जो असली घुमक्कड़ हैं, वो जानते हैं कि कम पैसे में अच्छे से ट्रैवल किया जा सकता है। और इसके साथ-साथ जो इस दुनिया से सीखते हो आप, उसका तो कहना ही क्या। नादान हैं वो लोग, जो सोचते हैं कि घूमने के लिए बहुत सारा पैसा ज़रूरी होता है।
भारत और इसके अलावा विदेशों की यात्रा करने के बाद हर ट्रिप में मुझे कहाँ पर रुकना है, इसका बढ़िया अन्दाज़ा लगाना जानता हूँ मैं।
मेरे तजुर्बे से सीखो और अपने अगले ट्रिप की प्लानिंग करो...
1. मीलों दूर तक रेत और बीच में मैं
कोलंबिया में एक प्रथा है। लोग हर साल के पहले दिन अपने ख़ाली सूटकेसों के साथ एक से दूसरी जगह घूमते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो काम आप पहले दिन करते हो, वो साल भर करने का मौक़ा मिलता है। अगर ऐसी बात है तो मैं तो 10 तोले की सोने की चेन लूँ।
ख़ैर... थार का रेगिस्तान तो आप सबने सुना होगा। यहाँ पर रेगिस्तान के बीच में पड़ता है प्रिंस डेज़र्ट कैंप, रेगिस्तान के ठीक बीचों बीच। यहाँ पर राजस्थान का सबसे शानदार लोकनृत्य से लेकर बहुत कुछ होता है। खाने में दाल बाटी चूरमा, केर सांगरी और गट्टे की सब्ज़ी। यहाँ पर मिलते हैं सबसे बढ़िया सूर्यास्त। और रात के वक़्त तारों की छाँव में सोने का मौक़ा।
2. पूरी दुनिया से ऊपर
अगस्त 2017 में मुझे मौक़ा मिला उत्तराखण्ड जाने का। यहाँ पर जब भी जाओ, तो पहले भीमताल जाओ, नैनीताल तो सब कोई जाते हैं। और वहाँ से बहुत दूर भी नहीं है। भीमताल में पड़ता है फ़र्न हिलसाइड रिसॉर्ट। हर मामले में होटल वाली आवभगत, लेकिन पैसे में कम।
भीमताल के सबसे सुन्दर नज़ारों की तस्वीरें यहीं से क़ैद की हैं मैंने। आपको यहाँ पर ऐसा लगेगा मानो आप बादलों से बहुत ऊपर रह रहे हो। रात की बात तारों की छाँव में करते रहो। देवदार के पेड़ों से बातें करते हुए अपने क़िस्से गुनगुनाओ, ज़िन्दगी जीनी हो तो यहाँ पर रुकने चले आओ।
3. टाइगर रिज़र्व के अन्दर अपना ग़रीबखाना
मार्च 2016 में सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व जाना था। बुकिंग कर रहा था तो मेरा ध्यान पूरी तरह से इस पर था ठहरने की जगह टाइगर रिज़र्व से बहुत दूर न हो। रेनी पानी जंगल लॉज है इस जगह का नाम। मुश्क़िल से एक किमी0 दूर होगा यह लॉज। सुबह के वक़्त तो हम लोग जंगल के जानवरों को देखने गए। रात को हम लोग रुके लॉज में। जंगल के इतना पास ठहरने के कई फ़ायदे हैं, सबसे पहले तो आते वक़्त थकान नहीं होती ज़्यादा। प्रकृति के इतना क़रीब मैंने ख़ुद को पहली बार महसूस किया।
दो दिन के दौरान हमने कुल 21 किमी0 की हाइकिंग की होगी। जब गर्मी ख़ूब होने लगी, तो हम लोग गाड़ी से उतर कर पैदल चलने लगे। खाने से लेकर रहने तक की सारी सुविधाएँ कमाल थीं। खाना ज़बरदस्त हो तो दिन वैसे भी बन जाता है। हमारे जाने के साथ ही वो कैंप भी हटा दिया गया, जहाँ हम रुके थे।
4. चिकन हट और हम
