ये ऑफिस का कोई आम दिन ही है। आप रोजाना की तरह मीटिंग करने, फाइलों को निपटाने और अपनी टू-डू लिस्ट को टिक करने में मशगूल हैं। लेकिन अचानक आपको क्या सूझता है और आप ऑफिस से भागते हुए घर जाते हैं और बैग पैक कर बस पकड़ लेते है।
उस दिन बिल्कुल ऐसा ही हुआ था, जब अहमदाबाद से ब्लू सिटी जोधपुर की यात्रा के लिए प्लानिंग की जा रही थी। लेकिन महंगे होटल और यात्रा के खर्चों ने जैसे डरा दिया और मैं इस योजना को कैंसिल करने के बारे सोचने लगा।
जैसे-तैसे यात्रा की योजना नहीं टली और मैंने अपने दिल की सुनी। ये मेरे लिए भी आँखें खोलने वाले अनुभव रहे कि यात्रा हमेशा जेब पर भारी नहीं पड़ती है। बजट होटल खोजना उतना भी मुश्किल नहीं रहा और मैंने बिना जेब पर कोई भार दिए अपनी यात्रा पूरी कर ली। यहाँ मैं आपसे उसी यात्रा की डिटेल शेयर कर रहा हूँ। अगर दिल कहता हो तो फिर घुमक्कड़ों के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है!
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कैसे पहुँचें जोधपुर?
जोधपुर, अहमदाबाद से रात भर आरामदायक यात्रा कर पहुँचा जा सकता है (450 कि.मी.); शहर तक पहुँचने के लिए ट्रेन सबसे सुविधाजनक और किफायती तरीका हैं।
बजट: स्लीपर क्लास में किराया ₹600 के आसपास या आप 3rd एसी टिकट के लिए ₹1500 के लगभग खर्च कर सकते हैं।
जोधपुर में बजट होटल
चाहे आप अकेले या किसी ग्रुप में यात्रा कर रहे हों, जेब पर भार ना देने का सबसे बढ़िया तरीका है कि हॉस्टल के कमरे को शेयरिंग बेसिस पर ले लें। शहर में कई बजट हॉस्टल हैं, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से जॉस्टेल को रिकमेंड करूंगा क्योंकि मैं हाल ही में वहाँ रहकर आया हूँ। हॉस्टल अच्छी तरह से रखे गए हैं और काफी साफ-सुथरे हैं। वहाँ आपको सभी बेसिक सुविधाएँ जैसे इंटरनेट, खाना, किचन, एसी और कुछ मज़ेदार बोर्ड गेम, खेलने के लिए एक गिटार और विश्वकप फाइनल को देखने के लिए टीवी वाला एक कमरा मिलता है (इमोशनल हो गया)।
हालाँकि, इंटरनेट आपको 4जी नहीं मिलता है, लेकिन जब आप ये सब सुविधाएँ महज ₹350 में पाते हैं तो कोई बुरा भी नहीं है (उन 3 स्टार होटलों में यही सुविधाएँ आप ₹2000 में बुक कर पाते हैं)।
आमतौर पर हॉस्टलर्स कंपनी की तलाश कर अपनी यात्रा के दौरान खाने-पीने तथा रहने के खर्चों में कटौती करते हैं। उन्हें आराम से कोई ना कोई यार-दोस्त मिल ही जाते हैं जो कि बजट को सीधे आधा या कम कर देते हैं। इसलिए शेयर करना किसी भी बजट यात्रा की पहली शर्त होती है। ऐसा करते हुए आप कई बार अजीब लोगों से मिलते हैं। यात्रा के दौरान ज्यादातर उन्हीं लोगों से पाला पड़ता है जो कि दुनिया देखने को लेकर जुनूनी होते हैं। आपको ऐसे में कई और किस्सों, तथ्यों को जानने का मौक़ा मिलता है।
बजट यात्रा के खर्च!
