कोरोना में सफर..
चौथी किश्त...
तीसरी किश्त में आप मेरे साथ थे, पिछोला झील के किनारे, सुबह का समय था, अब जैसे ही सूरज तपने लगा, तो में चल पड़ा अगली डेस्टिनेशन की तरफ, सज्जनगढ़ के जंगलों की तरफ...
उदयपुर से सज्जनगढ़ तकरीबन 13 किलोमीटर है..
यहाँ पर दो जगह देखने लायक..
सज्जनगढ़ के पहाड़ों की तलहटी में बसाया गया बायोलॉजिकल पार्क, ओर दूसरा है सजननगढ़ फोर्ट...
तो स्कूटी स्टार्ट की ओर चल पड़ा सज्जनगढ़ के किले की तरफ तलहटी से उपर की ओर तकरीबन 4 किलोमीटर की दूरी है...
पहाड़ो में यह घुमावदार रास्ता आपकी बाइक राइडिंग की टेस्टिंग अच्छे से कर लेगा..
आराम से चलिए ओर बीच - बीच मे रुकते हुए चलिए क्योंकि पहाड़ो की ऊंचाई से उसकी गोद मे बने जंगलो को देखना कमाल का है,आप खुद को शांत रहकर सड़क किनारे सावधानी बरते हुए किसी पेड़ की छाँव में थोड़ी देर के लिए विराज सकते है, जैसे जैसे आगे बढोगे रास्ता बहुत ज्यादा घुमावदार होगा, ओर सड़क पर स्पेस भी कम, ओर थोड़ी देर बाद घुमावदार रास्तो के साथ सीधी चढ़ाई है, जो हल्की सी मेरे जैसे नए घुमकड़ो के लिए खतरनाक भी है,
इस रोमांचक रास्ते के साथ आप पहुँच जाएँगे सज्जनगढ़ फोर्ट, मानसून में यहाँ जन्नत है..
इसलिए इसे राजस्थान का मानसून फोर्ट भी कहते है...
यहाँ से उदयपुर शहर का पूरा पेनोरमा व्यू देखने को।मिलता है, पहाड़, झीले ओर उनके अगल बगल में बसा उदयपुर शहर ..
आह क्या कहने..
क्या नजारे है यहाँ से..
किले के मुख्य द्वार से जब अंदर परवेश होता है, तो धीमी ठंडी हवाएं आपका स्वागत करेगी, कसम से इस मामले में यह जयपुर के हवामहल को भी मात देती है...
मार्बल से बना यह किला वाकई में बेहद खूबसूरत है...
इसका निर्माण महाराणा सज्जनसिंह ने करवाया था..
अगली किश्त जल्द ही...😊😊😊😊






















