नीलगिरी के सुंदर जंगलों में बसा, कोटागिरी ऊटी की भीड़भाड़ वाली गलियों से बचने का एकदम सटीक ऑप्शन है। हर तरफ मनमोहक दृश्य और हरे-भरे चाय बागानों वाला ये शहर प्रकृति की गोद में शांति और सुकून के पल बिताने का ठिकाना बन चुका है। माना जाता है कि यहाँ दुनिया का दूसरा सबसे बेस्ट मौसम है जहाँ आप सालभर किसी भी समय आ सकते हैं। लेकिन इस साल तो लॉकडाउन और कोरोना के जाने का इंतज़ार तो करना ही पड़ेगा!
नीलगिरी कॉलिंग के नाम से मशहूर यह होमस्टे घने जंगलों के बीच स्थित है। लोकल फैमिली द्वारा चलाया जाने वाला यह पहाड़ी विला एक अच्छा वीकेंड बिताने के लिए बढ़िया जगह है।
दो मंज़िला विला जिसमें कि दो बेडरूम और दो बाथरूम मौजूद हैं, सात मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार मिलता है। यहाँ छत पर आपको शानदार नज़ारे देखने का मौका मिलते हैं तो वहीं डाइनिंग में आप बड़े चाव से खाना खा सकते हैं। यहाँ आप बैठे-बैठे मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ से आपको कभी-कभी इंडियन गौर और बार्किंग हिरण जैसे वन्यजीव भी दिख जाते हैं।
यहाँ करने को क्या है ख़ास?
हालांकि यहाँ वाईफ़ाई से लेकर सभी मॉडर्न सुविधाएँ मौजूद हैं, लेकिन डिजिटल डिटॉक्स ही ठीक है जब आप झरनों, पहाड़ों और जंगलों का आनंद ले रहे हैं। नीलगिरी में सबसे पुराना हिल स्टेशन होने के नाते कोटागिरी में आपके लिए जानने को बहुत कुछ है। संग्रहालय से लेकर ऐतिहासिक घरों तक यहाँ रहने के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिलता है। एलदा का टोडा गाँव जिसका मतलब ही कोटा जनजातियों की पहाड़ियाँ है, स्थानीय जनजातियों की जीवंत संस्कृति और उनके जीने के तरीके को करीब से देखने के लिए एक अद्भुत जगह है।
कैसे पहुँचें
नज़दीकी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन कोयम्बटूर है जो कि 64 कि.मी. दूरी पर है। आप ऊटी (31 कि.मी.) या कुन्नूर (17 कि.मी.) से ड्राइव कर सकते हैं जो कि बेहतरीन अनुभव होगा।
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