समय नही ज्यादा फिर भी घूमने का मन है ! तो चलिए मेरे साथ एक अनोखे सफ़र पर जहाँ आपको 2-3 दिन में बहुत कुछ देखने को मिलेगा । त्रिउंड एक छोटा सा कसबा कांगड़ा जिला में, धर्मकोट का हिस्सा और 2,828 मीटर धौलाधार श्रेणी में बसी हिमाचल की तिजौरी। टूरिस्ट अक्सर वह जगह देखते है जो सब देखते हैं, जहाँ सब जाते है। लेकिन एक ट्रैवलर का नज़रिया ही कुछ अलग होता है। ट्रैवलर वह जगह ढूंढता है जहाँ किसी का इत्तिहास हो ना हो मगर उस चीज़ को ख़ास बना देना टूरिस्ट के लिए , ये किसी आम आदमी के बस की बात नहीं। तो आज मैं आपके साथ अपना अनुभव बाटूंगा और ये भी बताऊंगा आप कैसे जाए, कब जाए और क्या क्या लेकर जाए । ट्रिप कुछ ज्यादा बड़ी तो नहीं है , मगर आप अपनी परिवार और दोस्तों के साथ 2 - 3 दिन के लिए वीकेंड पर जा सकते है। तो चलिये शुरुवात करते है। ...
ये जगह हमे ना किसी ने बताई थी और न हमे पता थी , बस घूमने का मन करा और नेट पर ढूंढते हुए हमे यह जगह मिल गयी, पहले तो अजीब सा लग रहा था नाम भी और जगह भी मगर जब वहां गए तो देखते ही देखते रह गए उन खूबसूरत वादियों को । मैं दिल्ली का रहने वाला , घूमने फिरने का शोकीन रखते हुए 02 जनवरी को चल दिया अपने 5-6 दोस्तों के साथ अपनी अगली मंज़िल पर हिमाचल प्रदेश । मजनू का टीला से हमने धर्मशाला के लिए बस ली , आपको बस धर्मशाला या मैकलोडगंज बस स्टैंड पर ड्रॉप करेगी ( टिकट किराया: -1300 प्रति व्यक्ति)। अगर आप हवाई जहाज से आ रहे है तो आपको गग्गल एयरपोर्ट पास पढ़ेगा ( 10 कम धर्मशाला ) । दिल्ली से मैकलोडगंज जाने में हमे 11-12 घण्टे लगे और सुबह 03 जनवरी 2021 हम मैकलोडगंज पहुंच गए ।
अब समस्या थी रुकने की मैकलोडगंजके होटल या त्रिउंड की कैंपिंग। हमने ट्रेक के साथ-साथ त्रिउंड में कैंपिंग करना बेहतर समझा (शिविर लागत: - गाइड, टेंट, नाश्ते और रात के खाने के साथ ट्रेक सहित 2200)। आप अगर परिवार के साथ है तो भाग्सुनाग में होटल भी ले सकते हैं। अगली सुबह ऊपर ख़राब मौसम होने की वजह ट्रेकरद्द कर दिया गया और हमे सारा दिन मैकलोडगंज में बिताना पढ़ा। मैकलोडगंज में आप मॉल रोड, नड्डी दृश्य स्थल, नामग्याल मठ, दलाई लामा मंदिर और संत झोंस के चर्च और भी बहुत जगह घूम सकते हैं।
आज मौसम कुछ ख़ास था और सूरज दादा भी मुस्कुरा रहे थे मानो जैसे हमारे लिए खुश हो रहा हो । होटल में नाश्ता करके हम त्रिउंड ट्रेक के लिए निकल गए । हमने मैकलोडगंज बस स्टैंड से धर्मकोट/ भागसुनाग के लिए साझा टैक्सी (30 रुपये प्रति व्यक्ति) करी और अपने मीटिंग पॉइंट पर पहुंच गए। त्रिउंड ट्रेक के लिऐ आपको ज्यादा कुछ ले जाने की ज़रुरत नहीं है, बस आप अपने साथ एक जैकेट अगर आप ठण्ड के महीने में जा रहे है ठण्ड में आपको तापमान 3 - -5 डिग्री और गर्मी में 25 - 5 डिग्री मिलेगा तो आप उसी हिसाब से कपडे लेकर जाए, और कुछ जरूरी सामान , बाकी आप अपने होटल में छोड़ सकते है । भाग्सुनाग से आपको 4-5 घण्टे लगेंगे त्रिउंड शीर्ष पर पहुंचने के लिए हम दोपहर करीब 3:30 बजे पहुंच गए । आपको त्रिउंड शीर्ष से इंद्रहार शिखर, धौलाधार पर्वतमाला और चंबा घाटी देखने को मिलेगी। जो बड़ा ही मनमोहक दृश्य होगा , कैंप में रात बीतने के बाद .....
जनवरी का महिना था और रात भर बर्फबारी हो रही थी । 9:30 बजे हमने उतरना शुरू कर दिया और 2 :30 बजे तक भागसूनाग पहुंच गए ।आप त्रिउंड से आते वक़्त वाटरफॉल देख सकते है और शिवा कैफ़े पर तो जाना कभी न भूले , ठण्ड में मैग्गी और चाय का मज़्ज़ा पहाड़ो में कुछ और ही होता है। आप भी यही सोच रहे होंगे न की मोमोस ! अरे मोमोस खाना कौन भूल सकता है । मैकलोडगंज घुमने के 1-2 दिन काफ़ी है। और यही बात शॉपिंग की आप अपनी फॅमिली बच्चो और दोस्तों के लिए सौवेनियर्स, शॉल्स और बहुत कुछ ले सकते है । उम्मीद करता हु आपको मेरी यह यात्रा पसंद आयी होगी । कोई सवाल हो तो आप मेरे से कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है ।