बजट: मात्र ₹350 में एक रात और 2 दिनों के लिए रहने की व्यवस्था।
कैसे करें जोधपुर यात्रा
जोधपुर एक छोटा शहर है और इसलिए सब कुछ लगभग कुछ किलोमीटर दूरी पर है। हालांकि, मैं पैदल चलने और सवारी ना लेने की सलाह दूंगा लेकिन आप ज़ॉस्टेल के ठीक सामने लोकल बस ले सकते हैं या फिर शेयरिंग पर रिक्शा भी ले सकते हैं। आमतौर पर इनमें आपको प्रति व्यक्ति ₹30-40 से अधिक खर्च नहीं आएगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहाँ उबर टैक्सी की सेवा मौजूद है, लेकिन खर्चों को कम रखना है तो इसे लेने से बचें।
बजट: ₹30 वन वे। आने-जाने में खर्च प्रतिदिन औसतन ₹150 ।
जोधपुर में देखने लायक बेहतरीन जगहें
मेहरानगढ़ किला
"द ब्लू सिटी" के रूप में मशहूर, जोधपुर राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। शहर की पहाड़ी की चोटी पर बसा मेहरानगढ़ किला सबसे बड़ा और सबसे शानदार भारतीय किला है। इस किले को "सूर्य का गढ़" भी कहा जाता है। किले में 7 प्रमुख द्वार हैं और हर एक प्रवेश द्वार आपको अपनी सुंदरता और वास्तुकला से हैरान कर देगा। संरचना लाल बलुआ पत्थर के साथ बनाई गई है और किले का हर भाग विभिन्न वास्तुकला शैलियों के इतिहास को बयान करता है। पराक्रमी राजा राव जोधा द्वारा निर्मित इस किले का नवीनीकरण और विस्तार महाराजा मान सिंह द्वारा जयपुर और अजमेर पर जीत हासिल करने के स्मरण स्वरूप किया गया था।
यह किला भारत के प्रसिद्ध संग्रहालयों में से एक है। प्रतिष्ठित पालकी, मिट्टी के बर्तन, मुद्रा, टेपेस्ट्री, शाही पोशाक और हथियारों के आकर्षक संग्रह को प्रदर्शित करने वाले प्रसिद्ध शस्त्रागार सबसे अनोखे जान पड़ते है। संग्रहालय आपको से 20वीं शताब्दी में वापस ले जाता है और आपको शाही जीवन शैली की कल्पना करने पर मजबूर करते हैं।
हालांकि, आप ऊपर से शहर के नीले रूप को देख सकते हैं, लेकिन शहर अब शायद ही नीला है। समय के साथ फेमस नीले क्यूब्स, जिन्हें ब्राह्मणों के निवास के रूप में चिह्नित किया गया था, को आधुनिक रंगों से सजा दिया गया है।
किले में कुछ पुरानी दुकानें और पहाड़ी पर एक कैफे भी है। मैं यहाँ से खरीदारी करने की सलाह नहीं देता हूँ क्योंकि यह थोड़ी ज्यादा महंगी साबित हो सकती है, लेकिन कैफे निश्चित रूप से कॉफी पीने लायक जगह है। किले के पास धीरे-धीरे डूबते सूरज को निहारना बेहतरीन अनुभव देता है।
किला सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक एंट्री के लिए खुला होता है। मैं लगभग 4 बजे किले को देखने और सूर्यास्त के साथ ही शहर के दृश्य का आनंद लेने की सलाह दूँगा।
भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क एकदम कम ₹60 और विदेशियों के लिए ₹500 है।
इस यात्रा के लिए बजट: ट्रांसपोर्ट(आसपास के लिए): ₹60, टिकट: ₹60, स्नैक्स: ₹150-270 ।
उम्मेद भवन
यह जोधपुर में ऐसी जगह है जिसे हर किसी को देखना चाहिए। मेहरानगढ़ किले के छत के आंगन से उमैद भवन का दृश्य इतना राजसी और भव्य है कि आपको इस महल में जाने की इच्छा होने लगती है। वर्ष 1943 में बनकर तैयार हुआ ये महल तब दुनिया का सबसे बड़ा शाही निवास था। एक छत के नीचे 347 कमरे वास्तुशिल्प का चमत्कार ही तो है।
इस तरह के एक भव्य निवास बनाने को लेकर कोई भी सवाल उठा सकता है लेकिन इसके बनाने के पीछे 1000 से अधिक किसानों को रोजगार देना प्रमुख उद्देश्य में शामिल था। खैर, सच्चे राजा अपने प्रजाजनों के हित का ध्यान रखते ही हैं!
महल के कुछ हिस्सों को संग्रहालय में बदल दिया गया है, वहीं इसका एक हिस्सा ताज होटल्स द्वारा संचालित है। इसका प्रमुख भाग अभी भी वर्तमान राजा महाराज गज सिंह का शाही निवास है। कहा जाता है कि ये महल दुनिया के सबसे शानदार होटलों में से एक है।
ऐसे भव्य होटल में रहना कैसा रहेगा! खैर, सपने देखने के तो पैसे लगते नहीं हैं, वो भी तब जब आप बजट ट्रिप पर हों!
अगर आप पुरानी कारों के शौक़ीन हैं, तो यह यात्रा आपको एड्रिनैलिन की तरह लग सकती है क्योंकि महल 1917 के बाद से शाही गाड़ियों का एक विशाल संग्रह प्रदर्शित करता है।
बजट: प्रवेश शुल्क ₹60; और परिवहन: ₹80 के आसपास।
जरूर देखें: भारत का 'छोटा ग्रीस'
शहर बेहतरीन किलों और महल से सजा हुआ है, इसका नीला भाग बेहद ही फोटोजेनिक है और अगर आपको कैमरे तस्वीरों से लगाव है तो आप फोटो लेने से खुद को नहीं रोक पाएंगे।
नवचोकिया की गली में छिपा यह नीला शहर भारत में अपनी तरह का अकेला है। मुझे इसे इंडियन ग्रीस कहना पसंद है। शहर की गर्मी में, यह नीला सिटीस्केप आँखों को बेहद सुकून देने वाला है। जटिल नक्काशी के साथ नीली दीवारें, झरोखा शैली की खिड़कियाँ और हरे भरे बुलंद दरवाज़े, एक ऐसा दृश्य है जो आपको दुनिया में कहीं और नहीं मिलेगा।
आपको गली-मोहल्लों के बीच घूमना और तलाशना होगा क्योंकि वहाँ कुछ ही गलियाँ और घर हैं जो अभी भी विकसित रूप में हैं और ये इसे और भी खास बनाता है।
यहाँ पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका क्लॉक टॉवर से रिक्शा पकड़ना है। आप सिंघवी की हवेली को लैंडमार्क के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
बजट: ₹80
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जोधपुर में कौन सी चीजें खरीदें?
