जैसलमेर में घूमने को हैं इतनी सारी जगहे

Tripoto
Photo of जैसलमेर में घूमने को हैं इतनी सारी जगहे by Rishabh Bharawa

जैसलमेर हमेशा से ही अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक कहानियों से देश विदेश के पर्यटकों को लुभाता रहा हैं। यहाँ के मंदिर ,झील ,हवेलियां ,रेतीले धोरे ,उत्सव ,छोटी -छोटी रंग बिरंगी गलियों को फिल्मों या वीडियोज में देख कर अगर आप भी मन ही मन जैसलमेर घूमने का प्लान बना चुके हैं तो आज का यह आर्टिकल आपके ही लिए हैं जिसमें यहाँ की हर एक दर्शनीय जगह के बारे में बताया गया हैं। जैसलमेर और इसके आस पास के पर्यटन स्थलों की लिस्ट काफी लम्बी हैं ,कोशिश की हैं कि अधिकतर चीजें यहाँ कवर हो जाए -

1. सोनार किला : जैसलमेर में प्रवेश होते ही यह विशाल गोल्डन किला आपको दूर से ही दिखाई देने लग जाएगा।यह किला सबसे पहली जगह हैं जो आपको घुमनी चाहिए। क्योंकि इसी के अंदर काफी पतली पतली रंग बिरंगी गलियां ,शानदार हवेलियां ,तोपे ,मंदिर,संग्राहलय सब कुछ मिलेगा। यह एक जीवित किला हैं इसका मतलब यह हैं कि इस किले पर आबादी रहती हैं ,कई घर ,मकान ,दुकाने इसमें मौजूद हैं। यहाँ घूमना अपने आप में एक छोटे शहर में घूमने जैसा हैं।ऊपर ही आपको रहने खाने के लिए सब सुविधा भी मिल जायेगी।

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2. सम सेंड ड्यूनस : अगर आपको रेगिस्तान का असली रूप देखना हैं तो यहाँ जरुर जाए। यह जगह जैसलमेर शहर से करीब 40 किमी दूर हैं। यहाँ जाने के लिए आपको कोई कैब या मोटरसाइकिल किराए लेनी होगी। आप खुद की गाड़ी मे भी यहाँ जा सकते हैं। यह 40 किमी का रास्ता किसी ड्रीम रोड ट्रिप से कम नहीं लगता हैं। क्योकि पूरा रास्ता दोनों तरफ से केवल रेत और छोटी छोटी झाड़ियों से भरा मिलता हैं। दूर दूर तक कोई गाँव ,दूकान या ग्रामीण लोग नहीं दिखते हैं। यहाँ आपको केम्प से पैकेज लेना होता हैं जिसमे आपको - कैंप मे रहना ,डिनर एवं ब्रेकफास्ट ,जीप सफारी ,कैमल सफारी एवं रात्रि मे राजस्थानी नृत्य एवं लोकगीत कार्यक्रम देखने की सुविधा मिलती हैं। यह पैकेज प्रति व्यक्ति प्रति रात 1000 रूपये से 2000 रूपये तक का होता हैं। ध्यान रहे यहाँ के लिए केम्प की बुकिंग ऑनलाइन बिलकुल ना करे,फ्रॉड काफी होता हैं।

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3. कुलधरा : 'कुलधरा' गांव जैसलमेर से सम रोड पर शहर से करीब 30 किमी की दूरी पर रेगिस्तान के बीचों बीच स्थित हैं।यह एक वीरान छोड़ा हुआ गाँव हैं जहाँ टूटे फूटे घर ही अवशेष के तौर पर बचे हैं।वीरान होने के कारण इसे डरावना गाँव भी माना जाता हैं और सूर्यास्त के बाद यहाँ किसी को आने नहीं दिया जाता हैं। यहाँ के बारे मे बताया जाता है कि यह गांव पालीवाल ब्राह्मण समाज के लोगो का था ,जो कि करीब 200 साल पहले इस गांव को अचानक रातोरात छोड़ कर चले गए। तब से यह इलाका निर्जन होने की वजह से इसको भूतिया क्षेत्र समझा जाने लगा।इसी गाँव से केवल कुछ किलोमीटर आगे ही खाबा किला पड़ता हैं ,उस किले से भी एक छोड़ा हुआ दूसरा गाँव नजर आता हैं।

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4. तनोट माता मंदिर :यह मंदिर पाकिस्तान सीमा पर बना हैं। 1965 के भारत पाक युद्ध मे पाक ने भारत पर करीब 3000 बम एवं गोले दागे थे ,जिनमे से कुछ इस मंदिर के प्रांगण एवं आसपास के इलाके मे गिरे थे। पर आश्चर्य की बात यह हुई कि उनमे से एक भी बम या गोला यहाँ फट नहीं सका।कहा जाता है इस पूरी सीमा की रक्षा तनोट माता ही करती हैं। सभी चमत्कारों को देख , आर्मी से यहाँ मंदिर को अच्छे से विकसित कर इसे आम जनता के लिए खोल दिया।जैसलमेर से यहाँ पहुंचने के लिए राजस्थान रोडवेज की बसे भी चलती हैं। यहाँ आप एकाध घंटा गुजार कर 35 किमी आगे आप 'लोंगेवाला वॉर म्यूजियम ' जा सकते हैं।

