रूपए में लाइफ के सारे मज़े ही आगये।
इस सब के बाद हम इतना थक गए थे की ज़्यादा जान तो बची नहीं थी। बस किसी तरह एक रूफ टॉप कैफ़े पर बैठकर तारों से बातें की और लाल मास का लुत्फ़ उठाया।
3. पिचोला झील
सुबह सुबह हम अपने ज़ॉस्टल वाले लोगों की मदद से एक सनराइज पॉइंट पर पहुंचे जिसने पिचोला झील के नज़ारे को यादगार बना दिया। ऐसा ही यादगार नज़ारा आपको उदय विलास होटल और ताज महल होटल से शाम को सूर्यास्त के समय भी मिल जाएगा। यह दोनों होटल यहाँ के सबसे बढ़िया और महंगे होटल है। काफी भिन भिन प्रकार के पक्षी भी आपको पिचोला के आस पास दिख जाएंगे, बस आपकी नज़र थोड़ी तेज़ होनी चाहिए। बोटिंग और ऊँट की सवारी दोनों का आनन्द ले सकते हैं पिचोला के पास।
4. अम्ब्राइ घाट/रेस्टोरेंट
पिचोला के तट पर स्थित यह घाट आपको पूरी तरह से रिलैक्स करदेगा। अगर आपके पास एक फ़ाईन डाईन के पैसे हैं तो इसी रेस्टोरेंट पर लहरच कीजियेगा क्योंकि यहाँ का नज़ारा देखते ही बनता है। दूर से आपको सिटी पैलेस की चमकती हुई रौशनी दिखेगी जो पानी पर तैरती हुई आपके पास पहुंचेगी ठंडी हवा के झौंके के साथ। कोशिश कीजियेगा की बुक करके वहां पहुंचे और झील के साथ वाली सीट लीजिये।
हमारे पास तो बस एक वीकेंड था एन्जॉय करने के लिए। आप काम से काम 4 दिन यहाँ आराम से बिता सकते हैं। जो जगह मैंने बताई है उसके आलावा आप जा सकते हैं:
- बागोर की हवेली म्यूजियम
-सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
-करनी माता का मंदिर
-नीमाच माता का मंदिर
- बड़ा बाज़ार
बाजार में घूमने का भी अपना ही मज़ा है। यहाँ आपको लेथर के बैग और बहुत ही खूबसूरत डायरी मिल जाएंगी जो आप अपने और अपने दोस्तों के लिए खरीद सकते हैं। उदयपुर एक अच्छी टूरिस्ट जगह है जहाँ फॅमिली, कपल और सोलो, हर प्रकार के यात्री एन्जॉय कर सकते हैं। आप कब जा रहे हैं उदयपुर, नीचे कमैंट्स में लिखिए। और वापिस आने के बाद त्रिपोटो पर उदयपुर के बारे में ज़रूर लिखियेगा।