राजस्थान के किसी दूसरे शहर की तरह बाज़ार रंगीन और जीवंत होने के साथ ही भीड़भाड़ वाला है। बाज़ार का हर कोना भारत को दिखाता है। पारंपरिक कपड़े, भारतीय मसाले, मोलभाव करने वाले विदेशी, विशिष्ट भारतीय दुकानदार, मिठाई की दुकानें, नमकीन की दुकानें, और अन्य कई चीजें आपको आकर्षित करेंगी।
चूंकि बाजार में आपको बहुत भीड़ देखने को मिल सकता है, लिहाज़ा धोखे से बचने के लिए यहाँ बेहतरीन दुकानों की एक छोटी सूची दी गई है, जिसे आप ट्राई कर सकते हैं।
एम एम स्पाईसेज़, घंटाघर
केला, अदरक, नींबू, शहद, अमरूद, लीची सहित कई तरह के स्वादों से भरपूर चाय आपको यहाँ मिल सकती है। आपको यहाँ एयर टाइट पैकेट में चीजें मिलती है। यहाँ सेआप नीले शहर की याद को घर ले जा सकते हैं।
ब्लू बोहेमियन
सभी विशिष्ट और पारंपरिक पोशाक और घर को सजाने के साजो-सामान यहाँ मिलते हैं।
माही सिल्वर ज्वेलरी
इस जगह को खोजने के लिए आपको थोड़ा पैदल चलना पड़ सकता है लेकिन आपको सही कीमत पर अद्भुत पारंपरिक चांदी और सोने के गहने यहाँ मिलेंगे।
जोधपुर में खाने की जगह
स्वादिष्ट मिठाइयाँ, राजस्थानी थाली, दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी ... तो खाने के लिए बहुत कुछ! लेकिन कुछ (बजट भोजन) का नाम लें तो आपको क्लॉक टॉवर के पास प्रिया रेस्तरां में राजस्थानी थाली चखनी चाहिए। मैं मखनी लस्सी पीने की सलाह देता हूँ। लेकिन मैं यह नहीं बता सकता कि कितना स्वादिष्ट है। खुद ट्राई करके देखें!
जोधपुर में खाने के लिए एक और ऐतिहासिक स्थान घंटाघर मार्केट (क्लॉक टॉवर के पास) में आमलेट की दुकान है। यह जगह पिछले 30 सालों से चल रही है। यहाँ का मालिक / रसोइया बेहद खुश दिखता है और आपको शहर के बारे में किस्सा सुनाते हुए आमलेट परोसता है। यहाँ हर किसी के स्वाद के अनुरूप एक बड़ा सा मेन्यू है। सुबह के नाश्ते और देर रात के नाश्ते के लिए बिल्कुल बढ़िया जगह है। मैं स्वादिष्ट स्पेनिश आमलेट खाना पसंद करता हूँ।
बेशक, यह हमारा नैतिक दायित्व होता है कि कुछ मिठाइयाँ घर ले जाएँ और मुझे कहना होगा कि जनता स्वीट होम से बेहतर कोई और नहीं है। भारतीय मिठाइयों, स्नैक्स के कई आइटम उपलब्ध हैं। सभी जगह मिलने वाले मिठाइयों को छोड़कर पारंपरिक राजस्थानी मिठाइयाँ, मलाई घेवर या बूंदी के लड्डू लेना बेहतर होगा। मिठाइयों के अलावा मसालेदार और तीखी प्याज़ मूंग कचौरी को ट्राई करें। मुझे यकीन है आप इसे दो बार तो जरूर लेंगे।
कुछ अन्य जगहें जहाँ आप जा सकते हैं, वे हैं जिप्सी रेस्तरां और पाल हवेली।
बजट: प्रति व्यक्ति एक बार खाना ₹100-150।
अंत में थोड़ा समय निकालें, रात में किले को देखने जाएँ और और रोशनी से नहाए शहर को निहारें। आपके ज़ेहन में ये बातें आएगी कि आप जल्द यहाँ फिर से आने वाले हैं। ये यात्रा ऐसे अनुभवों से भरा हुआ है जो आपको जीवन में कुछ स्पेशल करने को प्रेरित करता है।
कुछ शब्दों में कहें तो:
ये ट्रिप शानदार अनुभवों वाला है और आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ने वाला है।
ओह! कैलकुलेशन पर ध्यान दें: आपने अभी ₹4000 खर्च किए हैं और अगले ट्रिप के लिए आपके पास अभी भी ₹1000 बचे हैं। यात्रा जारी रखें!
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यह पोस्ट मूल रूप से 'ट्रैवलर455' पर प्रकाशित हुई थी।
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