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5. लोंगेवाला बॉर्डर : तनोट माता से करीब 35 किमी आगे आप 'लोंगेवाला वॉर म्यूजियम ' जा सकते हैं और भारत पाक के युद्ध के समय की काफी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वही बाहर बैठ कर 'हिंदुस्तान का आखरी कैफ़े-लोंगेवाला कैफ़े ' पर चाय कॉफ़ी या कोल्ड ड्रिंक का आनंद ले सकते हैं। वहां 1962 में पाकिस्तान की हार के बाद जब्त टैंकर भी पड़े मिलेंगे और 1962 युद्ध से जुड़े कई तथ्यों के बारे में इस म्यूजियम में पढ़ा जा सकता हैं। फिल्म बॉर्डर यही की कहानी पर आधारित हैं।

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6. रामदेवरा मंदिर : रामदेवरा मंदिर पोकरण के पास पड़ता हैं ,पोकरण वही जगह ,जहाँ 1974 और 1998 में कुल तीन बार परमाणु परीक्षण हुए थे।यह जगह जोधपुर से जैसलमेर के बीच में यह एक शानदार स्टॉपेज भी हैं। यह मंदिर असल में राजस्थानी लोकदेवता 'रामदेव जी ' को समर्पित मंदिर हैं।इन्होने समाज के लिए कई कार्य किये। कई चमत्कारी किस्से भी बाबा रामदेव के बारे में प्रचलित हैं। कहते हैं ,मुस्लिम धर्म के भी कई लोग इन्हे मानते हैं। 1459 ई. में 33 वर्ष की आयु में इन्होने जीवित समाधी ली थी ,उसी जगह पर यह मंदिर बना हुआ है। मंदिर में रामदेव बाबा के परिवार के सदस्यों की भी समाधिया बनी हुई हैं। मंदिर के आसपास कई गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं काफी सस्ती दर में मिल जायेगी। यहाँ से जैसलमेर मात्र 100 किमी दूर हैं।

7. गड़ीसर झील : आपने सुना होगा कि रेगिस्तान में पानी नहीं मिलता ,लेकिन जैसलमेर में आकर आपका यह भ्र्म टूट जाएगा। गड़ीसर झील यहाँ की प्रसिद्द झील हैं जो कि शहर के थोड़े बाहरी साइड में स्थित हैं। अगर आपको शांति और सुकून की तलाश हैं तो आप शाम को यहाँ झील के किनारे बैठे। 14 वी शताब्दी में बनी इस रेगिस्तान की इस झील को देखने और यहाँ प्री वेडिंग शूट करवाने कई लोग हर साल आते हैं। आप यहाँ फोटोग्राफी ,बर्ड वाचिंग ,बोटिंग कर सकते हैं ,इसके किनारे बने मंदिरों में जा सकते हैं।

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8. डेजर्ट नेशनल पार्क : नेशनल पार्क सिर्फ पहाड़ी या हरी भरी जगहों में ही नहीं होते बल्कि रेगिस्तान के बीच में भी हो सकते हैं। यकीन ना हो तो जैसलमेर शहर से करीब 40 किमी बने डेजर्ट नेशनल पार्क को घूम आइये। यह पार्क 3162 वर्ग किमी में फैला हुआ है और राजस्थान का सबसे बड़ा नेशनल पार्क माना जाता हैं। यहाँ आपको कई प्रजाती के बाज ,चील ,गिद्ध ,रेत मुर्गा आदि देखने को मिलेंगे। करोड़ों वर्ष पुराने डायनासोर्स के अवशेष भी यहाँ सुरक्षित रखे हैं,ये अवशेष इसी क्षेत्र में मिले थे।अंदर जीप सफारी के द्वारा आप इसको घूम सकते हैं।

9 .पटवा की हवेली : राजस्थान में आये और हवेलियां ना देखा तो फिर क्या देखा ? पटवा की हवेली जैसलमेर की सबसे प्रसिद्द हवेली हैं। यह असल में पांच हवेली का समूह हैं जिसकी अद्भुद नक्काशी को निहारने और इसकी फोटोग्राफी करने काफी विदेशी यहाँ पहुंचते हैं। इसमें 60 बालकनियाँ हैं और अंदर संग्राहलय भी हैं जहाँ कई शानदार राजस्थान कलाकृतियां देखने को आपको मिलेगी।

10 . अन्य : अगर आपके पास एक दिन एक्स्ट्रा हैं तो आप खुड़ी/खुरी गाँव जा सकते हैं यहाँ कम भीड़ के बीच केम्पिंग ,कमल सफारी आप कर सकते हैं। इसके अलावा व्यास छतरी ,नथमल की हवेली ,युद्ध संग्राहलय ,अमर सागर ,खाबा किला ,बड़ा बाग़ आदि जगहों को भी घूम सकते हैं ,ये जगहें एकदम ऑफ बीट जगहें हैं ,जिनके बारे में एक आर्टिकल अलग से लिखा जाएगा।

कैसे पहुंचे :यहाँ का नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर एयरपोर्ट हैं जो कि जैसलमेर से करीब 300 किमी दूर हैं। जैसलमेर रेल मार्ग से भी काफी जगहों से जुड़ा हैं। परन्तु मारवाड़ का अगर वाकई मजा उठाना हैं तो जोधपुर से जैसलमेर या फिर बीकानेर से जैसलमेर सड़क मार्ग के द्वारा आना चाहिए। रोडट्रिप के लिए ये परफेक्ट मार्ग हैं।

धन्यवाद

-ऋषभ भरावा

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