मैंने पहले बार स्कूब डाइविंग की थी तो बेयरफ़ूट स्कूबा में की थी। अक्टूबर 2018 का दौर था वो। वहाँ पर सिर्फ़ मेन कोर्स का बिल 28 ग्रैंड का था। वो ही चुकता करने में मेरे हाल खस्ता हो गए। फिर मैंने थोड़ी नज़र मारी तो पता चला कि यहाँ पर बजट ट्रैवलर्स के लिए बहुत सारी ठहरने की जगहें हैं। ऐसी ही हैं चिकन हट।
महज़ 400 रुपए में एक बार ठहरने के लिए इस हट में आपको रहने के लिए पर्याप्त चीज़ें मिल जाती हैं। एक घुमक्कड़ को वैसे भी बहुत ज़्यादा चीज़ों की ज़रूरत होती नहीं, लेकिन फिर भी ये लोग तकिया, टेबल फ़ैन, सोलर लैम्प, मच्छरदानी, कूड़ादान की व्यवस्था कर देते हैं। इसके साथ साथ ही बाथरूम, शॉवर और वॉशबेसिन भी उपलब्ध करा दिया जाता है। बाक़ी और क्या ही चाहिए। आपको यहाँ की चिकन हट में रुकने का ज़रूर प्लान बनाना चाहिए।
5. गंगा किनारे
हरिद्वार सच में ईश्वर का घर है। इसके पास ही ऋषिकेश में लोग सिर्फ़ भगवान की पूजा करने नहीं आते, अपने एडवेंचर के कीड़े को भी शान्त करने के लिए इससे बढ़िया जगह शायद ही मिले। फ़रवरी 2018 की बात है, मैं भी यहीं गया।
यहाँ पर मैं रुका था हेरिटेज प्रॉपर्टी देवनदी में। पहले यह नेपाल की रानी का घर हुआ करता था। बाद में रामायण कार्यक्रम बनाने वाले रामानंद सागर जी ने इसे अपनी आरामगाह बनाया। किसी होटल की तुलना में बहुत नामी है यह हवेली। चाहे शान्त गंगा माँ की गोद में सिर धरने चले आओ या फिर गंगा आरती में घंटियों की मधुर लय को सुनने, सबकुछ पास में होने के कारण यह मेरे लिए और श्रेयस्कर हो जाती है।
6. बस मौज मस्ती वाली छुट्टियाँ
जब आप 9 से 5 वाली नौकरी करने लगते हो, तो शनिवार रविवार अपने आप क़ीमती लगने लगते हैं। फ़रवरी 2016 में मैं ऐसी ही छुट्टी का फ़ायदा उठाकर कोंकण, महाराष्ट्र निकल गया। यहाँ पर मैं ठहरा था ब्लू ओशन रिसॉर्ट एण्ड स्पा में।
मालगुंड बीच का स्पेशल प्राइवेट नज़ारा सिर्फ़ यहाँ पर से मिलेगा। महाराष्ट्र के सबसे सुन्दर बीच अगर देखना चाहते हैं, तो यहाँ से बढ़िया जगह क्या ही होगी। मैंने पहली बार यहाँ पर तीन क्यूट डॉलफ़िन्स को जब बीच पर मैं ‘सेक्स ऑन द बीच’ जूस पी रहा था। यहाँ पर पाँव की मसाज के लिए बहुत बढ़िया सुविधा है। जब आप आँख बन्द कर पानी की लहरों का आनन्द ले रहे होते हैं और कोई आपके पाँव की मसाज कर रहा होता है, तो क्या माहौल होता है, समझा नहीं सकता।
यहाँ के गार्डन विला में बोनविलास, चीकू और सेब के कई सारे पेड़ लगे हुए थे। बस एक दिक्कत हुई मुझे यहाँ पर, वो थी मोबाइल कनेक्टिविटी की।
7. वाइनयार्ड पर
सितम्बर 2018 में हम कुछ दोस्त लोग मिलकर मुंबई से नासिक गए। नासिक में हम लोग रुके सोमा वाइन विलेज में। ये प्रॉपर्टी नहीं, जन्नत है। गंगापुर झील के ठीक सामने सह्याद्रि पहाड़ों की रेंज के तले सुकून का नाम है सोमा वाइन विलेज। हमारा जो कमरा था, वो भी इन्फ़िनिटी पूल से सटा था। और यहाँ पर वाइन फ़्री थी। मैंने मौक़े पे चौका मारा और एक शिराज़ कैबरनेट अपने साथ रख ली।
8. बैकवॉटर्स
पूरी दुनिया जब इंसान की मानसिक हत्या पर तुली हो, तो बस आप होते हो जो ख़ुद को बचा सकते हो। ख़ुद को कमज़ोर मत समझने लगो, इसलिए ख़ुद को हमेशा ख़ुश करते रहो। कहीं हर बार ट्रिप पर निकल जाओ।
मार्च 2017 में मैंने केरल की ट्रिप प्लान की थी। हम जहाँ पर आख़िरी जगह पहुँच सकते थे, वो थी पूवर; एक छोटा सा आइलैंड, जहाँ पर केरल अरब सागर से मिलता है। यहाँ पर मैं रुका एस्चुरी आइलैंड रिसॉर्ट में। यहाँ पर प्राइवेट बीच में घूमने का मज़ा ही कुछ और है। स्पीड बोटिंग का आनन्द लेने में जो मज़ा आया, वो तो कहना ही क्या। अपने आप में ये रिसॉर्ट एक शहर से कम नहीं है।
9. यहाँ का नज़ारा, करे दीवाना
मई 2018 का वो समय था, नोंनग्रियाट के रूट ब्रिज घूमने का प्लान बनाया मैंने। ऐसी जगह घूमने के लिए आपको फ़िट रहना पड़ता है। उस ज़माने में मैं फ़िट हुआ करता था।
3,500 फ़ीट ऊँचाई चढ़ने के बाद मैं पहुँचा चार्ली गेस्ट हाउस में। सिंगल बेड और अटैच बाथरूम, बाकी क्या ही चाहिए। क़िस्मत से लाइट चली गई तो हमने फिर कैंडल लाइट में डिनर किया। शाकाहारी खाना है यहाँ की ख़ासियत, मैं तो इस खाने का दीवाना हो गया। यहाँ की लाल चाय का आनन्द लेने का मन हो तो ज़रूर आएँ। बहुत कम ही मिलती है ऐसी चाय।
जब अपनी माँ के साथ 2007 में फ़्रांस में था, तो एफ़िल टॉवर देखा। जब भारत आया 2015 में, तो पहली बार ताज का दीदार हुआ था मुझे। देखकर किसी आशिक़ का इश्क़ जाग जाता है जैसे, ठीक वैसा ही मेरे साथ हुआ था। यहाँ पर पास में ही मैं होटल कमल में रुका था, दो माले की बिल्डिंग जहाँ से हर पल आप ताज को देख सकते हो। बहुत ज़्यादा अच्छा रूम नहीं था, लेकिन अगर सामने ये नज़ारा हो, तो और क्या ही चाह सकता है इंसान।
11. स्वर्ग की खिड़की
मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर बिल्कुल बनारस जैसा ही दिलदार है। भगवान का आशीर्वाद पूरे माहौल में ख़ुशबू की तरह भरा है। नर्मदा नदी के ठीक पास में हमने रुकने की जगह तलाश की नर्मदा रिसॉर्ट में। यहाँ पर से ओंकारेश्वर मंदिर और झूला पुल ठीक सामने दिखाई देते हैं।
ओंकारेश्वर के आस पास होटल हैं नहीं, बस धर्मशाला हैं या फिर आश्रम। और यहाँ ठहरना ठीक भी है। अगर मेरे ऊपर काम का या फिर लौटने का दबाव न हो, तो मैं तो हफ़्ते भर तक यहीं की शान्ति में टिक जाऊँ।
केरल के ठीक बगल में पड़ता है तमिलनाडु। मार्च 2017 में ट्रिप लगाने के चक्कर में हम यहाँ आ गए। तमिलनाडु के कन्याकुमारी में सूर्योदय और सूर्यास्त जिसने नहीं देखा है न भाई, तो बहुत कुछ देखना छूट चुका है। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल और तिरुवल्लुवर स्टैच्यू, यहाँ की पहचान हैं। यहाँ पर हम होटल सी व्यू में ठहरे थे। नाम ही सुनकर अंदाज़ा लग गया होगा कि यहाँ पर से गहरे अनन्त तक फैले नीले समुद्र के नज़ारे हमेशा दिखते हैं। मैं भी उन दिनों में यहीं का हो गया। चाँदनी रात में यहाँ पर होना बिल्कुल स्वर्ग जैसा अनुभव है। तभी मुझे पता चला कि लोग दक्षिण भारत को इतना क्यूँ पसन्द करते हैं।
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